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इब्रानियों 5:8 - पवित्र बाइबल

यद्यपि वह उसका पुत्र था फिर भी यातनाएँ झेलते हुए उसने आज्ञा का पालन करना सीखा।

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Hindi Holy Bible

और पुत्र होने पर भी, उस ने दुख उठा उठा कर आज्ञा माननी सीखी।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

पुत्र होने पर भी उन्‍होंने दु:ख सह कर आज्ञापालन सीखा।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

पुत्र होने पर भी उसने दु:ख उठा–उठाकर आज्ञा माननी सीखी,

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नवीन हिंदी बाइबल

यद्यपि वह पुत्र था, फिर भी उसने दुःख उठाकर आज्ञाकारिता सीखी,

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सरल हिन्दी बाइबल

पुत्र होने पर भी, उन्होंने अपने दुःख उठाने से आज्ञा मानने की शिक्षा ली.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

और पुत्र होने पर भी, उसने दुःख उठा-उठाकर आज्ञा माननी सीखी।

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इब्रानियों 5:8
13 क्रॉस रेफरेंस  

किन्तु वह तो उन बुरे कामों के लिये बेधा जा रहा था, जो हमने किये थे। वह हमारे अपराधों के लिए कुचला जा रहा था। जो कर्ज़ हमें चुकाना था, यानी हमारा दण्ड था, उसे वह चुका रहा था। उसकी यातनाओं के बदले में हम चंगे (क्षमा) किये गये थे।


उत्तर में यीशु ने उससे कहा, “अभी तो इसे इसी प्रकार होने दो। हमें, जो परमेश्वर चाहता है उसे पूरा करने के लिए यही करना उचित है।” फिर उसने वैसा ही होने दिया।


बल्कि मैं अपने आप अपनी इच्छा से इसे देता हूँ। मुझे इसे देने का अधिकार है। यह आदेश मुझे मेरे परम पिता से मिला है।”


यदि तुम मेरे आदेशों का पालन करोगे तो तुम मेरे प्रेम में बने रहोगे। वैसे ही जैसे मैं अपने परम पिता के आदेशों को पालते हुए उसके प्रेम में बना रहता हूँ।


यीशु ने उनसे कहा, “मेरा भोजन उसकी इच्छा को पूरा करना है जिसने मुझे भेजा है। और उस काम को पूरा करना है जो मुझे सौंपा गया है।


क्योंकि मैं स्वर्ग से अपनी इच्छा के अनुसार काम करने नहीं आया हूँ बल्कि उसकी इच्छा पूरी करने आया हूँ जिसने मुझे भेजा है।


तो उसने अपने आप को नवा लिया। और इतना आज्ञाकारी बन गया कि अपने प्राण तक निछावर कर दिये और वह भी क्रूस पर।


किन्तु इन अंतिम दिनों में उसने हमसे अपने पुत्र के माध्यम से बातचीत की, जिसे उसने सब कुछ का उत्तराधिकारी नियुक्त किया है और जिसके द्वारा उसने समूचे ब्रह्माण्ड की रचना की है।


क्योंकि परमेश्वर ने किसी भी स्वर्गदूत से कभी ऐसा नहीं कहा: “तू मेरा पुत्र; आज मैं तेरा पिता बना हूँ।” और न ही किसी स्वर्गदूत से उसने यह कहा है, “मैं उसका पिता बनूँगा, और वह मेरा पुत्र होगा।”


किन्तु अपने पुत्र के विषय में वह कहता है: “हे परमेश्वर! तेरा सिंहासन शाश्वत है, तेरा राजदण्ड धार्मिकता है;


किन्तु परमेश्वर के घराने में मसीह तो एक पुत्र के रूप में विश्वास करने योग्य है और यदि हम अपने साहस और उस आशा में विश्वास को बनाये रखते हैं तो हम ही उसका घराना हैं।