नबियों में से एक सिदकिय्याह नामक व्यक्ति था। वह कनाना का पुत्र था। सिदकिय्याह ने कुछ लोहे की सींगें बनाईं। तब उसने अहाब से कहा, “यहोवा कहता है, ‘तुम लोहे की इन सींगों का उपयोग अराम की सेना के विरुद्ध लड़ने में करोगे। तुम उन्हें हराओगे और उन्हें नष्ट करोगे।’”
अश्शूर का राजा तिग्लत्पिलेसेर इस्राएल के विरुद्ध लड़ने आया। यह वही समय था जब पेकह इस्राएल का राजा था। तिग्लत्पिलेसेर ने इय्योन, अबेल्बेत्माका, यानोह, केदेश, हासोर, गिलाद गालील और नप्ताली के सारे क्षेत्र पर अधिकार कर लिया। तिग्लत्पिलेसेर इन स्थानों से लोगों को बन्दी बनाकर अश्शूर ले गया।
स्वर्गदूत ने कहा, “लोगों से यह भी कहो: ‘सर्वशक्तिमान यहोवा कहता है, मेरे नगर फिर सम्पन्न होंगे, मैं सिय्योन को आराम दूँगा। मैं यरूशलेम को अपना विशेष नगर चुनूँगा।’”
तब मैंने उस दूत से जो मुझसे बातें कर रहा था, पूछा, “इन सींगों का अर्थ क्या हैं” उसने कहा, “ये वे सींगे है, जिन्होंने इस्राइल, यहूदा और यरूशलेम के लोगों को विदेशों में जाने को विवश किया।”
तब मैंने नजर उठाई और दो स्त्रियों को सारस के समान पंख सहित देखा। वे उङी और अपने पंखों में हवा के साथ उन्होंने टोकरी को उठा लि या। वे टोकरी लिये हवा में उङती रहीं।
जब यहोशू यरीहो के निकट था तब उसने ऊपर आँख उठायी और उसने अपने सामने एक व्यक्ति को देखा। उस व्यक्ति के हाथ में तलवार थी। यहोशू उस व्यक्ति के पास गया और उससे पूछा, “क्या तुम हमारे मित्रों में से कोई हो या हमारे शत्रुओं में से?”