उस रात परमेश्वर बिलाम के पास आया। परमेश्वर ने कहा, “ये लोग अपने साथ ले जाने के लिए कहने को फिर आ गए हैं। इसलिए तुम उनके साथ जा सकते हो। किन्तु केवल वही करो जो मैं तुमसे करने को कहूँ।”
गिनती 23:4 - पवित्र बाइबल परमेश्वर उस स्थान पर बिलाम के पास आया और बिलाम ने कहा, “मैंने सात वेदियाँ तैयार की हैं और मैंने हर एक वेदी पर एक बैल और एक मेढ़े को मारा है।” Hindi Holy Bible और परमेश्वर बिलाम से मिला; और बिलाम ने उससे कहा, मैं ने सात वेदियां तैयार की हैं, और प्रत्येक वेदी पर एक बछड़ा और एक मेढ़ा चढ़ाया है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) परमेश्वर बिल्आम से मिला। बिल्आम ने उससे कहा, ‘मैंने सात वेदियाँ तैयार की हैं, और प्रत्येक वेदी पर एक बैल तथा एक मेढ़ा चढ़ाया है।’ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और परमेश्वर बिलाम से मिला; और बिलाम ने उससे कहा, “मैं ने सात वेदियाँ तैयार की हैं, और प्रत्येक वेदी पर एक बछड़ा और एक मेढ़ा चढ़ाया है।” सरल हिन्दी बाइबल यहां बिलआम ने परमेश्वर से बातें करनी शुरू की, “मैंने सात वेदियां बनवाई हैं, और मैंने हर एक पर एक-एक बछड़ा तथा मेढ़ा भेंट चढ़ाया है.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और परमेश्वर बिलाम से मिला; और बिलाम ने उससे कहा, “मैंने सात वेदियाँ तैयार की हैं, और प्रत्येक वेदी पर एक बछड़ा और एक मेढ़ा चढ़ाया है।” |
उस रात परमेश्वर बिलाम के पास आया। परमेश्वर ने कहा, “ये लोग अपने साथ ले जाने के लिए कहने को फिर आ गए हैं। इसलिए तुम उनके साथ जा सकते हो। किन्तु केवल वही करो जो मैं तुमसे करने को कहूँ।”
इसलिए यहोवा बिलाम के पास आया और उसने बिलाम को बताया कि वह क्या कहे। तब यहोवा ने बिलाम को बालाक के पास लौटने और उन बातों को कहने को कहा।
तब बिलाम ने बालाक से कहा, “इस वेदी के समीप ठहरो। मैं दूसरी जगह जाऊँगा। तब कदाचित यहोवा मेरे पास आएगा और बताएगा कि मैं क्या कहूँ।” तब बिलाम एक अधिक ऊँचे स्थान पर गया।
तब यहोवा ने बिलाम को वह बताया जो उसे कहना चाहिए। तब यहोवा ने कहा, “बालाक के पास जाओ और इन बातों को कहो जो मैंने कहने के लिए बताई हैं।”
उन्होंने कहा, ‘जो बाद में लगे थे, उन्होंने बस एक घंटा काम किया और तूने हमें भी उतना ही दिया जितना उन्हें। जबकि हमने सारे दिन चमचमाती धूप में मेहनत की।’
वे तुम्हें आराधनालयों से निकाल देंगे। वास्तव में वह समय आ रहा है जब तुम में से किसी को भी मार कर हर कोई सोचेगा कि वह परमेश्वर की सेवा कर रहा है।
तो फिर घमण्ड करना कहाँ रहा? वह तो समाप्त हो गया। भला कैसे? क्या उस विधि से जिसमें व्यवस्था जिन कर्मों की अपेक्षा करती है, उन्हें किया जाता है? नहीं, बल्कि उस विधि से जिसमें विश्वास समाया है।