इसलिये एलिय्याह ने उस स्थान को छोड़ा और शापात के पुत्र एलीशा की खोज में निकला। एलीशा बारह एकड़ भूमि में हल चलाता था। एलीशा आखिरी एकड़ को जोत रहा था जब एलिय्याह वहाँ आया। एलिय्याह एलीशा के पास गया। तब एलिय्याह ने अपना अंगरखा एलीशा को पहना दिया।
निर्गमन 3:1 - पवित्र बाइबल मूसा के ससुर का नाम यित्रो था। यित्रो मिद्यान का याजक था। मूसा यित्रो की भेड़ों का चरवाहा था। एक दिन मूसा भेड़ों को मरुभूमि के पश्चिम की ओर ले गया। मूसा होरेब नाम के उस एक पहाड़ को गया, जो परमेश्वर का पहाड़ था। Hindi Holy Bible मूसा अपके ससुर यित्रो नाम मिद्यान के याजक की भेड़-बकरियोंको चराता या; और वह उन्हें जंगल की परली ओर होरेब नाम परमेश्वर के पर्वत के पास ले गया। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) एक दिन मूसा अपने ससुर यित्रो, मिद्यान देश के पुरोहित, की भेड़-बकरियां चरा रहे थे। वह उन्हें निर्जन प्रदेश की पश्चिम दिशा में ले गए। वह परमेश्वर के पर्वत होरेब के पास आए। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) मूसा अपने ससुर यित्रो नामक मिद्यान के याजक की भेड़–बकरियों को चराता था; और वह उन्हें जंगल की पश्चिमी ओर होरेब नामक परमेश्वर के पर्वत के पास ले गया। नवीन हिंदी बाइबल मूसा अपने ससुर, मिद्यान के याजक, यित्रो की भेड़-बकरियों को चराता था; और वह उन्हें जंगल के पीछे की ओर होरेब नामक परमेश्वर के पर्वत के पास ले गया। सरल हिन्दी बाइबल मोशेह अपने ससुर, मिदियान के पुरोहित येथ्रो की भेड़-बकरियां चराते हुए निर्जन क्षेत्र के पश्चिम में परमेश्वर के पर्वत होरेब पर पहुंच गए. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 मूसा अपने ससुर यित्रो नामक मिद्यान के याजक की भेड़-बकरियों को चराता था; और वह उन्हें जंगल की पश्चिमी ओर होरेब नामक परमेश्वर के पर्वत के पास ले गया। |
इसलिये एलिय्याह ने उस स्थान को छोड़ा और शापात के पुत्र एलीशा की खोज में निकला। एलीशा बारह एकड़ भूमि में हल चलाता था। एलीशा आखिरी एकड़ को जोत रहा था जब एलिय्याह वहाँ आया। एलिय्याह एलीशा के पास गया। तब एलिय्याह ने अपना अंगरखा एलीशा को पहना दिया।
अत: एलिय्याह उठा। उसने खाया, पिया। भोजन ने उसे इतना शक्तिशाली बना दिया कि वह चालीस दिन और रात यात्रा कर सके। वह होरेब पर्वत तक गया जो परमेश्वर का पर्वत है।
होरेब (सीनै) पहाड़ पर मैं तुम्हारे सामने एक चट्टान पर खड़ा होऊँगा। लाठी को चट्टान पर मारो और इससे पानी बाहर आ जाएगा। तब लोग पी सकते हैं।” मूसा ने वही बातें कीं और इस्राएल के बुजुर्गों (नेताओं) ने इसे देखा।
तब यित्रो ने परमेश्वर के सम्मान में बलि तथा भेंटे दीं। तब हारून तथा इस्राएल के सभी बुजुर्ग (नेता) मूसा के ससुर यित्रो के साथ भोजन करने आए। यह उन्होंने परमेश्वर की उपासना की विशेष विधि के रूप में किया।
और तीसरे दिन मेरे लिए तैयार रहना चाहिए। तीसरे दिन मैं (यहोवा) सीनै पर्वत पर नीचे आऊँगा और सभी लोग मुझ (यहोवा) को देखेंगे।
लोगों ने रपीदीम को छोड़ दिया था और वे सीनै मरुभूमि में आ पहुँचे थे। इस्राएल के लोगों ने मरुभूमि में पर्वत के निकट डेरा डाला।
तब मूसा पर्वत के ऊपर परमेश्वर के पास गया। जब मूसा पर्वत पर था तभी पर्वत से परमेश्वर ने उससे कहा, “ये बातें इस्राएल के लोगों अर्थात् याकूब के बड़े परिवार से कहो,
द्यान में एक याजक था जिसकी सात पुत्रियाँ थीं। एक दिन उसकी पुत्रियाँ अपने पिता की भेड़ों के लिए पानी लेने उसी कुएँ पर गईं। वे कठौती को पानी से भरने का प्रयत्न कर रही थीं।
तब वे अपने पिता रुएल के पास लौट गईं। उनके पिता ने उनसे पूछा, “आज तुम लोग क्यों जल्दी घर चली आईं?”
मूसा उस आदमी के साथ ठहरने से प्रसन्न हुआ और उस आदमी ने अपनी पुत्री सिप्पोरा को मूसा की पत्नी के रूप में उसे दे दिया।
परमेश्वर ने कहा, “क्योंकि मैं तुम्हारे साथ रहूँगा। मैं तुमको भेज रहा हूँ, यह प्रमाण होगा: लोगों को मिस्र के बाहर निकाल लाने के बाद तुम आओगे और इस पर्वत पर मेरी उपासना करोगे।”
तब मूसा अपने ससुर यित्रो के पास लौटा। मूसा ने यित्रो से कहा, “मैं आपसे प्रार्थना करता हूँ कि मुझे मिस्र में अपने लोगों के पास जाने दें। मैं यह देखना चाहता हूँ कि क्या वे अभी तक जीवित हैं?” यित्रो ने मूसा से कहा, “तुम शान्तिपूर्वक जा सकते हो।”
यहोवा ने हारून से बात की थी। यहोवा ने उससे कहा था, “मरूभूमि में जाओ और मूसा से मिलो।” इसलिए हारून गया और परमेश्वर के पहाड़ पर मूसा से मिला। जब हारून ने मूसा को देखा, उसने उसे चूमा।
आमोस का सन्देश। आमोस तकोई नगर का गड़ेरिया था। यहूदा पर राजा उज्जिय्याह के शासन काल और इस्राएल पर योआश के पुत्र राजा यारोबाम के शासन काल में आमोस को इस्राएल के बारे में (अन्त) दर्शन हुआ। यह भूकम्प के दो वर्ष पूर्व हुआ।
“मूसा की व्यवस्था को याद करो और पालन करो। मूसा मेरा सेवक था। मैंने होरेब (सिनाइ) पर्वत पर उन विधियों और नियमों को उसे दिया। वे नियम इस्राएल के सभी लोगों के लिये हैं।”
रूएल का पुत्र होबाब मिद्यानी था। (रूएल मूसा का ससुर था।) मूसा ने होबाब से कहा, “हम लोग उस देश की यात्रा कर रहे हैं जिसे परमेस्वर ने हम लोगों को देने का वचन दिया है। इसलिए हम लोगों के साथा आओ, हम लोग तुम्हारे साथ अच्छा व्यवहार करेंगे। परमेस्वर ने इस्राएल के लोगों को अच्छी चीजें देने का वचन दिया है।”
इसलिए होबाब मान गया और उन्होंने यहोवा के पर्वत से यात्रा आरम्भ की। याजकों ने यहोवा के साक्षीपत्र के पवित्र सन्दूक को लिया और लोगों के आगे चले। वे डेरा डालने के स्थान की खोज में तीन दिन तक पवित्र सन्दूक ढोते रहे।
तभी वहाँ उस क्षेत्र में बाहर खेतों में कुछ गड़रिये थे जो रात के समय अपने रेवड़ों की रखवाली कर रहे थे।
“चालीस वर्ष बीत जाने के बाद सिनाई पर्वत के पास मरुभूमि में एक जलती झाड़ी की लपटों के बीच उसके सामने एक स्वर्गदूत प्रकट हुआ।
“यहोवा, हमारे परमेश्वर ने होरेब (सीनै) पर्वत पर हमसे कहा। उसने कहा, ‘तुम लोग काफी समय तक इस पर्वत पर ठहर चुके हो।
उस दिन को याद रखो जब तुम होरेव (सीनै) पर्वत पर अपने यहोवा परमेश्वर के सामने खड़े थे। यहोवा ने मुझसे कहा, मैं जो कुछ कहता हूँ, उसे सुनने के लिए लोगों को इकट्ठा करो। तब वे मेरा सम्मान सदा करना सीखेंगे जब तक वे घरती पर रहेंगे। और वे ये उपदेश अपने बच्चों को भी देंगे।
वहाँ हेबेर नामक एक ऐसा व्यक्ति था जो केनी लोगों में से था। हेबेर अन्य केनी लोगों को छोड़ चुका था। (केनी लोग होबाब के वंशज थे। होबाब मूसा का ससुर था।) हेबेर ने अपना घर सानन्नीम स्थान पर बांज के पेड़ के समीप बनाया था। सानन्नीम केदेश नगर के पास है।
तब शमूएल ने यिशै से पूछा, “क्या तुम्हारे सभी पुत्र ये ही हैं?” यिशै ने उत्तर दिया, “नहीं, मेरा सबसे छोटा एक और पुत्र है, किन्तु वह भेड़ों की रखवाली कर रहा है।” शमूएल ने कहा, “उसे बुलाओ। उसे यहाँ लाओ। हम लोग तब तक खाने नहीं बैठेंगे जब तक वह आ नहीं जाता।”