तब इब्राहीम ने कहा, “हे यहोवा कृपा करके मुझ पर नाराज़ न हो। मुझे यह पूछने दे कि यदि नगर में केवल तीस अच्छे लोग हो तो क्या तू नगर को नष्ट करेगा?” यहोवा ने कहा, “यदि मुझे तीस अच्छे लोग वहाँ मिले तो मैं नगर को नष्ट नहीं करूँगा।”
उत्पत्ति 18:32 - पवित्र बाइबल तब इब्राहीम ने कहा, “हे यहोवा तू मुझसे नाराज़ न हो मुझे अन्तिम बार कष्ट देने का मौका दे। यदि तुझे वहाँ दस अच्छे लोग मिले तो तू क्या करेगा?” यहोवा ने कहा, “यदि मुझे नगर में दस अच्छे लोग मिले तो भी मैं नगर को नष्ट नहीं करूँगा।” Hindi Holy Bible फिर उसने कहा, हे प्रभु, क्रोध न कर, मैं एक ही बार और कहूंगा: कदाचित उस में दस मिलें। उसने कहा, तो मैं दस के कारण भी उसका नाश न करूंगा। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तब अब्राहम ने कहा, ‘यदि स्वामी क्रोध न करे तो मैं एक बार और कहूँगा : मान ले, वहाँ दस धार्मिक मिलें? उसने उत्तर दिया, ‘मैं दस के लिए भी उसे नष्ट नहीं करूँगा।’ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) फिर उसने कहा, “हे प्रभु, क्रोध न कर, मैं एक ही बार और कहूँगा : कदाचित् उसमें दस मिलें।” उसने कहा, “तो मैं दस के कारण भी उसका नाश न करूँगा।” नवीन हिंदी बाइबल तब उसने कहा, “हे प्रभु, तू क्रोधित न होना, मैं एक ही बार और कहूँगा; यदि वहाँ दस ही मिलें तो?” उसने कहा, “तो मैं उन दस के लिए भी उसे नष्ट नहीं करूँगा।” सरल हिन्दी बाइबल फिर अब्राहाम ने कहा, “हे प्रभु, आप क्रोधित न हों, आखिरी बार आपसे विनती करता हूं. यदि वहां दस ही पाए जाएं तो?” याहवेह ने उत्तर दिया, “मैं उन दस के कारण उस नगर को नाश न करूंगा.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 फिर उसने कहा, “हे प्रभु, क्रोध न कर, मैं एक ही बार और कहूँगा: कदाचित् उसमें दस मिलें।” उसने कहा, “तो मैं दस के कारण भी उसका नाश न करूँगा।” |
तब इब्राहीम ने कहा, “हे यहोवा कृपा करके मुझ पर नाराज़ न हो। मुझे यह पूछने दे कि यदि नगर में केवल तीस अच्छे लोग हो तो क्या तू नगर को नष्ट करेगा?” यहोवा ने कहा, “यदि मुझे तीस अच्छे लोग वहाँ मिले तो मैं नगर को नष्ट नहीं करूँगा।”
तब इब्राहीम ने कहा, “हे यहोवा, क्या मैं तुझे फिर कष्ट दूँ और पूछ लूँ कि यदि बीस ही अच्छे लोग वहाँ हुए तो?” यहोवा ने उत्तर दिया, “अगर मुझे बीस अच्छे लोग मिले तो मैं नगर को नष्ट नहीं करूँगा।”
तब यहूदा यूसुफ के पास गया और उसने कहा, “महोदय, कृपाकर मुझे स्वयं स्पष्ट कह लेने दें। कृपा कर मुझ से अप्रसन्न न हों। मैं जानता हूँ कि आप स्वयं फ़िरौन जैसे हैं।
परमेश्वर के पास हजारों ही स्वर्गदूत हैं। फिर वह स्वर्गदूत उस व्यक्ति के अच्छे काम बतायेगा।
हे स्वामी, तू दयालु और खरा है। तू सचमुच अपने उन भक्तों को प्रेम करता है, जो सहारा पाने को तुझको पुकारते हैं।
इसलिए यहोवा ने लोगों के लिए अफ़सोस किया। यहोवा ने वह नहीं किया जो उसने कहा कि वह करेगा अर्थात् लोगों को नष्ट नहीं किया।
यहोवा दुष्ट के चढ़ावे से घृणा करता है किन्तु उसको सज्जन की प्रार्थना ही प्रसन्न कर देती है।
यहोवा कहता है, “अँगूरों में जब नयी दाखमधु हुआ करती है, तब लोग उसे निचोड़ लिया करते हैं, किन्तु वे अँगूरों को पूरी तरह नष्ट तो नहीं कर डालते। वे इसलिये ऐसा करते हैं कि अँगूरों का उपयोग तो फिर भी किया जा सकता है। अपने सेवकों के साथ मैं ऐसा ही करूँगा। मैं उन्हें पूरी तरह नष्ट नहीं करूँगा।
यहोवा कहता है, “यरूशलेम की सड़कों पर ऊपर नीचे जाओ। चारों ओर देखो और इन चीजों के बारे में सोचो। नगर के सार्वजनिक चौराहो को खोजो, पता करो कि क्या तुम किसी एक अच्छे व्यक्ति को पा सकते हो, ऐसे व्यक्ति को जो ईमानदारी से काम करता हो, ऐसा जो सत्य की खोज करता हो। यदि तुम एक अच्छे व्यक्ति को ढूँढ निकालोगे तो मैं यरूशलेम को क्षमा कर दूँगा!
तेरे समान कोई परमेश्वर नहीं है। तू पापी जनों को क्षमा कर देता है। तू अपने बचे हुये लोगों के पापों को क्षमा करता है। यहोवा सदा ही क्रोधित नहीं रहेगा, क्योंकि उसको दयालु ही रहना भाता है।
“परमेश्वर से माँगते रहो, तुम्हें दिया जायेगा। खोजते रहो तुम्हें प्राप्त होगा खटखटाते रहो तुम्हारे लिए द्वार खोल दिया जायेगा।
अब उस परमेश्वर के लिये जो अपनी उस शक्ति से जो हममें काम कर रही है, जितना हम माँग सकते हैं या जहाँ तक हम सोच सकते हैं, उससे भी कहीं अधिक कर सकता है,
तब गीदोन ने परमेश्वर से कहा, “मुझ पर क्रोधित न हो। मुझे केवल एक और प्रश्न करने दे। मुझे भेड़ के ऊन से एक बार और परीक्षण करने दे। इस समय भेड़ के ऊन को उस दशा में सूखा रहने दे जब इसके चारों ओर की भूमि ओस से भीगी हो।”