क्या तू सोचता है कि कोई बुद्धिमान पुरुष व्यर्थ के शब्दों से और उन भाषणों से तर्क करेगा जिनका कोई लाभ नहीं?
अय्यूब 15:4 - पवित्र बाइबल अय्यूब, यदि तू मनमानी करता है तो कोई भी व्यक्ति परमेश्वर की न तो आदर करेगा, न ही उससे प्रार्थना करेगा। Hindi Holy Bible वरन तू भय मानना छोड़ देता, और ईश्वर का ध्यान करना औरों से छुड़ाता है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तुम तो परमेश्वर का भय ही त्याग रहे हो, और दूसरों की ईश-भक्ति में बाधा बन रहे हो। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) वरन् तू परमेश्वर का भय मानना छोड़ देता, और परमेश्वर पर ध्यान लगाना औरों से छुड़ाता है। सरल हिन्दी बाइबल तुमने तो परमेश्वर के सम्मान को ही त्याग दिया है, तथा तुमने परमेश्वर की श्रद्धा में विघ्न डाले. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 वरन् तू परमेश्वर का भय मानना छोड़ देता, और परमेश्वर की भक्ति करना औरों से भी छुड़ाता है। |
क्या तू सोचता है कि कोई बुद्धिमान पुरुष व्यर्थ के शब्दों से और उन भाषणों से तर्क करेगा जिनका कोई लाभ नहीं?
तू जिन बातों को कहता है वह तेरा पाप साफ साफ दिखाती हैं। अय्यूब, तू चतुराई भरे शब्दों का प्रयोग करके अपने पाप को छिपाने का प्रयत्न कर रहा है।
उसको चाहिये था कि वह उस आनन्द को चाहे जिसे केवल सर्वशक्तिमान परमेश्वर देता है। उसको चाहिये की वह हर समय परमेश्वर से प्रार्थना करता रहा।
किन्तु अय्यूब, यदि तुम्हारी जगह मैं होता तो मैं परमेश्वर के पास जाकर अपना दुखड़ा कह डालता।
“क्योंकि वह जो अपने मित्रों के प्रति निष्ठा दिखाने से इन्कार करता है। वह सर्वशक्तिमान परमेश्वर का भी अपमान करता है।
वे कभी मन से मुझे नहीं पुकारते हैं। हाँ, बिस्तर में पड़े हुए वे पुकारा करते हैं। जब वे नया अन्न और नयी दाखमधु मांगते हैं तब पूजा के अंग के रूप में वे अपने अगों को स्वंय काटा करते हैं। किन्तु वे अपने हृदय में मुझ से दूर हुये हैं।
जब कोई मर जाएगा तब कोई सम्बंधी शव लेने आएगा, जिससे वह उसे बाहर ले जा सके और जला सके। सम्बंधी घर में से हड्डियाँ लेने आयेगा। लोग किसी भी उस व्यक्ति से जो घर के भीतर छिपा होगा, पूछेंगे, “क्या तुम्हारे पास कोई अन्य शव है?” वह व्यक्ति उत्तर देगा, “नहीं …।” तब व्यक्ति के सम्बंधी कहेंगे, “चुप! हमें यहोवा का नाम नहीं लेना चाहिये।”
कुछ लोग यहोवा से विमुख हो गये। उन्होंने मेरा अनुसरण करना छोड़ दिया। उन लोगों ने यहोवा से सहायता मांगना भी बन्द कर दिया। अत: मैं उन लोगों को उस स्थान से हटाऊंगा।”
फिर उसने उन्हें यह बताने के लिए कि वे निरन्तर प्रार्थना करते रहें और निराश न हों, यह दृष्टान्त कथा सुनाई:
सो क्या, हम विश्वास के आधार पर व्यवस्था को व्यर्थ ठहरा रहे है? निश्चय ही नहीं। बल्कि हम तो व्यवस्था को और अधिक शक्तिशाली बना रहे हैं।
मैं परमेश्वर के अनुग्रह को नहीं नकार रहा हूँ, किन्तु यदि धार्मिकता व्यवस्था के विधान के द्वारा परमेश्वर से नाता जुड़ा पाता तो मसीह बेकार ही अपने प्राण क्यों देता।