बसलेल ने बबूल की लकड़ी का पवित्र सन्दूक बनाया। सन्दूक पैतालिस इंच लम्बा, सत्ताईस इंच चौड़ा और सत्ताईस इंच ऊँचा था।
गिनती 3:31 - पवित्र बाइबल उनका कार्य पवित्र सन्दूक, मेज, दीपाधार, वेदियों और पवित्र स्थान के उपकरणों की देखभाल करना था। वे पर्दे और उनके साथ उपयोग में आने वाली सभी चीजों की भी देखभाल करते थे। Hindi Holy Bible और जो वस्तुएं उन को सौंपी जाएं वे सन्दूक, मेज़, दीवट, वेदियां, और पवित्रस्थान का वह सामान जिस से सेवा टहल होती है, और पर्दा; निदान पवित्रस्थान में काम में आने वाला सारा सामान हो। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उन्हें यह दायित्व सौंपा गया था : वे मंजूषा, मेज, दीपाधार, वेदियों, पवित्र-स्थान की अन्य वस्तुओं जिनको पुरोहित के सेवा-कार्य में प्रयुक्त किया जाता है, और अन्त:पट से सम्बन्धित समस्त सेवा-कार्य करते थे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और जो वस्तुएँ उनको सौंपी गई वे सन्दूक, मेज, दीवट, वेदियाँ, और पवित्रस्थान का वह सामान जिससे सेवा टहल होती है, और परदा; अर्थात् पवित्रस्थान में काम में आनेवाला सारा सामान था। सरल हिन्दी बाइबल इनके लिए ठहराई हुई ज़िम्मेदारी थी: वाचा का संदूक, मेज़, दीवट, वेदियां, उन्हीं के द्वारा उपयोग किए जानेवाले पवित्र स्थान के सारे बर्तन, पर्दे तथा उनसे संबंधित सारी सेवाएं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और जो वस्तुएँ उनको सौंपी जाएँ वे सन्दूक, मेज, दीवट, वेदियाँ, और पवित्रस्थान का वह सामान जिससे सेवा टहल होती है, और परदा; अर्थात् पवित्रस्थान में काम में आनेवाला सारा सामान हो। |
बसलेल ने बबूल की लकड़ी का पवित्र सन्दूक बनाया। सन्दूक पैतालिस इंच लम्बा, सत्ताईस इंच चौड़ा और सत्ताईस इंच ऊँचा था।
तब मूसा ने मिलापवाले तम्बू और वेदी के बीच चिलमची को रखा। और उसमे धोने के लिये पानी भरा।
लेवीवंश के प्रमुखों का नेता हारून का पुत्र एलीआजार था। वह याजक था एलीआजार पवित्र चीज़ों की देखभाल करने वाले सभी लोगों का अधीक्षक था।
लोग दीया जलाकर किसी बाल्टी के नीचे उसे नहीं रखते बल्कि उसे दीवट पर रखा जाता है और वह घर के सब लोगों को प्रकाश देता है।
उस समय यहोवा ने लेवी के परिवार समूह को अपने विशेष काम के लिए अन्य परिवार समूहों से अलग किया। उन्हें यहोवा के साक्षीपत्र के सन्दूक को ले चलने का कार्य करना था। वे याजक की सहायता भी यहोवा के मन्दिर में करते थे और यहोवा के नाम पर, वे लोगों को आशीर्वाद देने का काम भी करते थे। वे अब भी यह विशेष काम करते हैं।