राजा दाऊद ने नातान नबी से कहा, “देखो, मैं देवदारू की लकड़ी से बने महल में रह रहा हूँ। किन्तु परमेश्वर का पवित्र सन्दूक अब भी तम्बू में रखा हुआ है।”
निर्गमन 26:1 - पवित्र बाइबल यहोवा ने मूसा से कहा, “पवित्त्र तम्बू दस कनातों से बनाओ। इन कनातों को अच्छे रेशम तथा नीले, लाल और बैंगनी कपड़ों से बनाओ। किसी कुशल कारीगर को चाहिए कि वह करूबों को पंख सहित कनातों पर काढ़े। Hindi Holy Bible फिर निवासस्थान के लिये दस परदे बनवाना; इन को बटी हुई सनी वाले और नीले, बैंजनी और लाल रंग के कपड़े का कढ़ाई के काम किए हुए करूबों के साथ बनवाना। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ‘तू दस परदों का एक निवास-स्थान बनाना। ये परदे पतले सूत से बुने हुए नीले, बैंजनी और लोहित रंग के वस्त्र के होने चाहिए। तू उन पर कुशलता से करूबों के चित्रों की कढ़ाई करना। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “फिर निवास–स्थान के लिये दस परदे बनवाना; इनको बटी हुई सनीवाले और नीले, बैंजनी और लाल रंग के कपड़े का कढ़ाई के काम किए हुए करूबों के साथ बनवाना। नवीन हिंदी बाइबल “तू निवासस्थान को दस परदों से बनवाना; ये परदे बटे हुए महीन मलमल और नीले, बैंजनी तथा लाल रंग के कपड़ों के बने हों, और उन पर करूबों के चित्रों की कढ़ाई करवाना। सरल हिन्दी बाइबल “फिर पवित्र स्थान के लिए कुशल कारीगरों द्वारा दस पर्दे बनाना, जो बंटी हुई मलमल और नीले, बैंगनी और लाल रंग के कपड़ों से बने हों और उस पर कढ़ाई के काम किए हुए करूबों के चित्र हों. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “फिर निवास-स्थान के लिये दस पर्दे बनवाना; इनको बटी हुई सनीवाले और नीले, बैंगनी और लाल रंग के कपड़े का कढ़ाई के काम किए हुए करूबों के साथ बनवाना। |
राजा दाऊद ने नातान नबी से कहा, “देखो, मैं देवदारू की लकड़ी से बने महल में रह रहा हूँ। किन्तु परमेश्वर का पवित्र सन्दूक अब भी तम्बू में रखा हुआ है।”
मुख्य कक्ष और भीतरी कक्ष के चारों ओर की दीवारों पर करूब (स्वर्गदूतों) ताड़ के वृक्षों और फूल के चित्र उकेरे गए थे।
दाऊद ने अपने घर चले जाने के बाद नातान नबी से कहा, “देखो, मैं देवदारू से बने घर में रह रहा हूँ, किन्तु यहोवा का साक्षीपत्र का सन्दूक तम्बू में रखा है। मैं परमेश्वर के लिये एक मन्दिर बनाना चाहता हूँ।”
(पवित्र तम्बू और होमबलि की वेदी उच्च स्थान पर गिबोन नगर में थी। मूसा ने पवित्र तम्बू को तब बनाया था जब इस्राएल के लोग मरुभूमि में थे।
तब दो करूब बनाओ और उन्हें ढक्कन के दोनों सिरों पर लगाओ। इन करूबों को बनाने के लिए स्वर्ण पत्रों का उपयोग करो।
परमेश्वर ने यह भी कहा, “लोग मेरे लिए एक पवित्र तम्बू बनाएंगे। तब मैं उनके साथ रह सकूँगा।
“सन के अच्छे रेशों का उपयोग करो और तम्बू के भीतरी भाग के लिए एक विशेष पर्दा बनाओ। इस पर्दे को नीले, बैंगनी और लाल रंग के कपड़े से बनाओ। करूब के प्रतिरूप कपड़े में काढ़ो।
“तब तम्बू के मुख्य द्वार के लिए एक पर्दा बनाओ। इस पर्दे को बनाने के लिए नीले बैंगनी, लाल कपड़े तथा सन के उत्तम रेशों का उपयोग करो और कपड़े में चित्रों की कढ़ाई करो।
मिलापवाला तम्बू, साक्षीपत्र का सन्दूक, सन्दूक को ढकने वाला ढक्कन, मिलापवाले तम्बू का साजोसामान,
पवित्र तम्बू, इसका बाहरी तम्बू, और इसका आच्छादन, छल्ले, तख्ते, पट्टियाँ, स्तम्भ और आधार;
यहोवा ने इन दोनों व्यक्तियों को सभी प्रकार का काम करने की विशेष निपुणता दे रखी है। वे बढ़ई और ठठेरे का काम करने की निपुणता रखते हैं, वे नीले, बैंगनी, और लाल कपड़े और सन के उत्तम रेशों में चित्रों को काढ़ कर उन्हें सी सकते हैं और वे ऊन से भी चीजों को बुन सकते हैं।”
तब उसने सर्वाधिक पवित्र स्थान के द्वार के लिये पर्दे बनाए। उसने सन के उत्तम रेशों और नीले लाल तथा बैगनी कपड़े का उपयोग किया। उसने सन के उत्तम रेशों में करूबों का चित्र काढ़ा।
(उन्होंने सोने को बारीक पट्टियों के रूप में पीटा और तब उन्होंने उसे लम्बे धागो के रूप में काटा। उन्होंने सोने को नीले, बैंगनी, लाल कपड़ों और सन के उत्तम रेशों में बुना। इसे निपुणता के साथ किया गया।)
मिलापवाले तम्बू में गेर्शोन वंशी लोग पवित्र तम्बु, आच्छादन और बाहरी तम्बू की देखभाल का कार्य करने वाले थे। वे मिलापवाले तम्बू के प्रवेश द्वार के पर्दे कि भी देखभाल करते थे।
इन्हें पवित्र तम्बू के पर्दे, मिलापवाले तम्बू, इसके आवरण और सुइसों के चमड़ें से बना आवरण ले चलना चाहिए। उन्हें मिलापवाले तम्बू के द्वार के पर्दे भी ले चलना चाहिए।
उस आदि शब्द ने देह धारण कर हमारे बीच निवास किया। हमने परम पिता के एकमात्र पुत्र के रूप में उसकी महिमा का दर्शन किया। वह करुणा और सत्य से पूर्ण था।
वह उस पवित्र गर्भगृह में यानी सच्चे तम्बू में जिसे परमेश्वर ने स्थापित किया था, न कि मनुष्य ने, सेवा कार्य करता है।
एक तम्बू बनाया गया था जिसके पहले कक्ष में दीपाधार थे, मेज़ थी और भेंट की रोटी थी। इसे पवित्र स्थान कहा जाता था।
यह आज के युग के लिए एक प्रतीक है जो यह दर्शाता है कि वे भेंटे और बलिदान जिन्हें अर्पित किया जा रहा है, उपासना करने वाले की चेतना को शुद्ध नहीं कर सकतीं।
उसको अनुमति मिली स्वच्छ धवल पहन ले वह निर्मल मलमल!” (यह मलमल संत जनों के धर्ममय कार्यों का प्रतीक है।)
तभी मैंने आकाश में एक ऊँची ध्वनि सुनी। वह कह रही थी, “देखो अब परमेश्वर का मन्दिर मनुष्यों के बीच है और वह उन्हीं के बीच घर बनाकर रहा करेगा। वे उसकी प्रजा होंगे और स्वयं परमेश्वर उनका परमेश्वर होगा।