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उत्पत्ति 7:4 - पवित्र बाइबल

अब से सातवें दिन मैं पृथ्वी पर बहुत भारी वर्षा भेजूँगा। यह वर्षा चालीस दिन और चालीस रात होती रहेगी। पृथ्वी के सभी जीवित प्राणी नष्ट हो जायेंगे। मेरी बनाई सभी चीज़े खत्म हो जायेंगें।”

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Hindi Holy Bible

क्योंकि अब सात दिन और बीतने पर मैं पृथ्वी पर चालीस दिन और चालीस रात तक जल बरसाता रहूंगा; जितनी वस्तुएं मैं ने बनाईं हैं सब को भूमि के ऊपर से मिटा दूंगा।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

मैं सात दिन के पश्‍चात् चालीस दिन और चालीस रात तक पृथ्‍वी पर वर्षा करूंगा, और उन सब प्राणियों को भूमि की सतह से मिटा दूंगा, जिन्‍हें मैंने बनाया था।’

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

क्योंकि अब सात दिन और बीतने पर मैं पृथ्वी पर चालीस दिन और चालीस रात तक जल बरसाता रहूँगा; और जितने प्राणी मैं ने बनाए हैं उन सब को भूमि के ऊपर से मिटा दूँगा।”

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नवीन हिंदी बाइबल

क्योंकि सात दिन के बाद मैं पृथ्वी पर चालीस दिन और चालीस रात तक जल बरसाता रहूँगा, और मैं प्रत्येक प्राणी को जिसे मैंने रचा है, पृथ्वी पर से मिटा डालूँगा।”

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सरल हिन्दी बाइबल

क्योंकि अब से सात दिन के बाद, मैं पृथ्वी पर जल बरसाऊंगा, चालीस दिन तथा चालीस रात तक जल बरसाता रहूंगा और भूमि पर मेरे द्वारा रचे गये सभी जीवित प्राणी नष्ट हो जायेंगे.”

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

क्योंकि अब सात दिन और बीतने पर मैं पृथ्वी पर चालीस दिन और चालीस रात तक जल बरसाता रहूँगा; और जितने प्राणी मैंने बनाए हैं उन सब को भूमि के ऊपर से मिटा दूँगा।”

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उत्पत्ति 7:4
23 क्रॉस रेफरेंस  

तब पृथ्वी पर कोई पेड़ पौधा नहीं था और खेतों में कुछ भी नहीं उग रहा था, क्योंकि यहोवा ने तब तक पृथ्वी पर वर्षा नहीं भेजी थी तथा पेड़ पौधों की देख—भाल करने वाला कोई व्यक्ति भी नहीं था।


इसलिए परमेश्वर ने नूह से कहा, “सारे लोगों ने पृथ्वी को क्रोध और हिंसा से भर दिया है। इसलिए मैं सभी जीवित प्राणियों को नष्ट करूँगा। मैं उनको पृथ्वी से हटाऊँगा।


“तुम्हें जो बता रहा हूँ उसे समझो। मैं पृथ्वी पर बड़ा भारी जल का बाढ़ लाऊँगा। आकाश के नीचे सभी जीवों को मैं नष्ट कर दूँगा। पृथ्वी के सभी जीव मर जायेंगे।


इसलिए यहोवा ने कहा, “मैं अपनी बनाई पृथ्वी के सारे लोगों को खत्म कर दूँगा। मैं हर एक व्यक्ति, जानवर और पृथ्वी पर रेंगने वाले हर एक जीवजन्तु को खत्म करूँगा। मैं आकाश के पक्षियों को भी खत्म करुँगा। क्यों? क्योंकि मैं इस बात से दुःखी हूँ कि मैंने इन सभी चीजों को बनाया।”


सात दिन बद बाढ़ प्रारम्भ हुई। धरती पर वर्षा होने लगी।


चालीस दिन तक पृथ्वी पर जल प्रलय होता रहा। जल बढ़ना शुरु हुआ और उसने जहाज को जमीन से ऊपर उठा दिया।


हवा में उड़ने वाले सभी पक्षियों के सात जोड़े (सात नर और सात मादा) लाओ। इससे ये सभी जानवर पृथ्वी पर जीवित रहेंगे, जब दूसरे जानवर नष्ट हो जायेंगे।


सात दिन बाद नूह ने फिर फ़ाख्ते को भेजा।


नूह ने सात दिन बाद फिर फ़ाख्ते को भेजा। किन्तु इस समय फ़ाख्ता लौटी ही नहीं।


आकाश से वर्षा रूक गई और पृथ्वी के नीचे से पानी का बहना भी रूक गया।


अपनी मृत्यु के समय से पहले ही दुष्ट लोग उठा लिये गये, बाढ़ उनको बहा कर ले गयी थी।


जब परमेश्वर ने पवन को उसकी शक्ति प्रदान की और यह निश्चित किया कि समुद्रों को कितना बड़ा बनाना है।


जीवन की पुस्तक से उनके नाम मिटा दे। सज्जनों के नामों के साथ तू उनके नाम उस पुस्तक में मत लिख।


अत: यहोवा जो कहता है, वह यह है, ‘हनन्याह मैं तुम्हें शीघ्र ही इस संसार से उठा लूँगा। तुम इस वर्ष मरोगे। क्यों क्योंकि तुमने लोगों को यहोवा के विरुद्ध जाने की शिक्षा दी है।’”


“मैंने वर्षा भी बन्द की और यह फसल पकने के तीन महीने पहले हुआ। अत: कोई फसल नहीं हुई। तब मैंने एक नगर पर वर्षा होने दी किन्तु दूसरे नगर पर नहीं। वर्षा देश के एक हिस्से में हुई। किन्तु देश के अन्य भागों में भूमि बहुत सूख गई।


जो विजयी होगा वह इसी प्रकार श्वेत वस्त्र धारण करेगा। मैं जीवन की पुस्तक से उसका नाम नहीं मिटाऊँगा, बल्कि मैं तो उसके नाम को अपने परम पिता और उसके स्वर्गदूतों के सम्मुख मान्यता प्रदान करूँगा।