जब राजा ने व्यवस्था की पुस्तक के शब्दों को सुना, उसने अपना दुःख और परेशानी प्रकट करने के लिये अपने वस्त्रों को फाड़ डाला।
नहेम्याह 8:9 - पवित्र बाइबल इसके बाद राज्यपाल नहेमायाह याजक तथा शिक्षक एज्रा तथा लेवीवंश के लोग जो लोगों को शिक्षा दे रहे थे, बोले। उन्होंने कहा, “आज का दिन तुम्हारे परमेश्वर यहोवा का विशेष दिन है दु:खी मत होओ, विलाप मत करो।” उन्होंने ऐसा इसलिये कहा था कि लोग व्यवस्था के विधान में परमेश्वर का सन्देश सुनते हुए रोने लगे थे। Hindi Holy Bible तब नहेमायाह जो अधिपति था, और एज्रा जो याजक और शास्त्री था, और जो लेवीय लोगों को समझा रहे थे, उन्होंने सब लोगों से कहा, आज का दिन तुम्हारे परमेश्वर यहोवा के लिये पवित्र है; इसलिये विलाप न करो और न रोओ। क्योंकि सब लोग व्यवस्था के वचन सुनकर रोते रहे। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जब लोगों ने व्यवस्था के शब्द सुने तब वे रोने लगे। राज्यपाल नहेम्याह, पुरोहित एवं शास्त्री एज्रा तथा समाज के धर्म-शिक्षक उपपुरोहितों ने समस्त इस्राएली जन-समूह से कहा, ‘आज का दिन हमारे प्रभु परमेश्वर के लिए पवित्र है; इसलिए शोक मत मनाओ, और न रोओ।’ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब नहेम्याह जो अधिपति था, और एज्रा जो याजक और शास्त्री था, और जो लेवीय लोगों को समझा रहे थे, उन्होंने सब लोगों से कहा, “आज का दिन तुम्हारे परमेश्वर यहोवा के लिये पवित्र है; इसलिये विलाप न करो और न रोओ।” क्योंकि सब लोग व्यवस्था के वचन सुनकर रोते रहे। सरल हिन्दी बाइबल तब नेहेमियाह ने, जो राज्यपाल थे, पुरोहित एज़्रा ने, जो व्यवस्था के ज्ञानी थे और लेवियों ने, जो सभी लोगों के शिक्षक थे, घोषणा की: “याहवेह तुम्हारे परमेश्वर के सामने यह दिन पवित्र है; न तो शोकित होओ, और न ही रोओ,” क्योंकि व्यवस्था के वचन सुनकर सभी लोग रोने लगे थे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब नहेम्याह जो अधिपति था, और एज्रा जो याजक और शास्त्री था, और जो लेवीय लोगों को समझा रहे थे, उन्होंने सब लोगों से कहा, “आज का दिन तुम्हारे परमेश्वर यहोवा के लिये पवित्र है; इसलिए विलाप न करो और न रोओ।” क्योंकि सब लोग व्यवस्था के वचन सुनकर रोते रहे। |
जब राजा ने व्यवस्था की पुस्तक के शब्दों को सुना, उसने अपना दुःख और परेशानी प्रकट करने के लिये अपने वस्त्रों को फाड़ डाला।
राजा हिजकिय्याह ने उन सभी लेवीवंशियों को उत्साहित किया जो अच्छी तरह समझ गये थे कि यहोवा की सेवा कैसे की जाती है। लोगों ने सात दिन तक पर्व मनाया और मेलबलि चढ़ाई। उन्होंने अपने पूर्वजों के यहोवा परमेश्वर को धन्यवाद दिया और उसकी स्तुति की।
राजा ने कहा, “जाओ, मेरे लिये तथा इस्राएल और यहूदा में जो लोग बचे हैं उनके लिये यहोवा से याचना करो। जो पुस्तक मिली है उसके कथनों के बारे में पूछो। यहोवा हम लोगों पर बहुत क्रोधित है क्योंकि हमारे पूर्वजों ने यहोवा के कथनों का पालन नहीं किया। उन्होंने वे सब काम नहीं किये जो यह पुस्तक करने को कहती है!”
योशिय्याह ने उन लेवीवंशियों से बातें कीं जो इस्राएल के लोगों को उपदेश देते थे तथा जो यहोवा की सेवा के लिये पवित्र बनाए गए थे। उसने उन लेवीवंशियों से कहा: “पवित्र सन्दूक को उस मन्दिर में रखो जिसे सुलैमान ने बनाया। सुलैमान दाऊद का पुत्र था। दाऊद इस्राएल का राजा था। पवित्र सन्दूक को अपने कंधों पर फिर एक स्थान से दूसरे स्थान पर मत ले जाओ। अब अपने यहोवा परमेश्वर की सेवा करो। परमेश्वर के लोगों अर्थात् इस्राएल के लोगों की सेवा करो।
प्रशासक ने इन लोगों को आदेश दिया कि ये लोग कोई भी पवित्र भोजन न करें। वे तब तक इस पवित्र भोजन को नहीं खा सकते जब तक एक याजक जो ऊरीम और तुम्मीम का उपयोग करके यहोवा से न पूछे कि क्या किया जाये।
एज्रा एक याजक और शिक्षक था। इस्राएल को यहोवा द्वारा दिये गए आदेशों और नियमों के बारे में वह पर्याप्त ज्ञान रखता था। यह उस पत्र की प्रतिलिपि है जिसे राजा अर्तक्षत्र ने उपदेशक एज्रा को दिया था।
मुहर लगी वाचा पर निम्न लिखित नाम लिखे थे: हकल्याह का पुत्र राज्यपाल नहेमायाह। सिदकिय्याह,
ये द्वारपाल योयाकीम के दिनों में सेवा कार्य किया करते थे। योयाकीम योसादाक के पुत्र येशू का पुत्र था। इन द्वारपालों ने ही राज्यपाल नहेमायाह और याजक और विद्वान एज्रा के दिनों में सेवा कार्य किया था।
सो राज्यपाल ने उन्हें एक आदेश दिया जिसके तहत वे किसी भी अति पवित्र भोजन को नहीं खा सकते थे। उस भोजन में से वे उस समय तक कुछ भी नहीं खा सकते थे जब तक ऊरीम और तुम्मीम का उपयोग करने वाला महायाजक इस बारे में परमेश्वर की अनुमति न ले ले।
परिवार के कुछ मुखियाओं ने उस काम को बढ़ावा देने के लिए धन दिया था। राज्यपाल के द्वारा निर्माण—कोष में उन्नीस पौंड सोना दिया गया था। उसने याजकों के लिये पचास कटोरे और पाँच सौ तीस जोड़ी कपड़े भी दिये थे।
सो याजक एज्रा परस्पर इकट्ठे हुए। उन लोगों के सामने व्यवस्था के विधान की पुस्तक को ले आया। उस दिन महीने की पहली तारीख़ थी और वह महीना वर्ष का सातवाँ महीना था। उस सभा में पुरुष थे, स्त्रियाँ थीं, और वे सभी थे जो बातों को सुन और समझ सकते थे।
एक समय होता है रोने—विलाप करने का, और एक समय होता है करने का अट्टाहस। एक समय होता है होने का दुःख मग्न, और एक समय होता है उल्लास भरे नाचका।
सिय्योन के दु:खी लोगों को आदर देना (अभी तो उनके पास बस राख हैं); सिय्योन के लोगों को प्रसन्नता का स्नेह प्रदान करना; (अभी तो उनके पास बस दु:ख हैं) सिय्योन के लोगों को परमेश्वर की स्तुति के गीत प्रदान करना (अभी तो उनके पास बस उनके दर्द हैं); सिय्योन के लोगों को उत्सव के वस्त्र देना (अभी तो उनके पास बस उनके दु:ख ही हैं।) उन लोगों को ‘उत्तमता के वृक्ष’ का नाम देना; उन लोगों को यहोवा के अद्भुत वृक्ष की संज्ञा देना।”
“मेरी प्रजा का विनाश हुआ क्योंकि उनके पास कोई ज्ञान नहीं था किन्तु तुमने तो सीखने से ही मना कर दिया। सो मैं तुम्हें अपना याजक बनने का निषेध कर दूँगा। तुमने अपने परमेश्वर के विधान को भुला दिया है। इसलिये मैं तुम्हारी संतानों को भूल जाऊँगा।
“इस्राएल के लोगों से कहो: सातवें महीने के प्रथम दिन तुम्हें आराम का विशेष दिन मानना चाहिए। उस दिन एक धर्म सभा होगी। तुम्हें इसे मनाने के लिए तुरही बजानी चाहिए।
तुम रो सकते हो और यहोवा की वेदी को आंसुओं से ढक सकते हो, किन्तु यहोवा तुम्हारी भेंट स्वीकार नहीं करेगा। यहोवा उन चीज़ों से प्रसन्न नहीं होगा, जिन्हें तुम उसके पास लाओगे।
व्यवस्था के कामों से कोई भी व्यक्ति परमेश्वर के सामने धर्मी सिद्ध नहीं हो सकता। क्योंकि व्यवस्था से जो कुछ मिलता है, वह है पाप की पहचान करना।
एक समय मैं बिना व्यवस्था के ही जीवित था, किन्तु जब व्यवस्था का आदेश आया तो पाप जीवन में उभर आया।
उस स्थान पर तुम अपने सभी लोगों, अपने बच्चों, सभी सेवकों और अपने नगर में रहने वाले सभी लेवीवंशियों के साथ इकट्ठे होओ। (ये लेवीवंशी अपने लिए भूमि का कोई भाग नहीं पाएंगे।) यहोवा अपने परमेश्वर के साथ वहाँ आनन्द मनाओ।
तुम और तुम्हारे परिवार वहाँ भोजन करेंगे और यहोवा तुम्हारा परमेश्वर वहाँ तुम्हारे साथ होगा। जिन अच्छी चीजों के लिये तुमने काम किया है उसका भोग तुम करोगे, क्योंकि यहोवा तुम्हारे परमेश्वर ने तुमको आशीर्वाद दिया है।
उस स्थान पर जाओ जिसे यहोवा अपने विशेष निवास के रूप में चुनेगा। वहाँ तुम और तुम्हारे लोग, यहोवा अपने परमेश्वर के साथ आनन्द का समय बिताएंगे। अपने सभी लोगों, अपने पुत्रों, अपनी पुत्रियों और अपने सभी सेवकों को वहाँ ले जाओ और अपने नगर में रहने वाले लेवीवंशियों, विदेशियों, अनाथों और विधवाओं को भी साथ में ले जाओ।
मैंने यह भोजन तब नहीं किया जब मैं शोक मना रहा था। मैंने इस अन्न को तब अलग नहीं किया जब मैं अपवित्र था। मैंने इस अन्न में से कोई भाग मरे व्यक्ति के लिये नहीं दिया है। मैंने यहोवा, मेरे परमेश्वर, तेरी आज्ञाओं का पालन किया है। मैंने वह सब कुछ किया है जिसके लिये तूने आदेश दिया है।
शोक करो, विलाप करो और दुःखी होओ। हो सकता है तुम्हारे ये अट्टहास शोक में बदल जाए और तुम्हारी यह प्रसन्नता विषाद में बदल जाए।