नहेम्याह 9:6 - पवित्र बाइबल तू तो परमेश्वर है! यहोवा, बस तू ही परमेश्वर है! आकाश को तूने बनाया है! सर्वोच्च आकाशों की रचना की तूने, और जो कुछ है उनमें सब तेरा बनाया है! धरती की रचना की तूने ही, और जो कुछ धरती पर है! सागर को, और जो कुछ है सागर में! तूने बनाया है हर किसी वस्तु को जीवन तू देता है! सितारे सारे आकाश के, झुकते हैं सामने तेरे और उपासना करते हैं तेरी! Hindi Holy Bible तू ही अकेला यहोवा है; स्वर्ग वरन सब से ऊंचे स्वर्ग और उसके सब गण, और पृथ्वी और जो कुछ उस में है, और समुद्र और जो कुछ उस में है, सभों को तू ही ने बनाया, और सभों की रक्षा तू ही करता है; और स्वर्ग की समस्त सेना तुझी को दण्डवत करती हैं। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) एज्रा ने कहा, ‘प्रभु, केवल तू ही प्रभु है! तूने ही आकाश को, सर्वोच्च आकाश को, नक्षत्रों और तारों को बनाया है। तूने पृथ्वी और सागर को, तथा उनमें जो कुछ है, उन-सब को रचा है। तू उनका पालन-पोषण भी करता है। प्रभु, स्वर्ग की सेना तेरी वन्दना करती है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “तू ही अकेला यहोवा है; स्वर्ग वरन् सबसे ऊँचे स्वर्ग और उसके सब गण, और पृथ्वी और जो कुछ उसमें है, और समुद्र और जो कुछ उसमें है, सभों को तू ही ने बनाया, और सभों की रक्षा तू ही करता है; और स्वर्ग की समस्त सेना तुझी को दण्डवत् करती है। सरल हिन्दी बाइबल वह याहवेह तो सिर्फ आप ही हैं. आकाशमंडल के बनानेवाले आप ही हैं. आकाशमंडल और सारे नक्षत्र, यह पृथ्वी और उस पर की सारी वस्तुएं, सागर और उनमें की सारी वस्तुएं, आपने उन सबको जीवन दिया है. आकाश की शक्तियां आपके सामने झुककर आपको दंडवत करती हैं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “तू ही अकेला यहोवा है; स्वर्ग वरन् सबसे ऊँचे स्वर्ग और उसके सब गण, और पृथ्वी और जो कुछ उसमें है, और समुद्र और जो कुछ उसमें है, सभी को तू ही ने बनाया, और सभी की रक्षा तू ही करता है; और स्वर्ग की समस्त सेना तुझी को दण्डवत् करती हैं। (व्यव. 6:4, निर्ग. 20:11) |
और तब परमेश्वर ने कहा, “पृथ्वी का जल एक जगह इकट्ठा हो जिससे सूखी भूमि दिखाई दे” और ऐसा ही हुआ।
जब याकूब ने उन्हें देखा तो कहा, “यह परमेश्वर का पड़ाव है।” इसलिए याकूब ने उस जगह का नाम महनैम रखा।
किन्तु मीकायाह यहोवा का माध्यम बना कहता ही रहा। उसने कहा, “सुनो! ये वे शब्द हैं जिन्हें यहोवा ने कहा है। मैंने यहोवा को स्वर्ग में अपने सिंहासन पर बैठे देखा। उसके दूत उसके समीप खड़े थे।
“किन्तु परमेस्वर, क्या तू सचमुच इस पृथ्वी पर हम लोगों के साथ रहेगा तुझको सारा आकाश और स्वर्ग के उच्चतम स्थान भी धारण नहीं कर सकते। निश्चय ही यह मन्दिर भी, जिसे मैंने बनाया है, तुझको धारण नहीं कर सकता।
हिजकिय्याह ने यहोवा के सामने प्रार्थना की और कहा, “यहोवा इस्राएल का परमेश्वर! तू करूब (स्वर्गदूतों) पर सम्राट की तरह बैठता है। तू ही केवल सारी पृथ्वी के राज्यों का परमेश्वर है। तूने पृथ्वी और आकाश को बनाया।
अतः यहोवा, हमारा परमेश्वर, अब तो अश्शूर के राजा से बचा। तब पृथ्वी के सारे राज्य समझेंगे कि यहोवा, तू ही केवल परमेश्वर है।”
इसके बाद लेवीवंशी येशू, कदमीएल, बानी, हशबन्याह, शेरेब्याह, होदियाह, शबन्याह और पतहयाह ने फिर कहा। वे बोले: “खड़े हो जाओ और अपने यहोवा परमेश्वर की स्तुति करो! “परमेश्वर सदा से जीवित था! और सदा ही जीवित रहेगा! लोगों को चाहिये कि स्तुति करें तेरे महिमावान नाम की! सभी आशीषों से और सारे गुण—गानों से नाम ऊपर उठे तेरा!
हे सब उसके सैनिकों, यहोवा के गुण गाओ, तुम उसके सेवक हो। तुम वही करते हो जो परमेश्वर चाहता है।
यहोवा ने स्वर्ग और धरती को बनाया है। यहोवा ने सागर और उसमें की हर वस्तु बनाई है। यहोवा उनको सदा रक्षा करेगा।
यहोवा ने आदेश दिया और सृष्टि तुरंत अस्तित्व में आई। परमेश्वर के श्वास ने धरती पर हर वस्तु रची।
हे यहोवा, तेरी धार्मिकता सर्वोच्च पर्वत से भी ऊँची है। तेरी शोभा गहरे सागर से गहरी है। हे यहोवा, तू मनुष्यों और पशुओ का रक्षक है।
“इस्राएल के परमेश्वर सर्वशक्तिमान यहोवा, तू राजा के समान करुब (स्वर्गदूतों) पर विराजता है। तू और बस केवल तू ही परमेश्वर है, जिसका धरती के सभी राज्यों पर शासन है। तूने स्वर्गों और धरती की रचना की है।
सो अब हे हमारे परमेश्वर यहोवा। अब कृपा करके अश्शूर के राजा की शक्ति से हमारी रक्षा कर। ताकि धरती के सभी राज्यों को भी पता चल जाये कि तू यहोवा है और तू ही हमारा एकमात्र परमेश्वर है!”
यहोवा कहता है, “तुम ही लोग तो मेरे साक्षी हो। तू मेरा वह सेवक है जिसे मैंने चुना है। मैंने तुझे इसलिए चुना है ताकि तू समझ ले कि ‘वह मैं ही हूँ’ और मुझ में विश्वास करे। मैं सच्चा परमेश्वर हूँ। मुझसे पहले कोई परमेश्वर नहीं था और मेरे बाद भी कोई परमेश्वर नहीं होगा।
यहोवा इस्राएल का राजा है। सर्वशक्तिमान यहोवा इस्राएल की रक्षा करता है। यहोवा कहता है, “परमेश्वर केवल मैं ही हूँ। अन्य कोई परमेश्वर नहीं है। मैं ही आदि हँ। मैं ही अंत हूँ।
“डरो मत, चिंता मत करो! जो कुछ घटने वाला है, वह मैंने तुम्हें सदा ही बताया है। तुम लोग मेरे साक्षी हो। कोई दूसरा परमेश्वर नहीं है। केवल मैं ही हूँ। कोई अन्य ‘शरणस्थान’ नहीं है। मैं जानता हूँ केवल मैं ही हूँ।”
सो देख, मैंने धरती बनायी और वे सभी लोग जो इस पर रहते हैं, मेरे बनाये हुए हैं। मैंने स्वयं अपने हाथों से आकाशों की रचना की, और मैं आकाश के सितारों को आदेश देता हूँ।
“परमेश्वर यहोवा, तूने पृथ्वी और आकाश बनाया। तूने उन्हें अपनी महान शक्ति से बनाया। तेरे लिये कुछ भी करना अति कठिन नहीं है।
तब मैंने उनको अपने नियम दिये। मैंने उनको सारे नियम बताये। यदि कोई व्यक्ति उन नियमों का पालन करेगा तो वह जीवित रहेगा।
योना ने लोगों से कहा, “मैं एक हीब्रू (यहूदी) हूँ और स्वर्ग के परमेश्वर यहोवा की उपासना करता हूँ। वह वही परमेश्वर है, जिसने सागर और धरती को रचा है।”
जब उन्होंने यह सुना तो मिल कर ऊँचे स्वर में वे परमेश्वर को पुकारते हुए बोले, “स्वामी, तूने ही आकाश, धरती, समुद्र और उनके अन्दर जो कुछ है, उसकी रचना की है।
“हर एक चीज, यहोवा तुम्हारे परमेश्वर की है। स्वर्ग, सबसे ऊँचा भी उसी का है। पृथ्वी और उस पर की सार चीजें यहोवा तुम्हारे परमेश्वर की हैं।
देखो, अब केवल मैं ही परमेश्वर हूँ। नहीं अन्य कोई भी परमेश्वर मैं ही निश्चय करता लोगों को जीवित रखूँ या मारूँ। मैं लोगों को दे सकता हूँ चोट और ठीक भी रख सकत हूँ। और न बचा सकता कोई किसी को मेरी शक्ति के बाहर।
वह पुत्र परमेश्वर की महिमा का तेज-मंडल है तथा उसके स्वरूप का यथावत प्रतिनिधि। वह अपने समर्थ वचन के द्वारा सब वस्तुओं की स्थिति बनाये रखता है। सबको पापों से मुक्त करने का विधान करके वह स्वर्ग में उस महामहिम के दाहिने हाथ बैठ गया।
और फिर वह जब अपनी प्रथम एवं महत्त्वपूर्ण संतान को संसार में भेजता है तो कहता है, “परमेश्वर के सब स्वर्गदूत उसकी उपासना करें।”
ऊँचे स्वर में वह बोला, “परमेश्वर से डरो और उसकी स्तुति करो। क्योंकि उसके न्याय करने का समय आ गया है। उसकी उपासना करो, जिसने आकाश, पृथ्वी, सागर और जल-स्रोतों की रचना की है।”
“हे हमारे प्रभु और हमारे परमेश्वर! तू ही महिमा, आदर और शक्ति पाने को सुयोग्य है। क्योंकि तूने ही अपनी इच्छा से सभी वस्तु सृजी हैं। तेरी ही इच्छा से उनका अस्तित्व है। और तेरी ही इच्छा से हुई है उनकी सृष्टि।”