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इब्रानियों 11:31 - पवित्र बाइबल

विश्वास के कारण ही, राहब नाम की वेश्या आज्ञा का उल्लंघन करने वालों के साथ नहीं मारी गयी थी क्योंकि उसने गुप्तचरों का स्वागत सत्कार किया था।

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Hindi Holy Bible

विश्वास ही से राहाब वेश्या आज्ञा ने मानने वालों के साथ नाश नहीं हुई; इसलिये कि उस ने भेदियों को कुशल से रखा था।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

विश्‍वास के कारण राहाब नामक वेश्‍या अविश्‍वासियों के साथ नष्‍ट नहीं हुई, क्‍योंकि उसने गुप्‍तचरों का मैत्रीपूर्ण स्‍वागत किया था।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

विश्‍वास ही से राहाब वेश्या आज्ञा न माननेवालों के साथ नष्‍ट नहीं हुई, इसलिये कि उसने भेदियों को कुशल से रखा था।

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नवीन हिंदी बाइबल

विश्‍वास ही से राहब वेश्या आज्ञा न माननेवालों के साथ नाश नहीं हुई क्योंकि उसने गुप्‍तचरों का स्वागत किया था।

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सरल हिन्दी बाइबल

यह विश्वास ही था कि नगरवधू राहाब ने गुप्‍तचरों का स्वागत मैत्री भाव में किया तथा आज्ञा न माननेवालों के साथ नाश नहीं हुई.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

विश्वास ही से राहाब वेश्या आज्ञा न माननेवालों के साथ नाश नहीं हुई; इसलिए कि उसने भेदियों को कुशल से रखा था। (याकू. 2:25, यहो. 2:11,12, यहो. 6:21-25)

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इब्रानियों 11:31
10 क्रॉस रेफरेंस  

इब्राहीम के वंशज दाऊद के पुत्र यीशु मसीह की वंशावली इस प्रकार है:


सलमोन से बोअज का जन्म हुआ। (बोअज की माँ का नाम राहब था।) बोअज और रूथ से ओबेद पैदा हुआ, ओबेद यिशै का पिता था।


वहाँ कुछ समय बिताने के बाद, भाईयों ने उन्हें शांतिपूर्वक उन्हीं के पास लौट जाने को विदा किया जिन्होंने उन्हें भेजा था।


परमेश्वर ने किनके लिए शपथ उठायी थी कि वे उसकी विश्राम में प्रवेश नहीं कर पायेंगे? क्या वे ही नहीं थे जिन्होंने उसकी आज्ञा का उल्लंघन किया था?


इसी प्रकार राहब वेश्या भी क्या उस समय अपने कर्मों से धर्मी नहीं ठहरायी गयी, जब उसने दूतों को अपने घर में शरण दी और फिर उन्हें दूसरे मार्ग से कहीं भेज दिया।


मूसा यहोवा का सेवक था। नून का पुत्र यहोशू मूसा का सहायक था। मूसा के मरने के बाद, यहोवा ने यहोशू से बातें कीं। यहोवा ने यहोशू से कहा,


तथा वह बन गया: “एक ऐसा पत्थर जिससे लोगों को ठेस लगे और ऐसी एक चट्टान जिससे लोगों को ठोकर लगे।” लोग ठोकर खाते हैं क्योंकि वे परमेश्वर के वचन का पालन नहीं करते और बस यही उनके लिए ठहराया गया है।


जो उस समय परमेश्वर की आज्ञा नहीं मानने वाली थी जब नूह की नाव बनायी जा रही थी और परमेश्वर धीरज के साथ प्रतीक्षा कर रहा था उस नाव में थोड़े से अर्थात् केवल आठ व्यक्ति ही पानी से बच पाये थे।