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एज्रा 10:18 - पवित्र बाइबल

याजकों के वंशजों में ये नाम हैं जिन्होंने विदेशी स्त्रियों से विवाह किया: योसादाक के पुत्र येशू के वंशजों, और येशू के भाईयों में से ये व्यक्ति: मासेयाह, एलीआज़र, यारीब और गदल्याह।

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Hindi Holy Bible

और याजकों की सन्तान में से; ये जन पाए गए जिन्होंने अन्यजाति-स्त्रियों को ब्याह लिया था, अर्थात येशू के पुत्र, योसादाक के पुत्र, और उसके भाई मासेयाह, एलीआज़र, यारीब और गदल्याह।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

पुरोहितीय परिवार के ये पुरुष थे, जिन्‍होंने विदेशी जातियों की स्‍त्रियों से विवाह किया था : येशुअ बेन-योसादाक के पुत्र मासेयाह, एलीआजर, यारीब और गदल्‍याह, और येशुअ के भाई।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

याजकों की सन्तान में से ये जन पाए गए जिन्होंने अन्यजाति–स्त्रियों से विवाह कर लिया था : येशू के पुत्र, योसादाक के पुत्र, और उसके भाई मासेयाह, एलीआज़र, यारीब और गदल्याह।

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सरल हिन्दी बाइबल

पुरोहितों के उन पुत्रों में से वे, जिन्होंने विदेशी स्त्रियों से विवाह कर लिया था: ये थे योज़ादक का पुत्र येशुआ तथा उसके भाई: मआसेइयाह, एलिएज़र, यारिब तथा गेदालियाह.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

याजकों की सन्तान में से; ये जन पाए गए जिन्होंने अन्यजाति स्त्रियों को ब्याह लिया था: येशुअ के पुत्र, योसादाक के पुत्र, और उसके भाई मासेयाह, एलीएजेर, यारीब और गदल्याह।

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एज्रा 10:18
27 क्रॉस रेफरेंस  

पहले महीने के पहले दिन तक उन्होंने उन सभी व्यक्तियों पर विचार करना पूरा कर लिया जिन्होंने विदेशी स्त्रियों से विवाह किया था।


ये वे लोग हैं जो जरूब्बाबेल के साथ वापस आए: येशू, नहेम्याह, सहायाह, रेलायाह, मौर्दकै, बिलशान, मिस्पार, बिगवै, रहूम और बाना। यह इस्राएल के उन लोगों के नाम और उनकी संख्या है जो वापस लौटे:


याजकों के नाम और उनकी संख्या की सूची यह है: यदायाह के वंशज (येशू की पारिवारिक पीढ़ी से) 973


तब योसादाक के पुत्र येशू और उसके साथ याजकों तथा शालतीएल के पुत्र जरूब्बाबेल और उसके साथ के लोगों ने इस्राएल के परमेश्वर की वेदी बनाई। उन लोगों ने इस्राएल के परमेश्वर के लिये वेदी इसलिए बनाई ताकि वे इस पर बलि चढ़ा सकें। उन्होंने उसे ठीक मूसा के नियमों के अनुसार बनाया। मूसा परमेश्वर का विशेष सेवक था।


अत: यरूशलेम में मन्दिर पर उनके पहुँचने के दूसरे वर्ष के दूसरे महीने मे शालतीएल के पुत्र जरुब्बाबेल और योसादाक के पुत्र येशू ने काम करना आरम्भ किया। उनके भाईयों, याजकों, लेवीवंशियों और प्रत्येक व्यक्ति जो बन्धुवाई से यरूशलेम लौटे थे, सब ने उनके साथ काम करना आरम्भ किया। उन्होंने यहोवा के मन्दिर को बनाने के लिये उन लेवीवंशियों को प्रमुख चुना जो बीस वर्ष या उससे अधिक उम्र के थे।


अतःशालतीएल का पुत्र जरूब्बाबेल और योसादाक का पुत्र येशु ने फिर यरूशलेम में मन्दिर का निर्माण करना आरम्भ कर दिया। सभी परमेश्वर के नबी उनके साथ थे और कार्य में सहायता कर रहे थे।


जब हम लोग यह सब कर चुके तब इस्राएल के प्रमुख मेरे पास आए। उन्होंने कहा, “एज्रा इस्राएल के लोगों और याजकों तथा लेवीवंशियों ने अपने चारों ओर रहने वाले लोगों से अपने को अलग नहीं रखा है। इस्राएल के लोग कनानियों, हित्तियों, परिज्जियों, यबूसियों, अम्मोनियों, मोआबियों, मिस्र के लोगों और एमोरियों द्वारा की जाने वाली बहुत सी बुरी बातों से प्रभावित हुए हैं


इस्राएल के लोगों ने अपने चारों ओर रहने वाले अन्य जाति के लोगों से विवाह किया है। इस्राएल के लोग विशेष माने जाते हैं। किन्तु अब वे अपने चारों ओर रहने वाले अन्य लोगों से मिलकार दोगले हो गये हैं। इस्राएल के लोगों के प्रमुखों और बड़े अधिकारियों ने इस विषय में बुरे उदाहरण रखे हैं।”


येशू योयाकीम का पिता था और योयाकीम एल्याशीब का पिता था और एल्याशीब के योयादा नाम का पुत्र पैदा हुआ।


योयादा का एक पुत्र होरोन के सम्बल्लत का दामाद था। योयादा महायाजक एल्याशीब का पुत्र था। सो मैंने योयादा के उस पुत्र पर दबाव डाला कि वह मेरे पास से भाग जाये।


एज़्रा लकड़ी के उस ऊँचे मंच पर खड़ा था जिसे इस विशेष अवसर के लिये ही बनाया गया था। एज्रा के दाहिनी ओर मत्तित्याह, शेमा, अनायाह, ऊरिय्याह, हिल्कियाह और मासेयाह खड़े थे और एज्रा के बायीं ओर पदायाह, मीशाएल, मल्कियाह, हाशूम, हश्बद्दाना, जकर्याह और मशुल्लाम खड़े हुए थे।


लेवीवंश परिवार समूह के इन लोगों ने वहाँ खड़े हुए सभी लोगों को व्यवस्था के विधान की शिक्षा दी। लेवीवंश के उन लोगों के नाम थे: येशू, बानी, शेरेब्याह, यामीन, अक्कूब, शब्बतै, होदियाह, मासेयाह, कलिता, अजर्याह, योजबाद, हानान, और पलायाह।


यहूदा देश ऐसे लोगों से भरा है जो व्यभिचार का पाप करते हैं। वे अनेक प्रकार से अभक्त हैं। यहोवा ने भूमि को अभिशाप दिया और वह बहुत सूख गई। पौधे चरगाहों में सूख रहे हैं और मर रहे हैं। खेत मरुभूमि से हो गए हैं। नबी पापी हैं, वे नबी अपने प्रभाव और अपनी शक्ति का उपयोग गलत ढंग से करते हैं।


“नबी और याजक तक भी पापी हैं। मैंने उन्हें अपने मन्दिर में पाप करते देखा है। यह सन्देश यहोवा का है।


मैंने यहूदा के नबियों को यरूशलेम में बहुत भयानक कर्म करते देखा। इन नबियों ने व्यभिचार करने का पाप किया। उन्होंने झूठी शिक्षाओं पर विश्वास किया, और उन झूठे उपदेशों को स्वीकार किया। उन्होंने दुष्ट लोगों को पाप करते रहने के लिये उत्साहित किया। अत: लोगों ने पाप करना नहीं छोड़ा। वे सभी लोग सदोम नगर की तरह हैं। यरूशलेम के लोग मेरे लिये अमोरा नगर के समान हैं।”


याजक को विधवा से या तलाक प्राप्त स्त्री से विवाह नहीं करना चाहिए। नहीं, वे इस्राएल के परिवार की कन्यायों से विवाह करेंगे, या वे उस स्त्री से विवाह कर सकते हैं, जिसका पति याजक रहा हो।”


“याजक परमेश्वर की सेवा विशेष ढंग से करता है। इसलिए याजक को ऐसी स्त्री से विवाह नहीं करना चाहिए जिसने किसी के साथ यौन सम्बन्ध किया हो। याजक को किसी वेश्या, या किसी तलाक दी गई स्त्री से विवाह नहीं करना चाहिए।


परमेश्वर यहोवा का सन्देश नबी हाग्गै के द्वारा शालतीएल के पुत्र यहूदा के शासक जरुब्बाबेल और यहोसादाक के पुत्र महायाजक यहोशू को मिला। यह सन्देश फारस के राजा दारा के दूसरे वर्ष के छठें महीने के प्रथम दिन मिला था। इस सन्देश में कहा गया:


तब शालतीएल के पुत्र जरुब्बाबेल और यहोसादाक के पुत्र महायाजक यहोशू ने सब बचे हुये लोगों के साथ अपने परमेश्वर यहोवा का सन्देश और उसके भेजे हुये नबी हाग्गै के वचनो को स्वीकार किया और लोग अपने परमेश्वर यहोवा से भयभीत हो उठे।


किन्तु जरुब्बाबेल, अब तुम साहसी बनों! यहोवा यह कहता है, ‘यहोसादाक के पुत्र महायाजक यहोशू, तुम भी साहसी बनो और देश के सभी लोगों तुम भी साहसी बनो!’ यहोवा यह कहता है, ‘काम करो, क्योंकि मैं तुम्हारे साथ हूँ!’ सर्वशक्तिमान यहोवा यह कहता है!


तब दूत ने मुझे महायाजक यहोशू को दिखाया। यहोशू यहोवा के दूत के सामने खङा था और शैतान यहोशू की दायीं ओर खड़ा था। शैतान वहाँ यहोशू द्वारा किये गए बुरे कामों के लिये दोष देने को था।


उस सोने— चाँदी का उपयोग एक मुकुट बनाने में करो। उस मुकुट को यहोश के सिर पर रखो। (यहोशू महायाजक था। यहोशू यहोसादाक पुत्र था।) तब यहोशु से ये बातें कहो:


इसी प्रकार स्त्रियों को भी सम्मान के योग्य होना चाहिए। वे निंदक नहीं होनी चाहिए बल्कि शालीन और हर बात में विश्वसनीय होनी चाहिए।