क्या मेरी आशा भी मेरे साथ मृत्यु के द्वार तक जायेगी? क्या मैं और मेरी आशा एक साथ धूल में मिलेंगे?”
अय्यूब 18:1 - पवित्र बाइबल फिर शूही प्रदेश के बिल्दद ने उत्तर देते हूए कहा: Hindi Holy Bible तब शूही बिल्दद ने कहा, पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) शूही वंश के बिलदद ने कहा, पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब शूही बिलदद ने कहा, सरल हिन्दी बाइबल इसके बाद शूही बिलदद ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की: इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब शूही बिल्दद ने कहा, |
क्या मेरी आशा भी मेरे साथ मृत्यु के द्वार तक जायेगी? क्या मैं और मेरी आशा एक साथ धूल में मिलेंगे?”
“अय्यूब, इस तरह की बातें करना तू कब छोड़ेगा तुझे चुप होना चाहिये और फिर सुनना चाहिये। तब हम बातें कर सकते हैं।
अय्यूब के तीन मित्र थे:तेमानी का एलीपज, शूही का बिलदद और नामाती का सोपर। इन तीनों मित्रों ने अय्यूब के साथ जो बुरी घटनाएँ घटी थीं, उन सब के बारे में सुना। ये तीनों मित्र अपना—अपना घर छोड़कर आपस में एक दूसरे से मिले। उन्होंने निश्चय किया कि वे अय्यूब के पास जा कर उसके प्रति सहानुभूति प्रकट करें और उसे ढाढस बँधायें।