किन्तु ओम्री ने शोमरोन की पहाड़ी को खरीद लिया। उसने इसे लगभग डेढ़ सौ पौंड चाँदी शमेर से खरीदा। ओम्री ने उस पहाड़ी पर एक नगर बसाया। उसने इसके स्वामी शमेर के नाम पर इस नगर का नाम शोमरोन रखा।
आमोस 6:1 - पवित्र बाइबल सिय्योन के तुम लोगों में से कुछ का जीवन बहुत आराम का है। सामारिया पर्वत के कुछ लोग अपने को सुरक्षित अनुभव करते है किन्तु तुम पर अनेक विपत्तियाँ आएंगी। राष्ट्रों के सर्वोतम नगरों के तुम “सम्मानित” लोग हो। “इस्राएल के लोग” न्याय पाने के लिये तुम्हारे पास आते हैं! Hindi Holy Bible हाय उन पर जो सिय्योन में सुख से रहते, और उन पर जो सामरिया के पर्वत पर निश्चिन्त रहते हैं, वे जो श्रेष्ट जाति में प्रसिद्ध हैं, जिन के पास इस्राएल का घराना आता है! पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ‘धिक्कार है तुम्हें, ओ राष्ट्रों के प्रमुख इस्राएली राष्ट्र के नेताओ! तुम्हारे ही पास इस्राएली जनता न्याय के लिए आती है; पर तुम सियोन पर्वत पर निश्चिंत निवास करते हो; तुम्हें सामरी पहाड़ पर सुरक्षा का भरोसा है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “हाय उन पर जो सिय्योन में सुख से रहते, और उन पर जो सामरिया के पर्वत पर निश्चिन्त रहते हैं, वे जो श्रेष्ठ जाति में प्रसिद्ध हैं, जिनके पास इस्राएल का घराना आता है! सरल हिन्दी बाइबल धिक्कार है तुम पर, जो ज़ियोन में विलासितापूर्ण जीवन जीते हो, और धिक्कार है तुम पर, जो शमरिया पर्वत पर सुरक्षित अनुभव करते हो, तुम सोचते हो कि तुम सर्वोत्तम राष्ट्र के प्रसिद्ध लोग हो, जिनके पास इस्राएल के लोग आते हैं! इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “हाय उन पर जो सिय्योन में सुख से रहते, और उन पर जो सामरिया के पर्वत पर निश्चिन्त रहते हैं, वे जो श्रेष्ठ जाति में प्रसिद्ध हैं, जिनके पास इस्राएल का घराना आता है! |
किन्तु ओम्री ने शोमरोन की पहाड़ी को खरीद लिया। उसने इसे लगभग डेढ़ सौ पौंड चाँदी शमेर से खरीदा। ओम्री ने उस पहाड़ी पर एक नगर बसाया। उसने इसके स्वामी शमेर के नाम पर इस नगर का नाम शोमरोन रखा।
अहंकारी लोग बहुत दिनों से हमें अपमानित कर चुके हैं। ऐसे लोग सोचा करते हैं कि वे दूसरे लोगों से उत्तम हैं।
सिय्योन में पापी डरे हुए हैं। वे लोग जो बुरे काम किया करते हैं, डर से थर—थऱ काँप रहे हैं। वे कहते हैं, “क्या इस विनाशकारी आग से हम में से कोई बच सकता है कौन रह सकता है इस आग के निकट जो सदा—सदा के लिये जलती रहती है”
इस्राएल के लोग यहोवा को एक पवित्र भेंट थे। वे यहोवा द्वारा उतारे गये प्रथम फल थे। इस्राएल को चोट पहुँचाने का प्रयत्न करने वाले हर एक लोग अपराधी निर्णीत किये गए थे। उन बुरे लोगों पर बुरी आपत्तियाँ आई थीं।” यह सन्देश यहोवा का था।
“मोआब का कभी विपत्ति से पाला नहीं पड़ा। मोआब शान्त होने के लिये छोड़ी गई दाखमधु सा है। मोआब एक घड़े से कभी दूसरे घड़े में ढाला नहीं गया। वह कभी बन्दी नहीं बनाया गया। अत: उसका स्वाद पहले की तरह है और उसकी गन्ध बदली नहीं है।”
“एक राष्ट्र है, जो खुशहाल है। उस राष्ट्र को विश्वास है कि उसे कोई नहीं हरायेगा। उस राष्ट्र के पास सुरक्षा के लिये द्वार और रक्षा प्राचीर नहीं है। वे लोग अकेले रहते हैं।” यहोवा कहता है, “उस राष्ट्र पर आक्रमण करो।”
इसलिये मैं यहूदा के लोगों के प्रमुखों के पास जाऊँगा। मैं उनसे बातें करूँगा। निश्चय ही प्रमुख यहोवा के मार्ग को समझते हैं। मुझे विश्वास है कि वे अपने परमेश्वर के नियमों को जानते हैं।” किन्तु सभी प्रमुख यहोवा की सेवा करने से इन्कार करने में एक साथ हो गए।
इस झूठ पर विश्वास न करो जो कुछ लोग बोलते हैं। वे कहते हैं, “यह यहोवा का मन्दिर है। यहोवा का मन्दिर है! यहोवा का मन्दिर है!”
एक समय वह था जब यरूशलेम में लोगों की भीड़ थी। किन्तु आज वही नगरी उजाड़ पड़ी हुई हैं! एक समय वह था जब देशों के मध्य यरूशलेम महान नगरी थी! किन्तु आज वही ऐसी हो गयी है जैसी कोई विधवा होती है! वह समय था जब नगरियों के बीच वह एक राजकुमारी सी दिखती थी। किन्तु आज वही नगरी दासी बना दी गयी है।
“पृथ्वी पर अनेक परिवार हैं। किन्तु तुम अकेले परिवार हो जिसे मैंने विशेष ध्यान देने के लिये चुना। किन्तु तुम मेरे विरूद्ध हो गए। अत: मैं तुम्हारे सभी पापों के लिये दण्ड दूँगा।”
अशदोद और मिस्र के ऊँचे किलों पर जाओ और इस सन्देश की घोषणा करो: “शोमरोन के पर्वतों पर जाओ। वहाँ तुम बड़ी गड़बड़ी पाओगे। क्यों क्योंकि लोग नहीं जानते कि ठीक कैसे रहा जाता है। वे अन्य लोगों के प्रति क्रूर थे। वे अन्य लोगों से चीजें लेते थे और उन चीजों को अपने ऊँचे किलों में छिपाते थे। उनके खजाने युद्ध में ली गई उनकी चीजों से भरे हैं।”
शोमरोन के पर्वत की बाशान की गायों मेरी बात सुनो। तुम गरीब लोगों को चोट पहुँचाती हो। तुम उन गरीबों को कुचलती हो। तुम अपने अपने पतियों से कहती हो, “पीने के लिये हमारे लिये कोई दाखमधु लाओ!”
अत: मैं तुम्हें बन्दी बनाकर दमिश्क के पार पहुँचाऊँगा” यह सब यहोवा कहता है। उसका नाम सर्वशक्तिमान परमेश्वर है।
उन लोगों ने शोमरोन के पाप के नाम पर प्रतिज्ञायें की। उन्होंने कहा, ‘दान तुम्हारे देवता की सत्ता निश्चित सत्य है, इससे हम प्रतिज्ञा करते हैं …, और बेर्शेबा के देवता की सत्ता निश्चित सत्य है, इससे हम प्रतिज्ञा करते है …’ अत: उन लोगों का पतन होगा और वे फिर कभी उठेंगे नहीं।”
“मेरे लोगों के बीच पापी कहते हैं, ‘हम लोगों के साथ कुछ भी बुरा घटित नहीं होगा!’ किन्तु वे सभी लोग तलवार से मार दिये जाएँगे।”
फिर मैंने कहा, “हे याकूब के मुखियाओं, अब सुनो। हे इस्राएल के प्रजा के शासकों, अब सुनो। तुमको जानना चाहिये कि न्याय क्या होता है!
“उस समय, मैं एक दीपक लूंगा और यरूशलेम में रहकर खोज करूँगा। मैं उन सभी लोगों को ढूँढूंगा जो अपने ही तरीके से रहने में सन्तुष्ट हैं। वे लोग कहते हैं, ‘यहोवा कुछ नहीं करता। वे न सहायता करते हैं न चोट ही पहुँचाते हैं!’ मैं उन लोगों का पता लगाऊंगा और उन्हें दण्ड दूँगा!
सत्य के सुसंदेश के द्वारा अपनी संतान बनाने के लिए उसने हमें चुना। ताकि हम सभी प्राणियों के बीच उसकी फ़सल के पहले फल सिद्ध हों।
धरती पर तुमने विलासपूर्ण जीवन जीया है और अपने आपको भोग-विलासों में डुबोये रखा है। इस प्रकार तुमने अपने आपको वध किए जाने के दिन के लिए पाल-पोसकर हृष्ट-पुष्ट कर लिया है।
इसलिए पाँचों व्यक्ति वहाँ से चले। वे लैश नगर को आए। उन्होंने देखा कि उस नगर के लोग सुरक्षित रहते हैं। उन पर सीदोन के लोगों का शासन था। सीदोन भूमध्यसागर के तट पर एक महत्वपूर्ण और शक्तिशाली नगर था। वे शान्ति और सुरक्षा के साथ रहते थे। लोगों के पास हर एक चीज़ बहुत अधिक थी और उन पर प्रहार करने वाला पास में कोई शत्रु नहीं था और वे सीदोन नगर के लोगों से बहुत अधिक दूर रहते थे और अरामके लोगों से भी उनका कोई व्यापार नहीं था।