परमेश्वर किसी व्यक्ति को बहुत सा धन देता है, सम्पत्तियाँ देता है और आदर देता है। उस व्यक्ति के पास उसकी आवश्यकता की वस्तु होती है और जो कुछ भी वह चाह सकता है वह भी होता है। किन्तु परमेश्वर उस व्यक्ति को उन वस्तुओं का भोग नहीं करने देता। तभी कोई अजनबी आता है और उन सभी वस्तुओं को छीन लेता है। यह एक बहुत बुरी और व्यर्थ बात है।
शोमरोन को देखो! एप्रैम के मदमस्त लोग उस नगर पर गर्व करते हैं। वह नगर पहाड़ी पर बसा है जिसके चारों तरफ एक सम्पन्न घाटी है। शोमरोन के वासी यह सोचा करते हैं कि उनका नगर फूलों के मुकुट सा है। किन्तु वे दाखमधु से धुत्त हैं और यह “सुन्दर मुकुट” मुरझाये पौधे सा है।
और देखो अब मैं, नबूकदनेस्सर स्वर्ग के राजा की स्तुति करता हूँ तथा उसे आदर और महिमा देता हूँ। वह जो कुछ करता है, ठीक करता है। वह सदा न्यायपूर्ण है। उसमें अहंकारी लोगों को विनम्र बना देने की क्षमता है!
मैं अशदोद में राजसिंहासन पर बैठने वाले व्यक्ति को नष्ट करूँगा। मैं अश्कलोन में राजदण्ड धारण करने वाले राजा को नष्ट करूँगा। मैं एक्रोन के लोगों को दण्ड दूँगा। तब अभी तक जीवित बचे पलिश्ती मरेंगे।” परमेश्वर यहोवा ने यह सब कहा।
“अश्कलोन में रहने वाले लोग इन घटनाओं को देखेंगे और वे डरेंगे। अज्जा के लोग भय से काँप उठेगे और एक्रोन के लोग सारी आशएँ छोङ देंगे, जब वे उन घटनाओं को घटित होते देखेंगे। अज्जा में कोई राजा बचा नहीं रहेगा। कोई भी व्यक्ति अब अश्कलोन में नहीं रहेगा।
वे रक्त सहित माँस को या कोई भी वर्जीत भोजन नहीं खायेंगे। कोई भी बचा पलिश्ती हमारे राष्ट्र का अंग बनेगा। वे यहूदा में एक नया परिवार समूह होंगे। एक्रोन के लोग हमारे लोगों के एक भाग होंगे जैसा कि यबूसी लोग बन गए। मैं अपने देश की रक्षा करूँगा।
इसी प्रकार हे नव युवकों! तुम अपने धर्मवृद्धों के अधीन रहो। तुम एक दूसरे के प्रति विनम्रता धारण करो, क्योंकि “परमेश्वर अभिमानियों का विरोध करता है किन्तु दीन जनों पर सदा अनुग्रह रहता है।”