गिनती 35:32 - पवित्र बाइबल
“यदि किसी व्यक्ति ने किसी को मारा और वह भाग कर किसी ‘सुरक्षा नगर’ में गया, तो घर लौटने के लिये उससे धन न लो। उस व्यक्ति को उस नगर में तब तक रहना पड़ेगा जब तक याजक न मरे।
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और जो किसी शरणस्थान में भागा हो उसके लिये भी इस मतलब से जुरमाना न लेना, कि वह याजक के मरने से पहिले फिर अपने देश मे रहने को लौटने पाएं।
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तुम उस व्यक्ति से भी उद्धार का शुल्क मत लेना, जिसने शरण-नगर में भाग कर शरण ली है, और जो महापुरोहित की मृत्यु के पूर्व ही अपनी भूमि को लौटकर वहाँ निवास करना चाहता है।
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और जो किसी शरणनगर में भागा हो उसके लिये भी इस मतलब से जुरमाना न लेना, कि वह याजक के मरने से पहले फिर अपने देश में रहने को लौटने पाए।
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“ ‘तुम उस व्यक्ति से बदले में मूल्य नहीं लोगे, जो अपने शरण शहर से भागा हुआ है, कि वह महापुरोहित की मृत्यु के पहले ही अपने देश जाकर रह सके.
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और जो किसी शरणनगर में भागा हो उसके लिये भी इस मतलब से जुर्माना न लेना, कि वह याजक के मरने से पहले फिर अपने देश में रहने को लौटने पाए।
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