अय्यूब, यदि तू फिर सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास आये तो फिर से पहले जैसा हो जायेगा। तुझको अपने घर से पाप को बहुत दूर करना चाहिए।
इफिसियों 4:22 - पवित्र बाइबल जहाँ तक तुम्हारे पुराने जीवन प्रकार का संबन्ध हैं तुम्हें शिक्षा दी गयी थी कि तुम अपने पुराने व्यक्तित्व को उतार फेंको जो उसकी भटकाने वाली इच्छाओं के कारण भ्रष्ट बना हुआ है। Hindi Holy Bible कि तुम अगले चालचलन के पुराने मनुष्यत्व को जो भरमाने वाली अभिलाषाओं के अनुसार भ्रष्ट होता जाता है, उतार डालो। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तो आप लोगों को अपना पहला आचरण और पुराना स्वभाव त्याग देना चाहिए, क्योंकि वह बहकाने वाली दुर्वासनाओं के कारण बिगड़ता जा रहा है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) कि तुम पिछले चालचलन के पुराने मनुष्यत्व को जो भरमानेवाली अभिलाषाओं के अनुसार भ्रष्ट होता जाता है, उतार डालो नवीन हिंदी बाइबल कि तुम पिछले आचरण के पुराने मनुष्यत्व को उतार डालो जो भरमानेवाली अभिलाषाओं के अनुसार भ्रष्ट होता जाता है, सरल हिन्दी बाइबल इसलिये अपने पुराने स्वभाव से प्रेरित स्वभाव को त्याग दो, जो छल की लालसाओं के कारण भ्रष्ट होता जा रहा है; इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 कि तुम अपने चाल-चलन के पुराने मनुष्यत्व को जो भरमानेवाली अभिलाषाओं के अनुसार भ्रष्ट होता जाता है, उतार डालो। |
अय्यूब, यदि तू फिर सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास आये तो फिर से पहले जैसा हो जायेगा। तुझको अपने घर से पाप को बहुत दूर करना चाहिए।
दुष्ट जन कपट भरी रोजी कमाता है, किन्तु जो नेकी को बोता रहता है, उसको तो सुनिश्चत प्रतिफल का पाना है।
“व्यक्ति का दिमाग बड़ा कपटी होता है। दिमाग बहुत बीमार भी हो सकता है और कोई भी व्यक्ति दिमाग को ठीक ठीक नहीं समझता।
एदोम, तुमने अन्य राष्ट्रों को आतंकित किया है। अत: तुमने समझा कि तुम महत्वपूर्ण हो। किन्तु तुम मूर्ख बनाए गए थे। तुम्हारे घमण्ड ने तुझे धोखा दिया है। एदोम, तुम ऊँचे पहाड़ियों पर बसे हो, तुम बड़ी चट्टानों और पहाड़ियों के स्थानों पर सुरक्षित हो। किन्तु यदि तुम अपना निवास उकाब के घोंसले की ऊँचाई पर ही क्यों न बनाओ, तो भी मैं तुझे पा लूँगा और मैं वहाँ से नीचे ले आऊँगा।” यहोवा ने यह सब कहा।
तुम अपने अभिमान के द्वारा छले गये हो। तुम ऊँची पहाड़ियों की गुफाओं में रहते हो। तुम्हारा घर पहाड़ियों में ऊँचे पर है। तुम अपने मन में कहते हो, ‘मुझे काई भी धूल नहीं चटा सकता।’”
हम यह जानते हैं कि हमारा पुराना व्यक्तित्व यीशु के साथ ही क्रूस पर चढ़ा दिया गया था ताकि पाप से भरे हमारे शरीर नष्ट हो जायें। और हम आगे के लिये पाप के दास न बने रहें।
क्योंकि पाप को अवसर मिल गया और उसने उसी व्यवस्था के आदेश के द्वारा मुझे छला और उसी के द्वारा मुझे मार डाला।
किन्तु मैं डरता हूँ कि कहीं जैसे उस सर्प ने हव्वा को अपने कपट से भ्रष्ट कर दिया था, वैसे ही कहीं तुम्हारा मन भी उस एकनिष्ठ भक्ति और पवित्रता से, जो हमें मसीह के प्रति रखनी चाहिए, भटका न दिया जाये।
यहूदी धर्म में मैं पहले कैसे जीया करता था, उसे तुम सुन चुके हो, और तुम यह भी जानते हो कि मैंने परमेश्वर की कलीसिया पर कितना अत्याचार किया है और उसे मिटा डालने का प्रयास तक किया है।
एक समय हम भी उन्हीं के बीच जीते थे और अपनी पापपूर्ण प्रकृति की भौतिक इच्छाओं को तृप्त करते हुए अपने हृदयों और पापपूर्ण प्रकृति की आवश्यकताओं को पूरा करते हुए संसार के दूसरे लोगों के समान परमेश्वर के क्रोध के पात्र थे।
मैं इसीलिए यह कहता हूँ और प्रभु को साक्षी करके तुम्हें चेतावनी देता हूँ कि उनके व्यर्थ के विचारों के साथ अधर्मियों के जैसा जीवन मत जीते रहो।
सो तुम लोग झूठ बोलने का त्याग कर दो। अपने साथियों से हर किसी को सच बोलना चाहिए, क्योंकि हम सभी एक शरीर के ही अंग हैं।
समूची कड़वाहट, झुँझलाहट, क्रोध, चीख-चिल्लाहट और निन्दा को तुम अपने भीतर से हर तरह की बुराई के साथ निकाल बाहर फेंको।
तुम्हारा ख़तना भी उसी में हुआ है। यह ख़तना मनुष्य के हाथों से सम्पन्न नहीं हुआ, बल्कि यह ख़तना जब तुम्हें तुम्हारी पापपूर्ण मानव प्रकृति के प्रभाव से छुटकारा दिला दिया गया था तब मसीह के द्वारा सम्पन्न हुआ।
यह मैं इसलिए बता रहा हूँ क्योंकि एक समय था, जब हम भी मूर्ख थे। आज्ञा का उल्लंघन करते थे। भ्रम में पड़े थे। तथा वासनाओं एवं हर प्रकार के सुख-भोग के दास बने थे। हम दुष्टता और ईर्ष्या में अपना जीवन जीते थे। हम से लोग घृणा करते थे तथा हम भी परस्पर एक दूसरे को घृणा करते थे।
क्योंकि हम साक्षियों की ऐसी इतनी बड़ी भीड़ से घिरे हुए हैं, जो हमें विश्वास का अर्थ क्या है इस की साक्षी देती है। इसलिए आओ बाधा पहुँचाने वाली प्रत्येक वस्तु को और उस पाप को जो सहज में ही हमें उलझा लेता है झटक फेंके और वह दौड़ जो हमें दौड़नी है, आओ धीरज के साथ उसे दौड़ें।
जब तक यह “आज” का दिन कहलाता है, तुम प्रतिदिन परस्पर एक दूसरे का धीरज बँधाते रहो ताकि तुममें से कोई भी पाप के छलावे में पड़कर जड़ न बन जाये।
हर घिनौने आचरण और चारो ओर फैली दुष्टता से दूर रहो। तथा नम्रता के साथ तुम्हारे हृदयों में रोपे गए परमेश्वर के वचन को ग्रहण करो जो तुम्हारी आत्माओं को उद्धार दिला सकता है।
यदि कोई सोचता है कि वह भक्त है और अपनी जीभ पर कस कर लगाम नहीं लगाता तो वह धोखे में है। उसकी भक्ति निरर्थक है।
तुम यह जानते हो कि चाँदी या सोने जैसी वस्तुओं से तुम्हें उस व्यर्थ जीवन से छुटकारा नहीं मिल सकता, जो तुम्हें तुम्हारे पूर्वजों से मिला है।
क्योंकि तुम अब तक अबोध व्यक्तियों के समान विषय-भोगों, वासनाओं, पियक्कड़पन, उन्माद से भरे आमोद-प्रमोद, मधुपान उत्सवों और घृणापूर्ण मूर्ति-पूजाओं में पर्याप्त समय बिता चुके हो।
इन्हें बुराई का बदला बुराई से मिलेगा। दिन के प्रकाश में भोग-विलास करना इन्हें भाता है। ये लज्जापूर्ण धब्बे हैं। ये लोग जब तुम्हारे साथ उत्सवों में सम्मिलित होते हैं तो
उसने लूत को बचा लिया जो एक नेक पुरुष था। वह उद्दण्ड लोगों के अनैतिक आचरण से दुःखी रहा करता था।
एली ने समझा कि हन्ना दाखमधु से मत्त है। एली ने हन्ना से कहा, “तुम्हारे पास पीने को अत्याधिक था! अब समय है कि दाखमधु को दूर करो।”