यदि कोई मनुष्य मर जाये तो क्या जीवन कभी पायेगा? मैं तब तक बाट जोहूँगा, जब तक मेरा कर्तव्य पूरा नहीं हो जाता और जब तक मैं मुक्त न हो जाऊँ।
अय्यूब 14:20 - पवित्र बाइबल तू एक बार व्यक्ति को हराता है और वह समाप्त हो जाता है। तू मृत्यु के रूप सा उसका मुख बिगाड़ देता है, और सदा सदा के लिये कहीं भेज देता है। Hindi Holy Bible तू सदा उस पर प्रबल होता, और वह जाता रहता है; तू उसका चिहरा बिगाड़कर उसे निकाल देता है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तू सदा उसको दबाए रखता है, अत: वह गुजर जाता है; तू उसका चेहरा बिगाड़ देता है, और उसको दूर भेज देता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तू सदा उस पर प्रबल होता, और वह जाता रहता है; तू उसका चेहरा बिगाड़कर उसे निकाल देता है। सरल हिन्दी बाइबल एक ही बार आप उसे ऐसा हराते हैं, कि वह मिट जाता है; आप उसका स्वरूप परिवर्तित कर देते हैं और उसे निकाल देते हैं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तू सदा उस पर प्रबल होता, और वह जाता रहता है; तू उसका चेहरा बिगाड़कर उसे निकाल देता है। |
यदि कोई मनुष्य मर जाये तो क्या जीवन कभी पायेगा? मैं तब तक बाट जोहूँगा, जब तक मेरा कर्तव्य पूरा नहीं हो जाता और जब तक मैं मुक्त न हो जाऊँ।
किन्तु इन तीनों मित्रों ने जब दूर से अय्यूब को देखा तो वे निश्चय नहीं कर पाये कि वह अय्यूब है क्योंकि वह एकदम अलग दिखाई दे रहा था। वे दहाड़ मार कर रोने लगे। उन्होंने अपने कपड़े फाड़ डाले। अपने दु:ख और अपनी बेचैनी को दर्शाने के लिये उन्होंने हवा में धूल उड़ाते हुए अपने अपने सिरों पर मिट्टी डाली।
किन्तु वह सदा के लिये नष्ट हो जायेगा जैसे स्वयं उसका देहमल नष्ट होगा। वे लोग जो उसको जानते हैं कहेंगे, ‘वह कहाँ है’
अगर मैं तभी मर गया होता जब मैं पैदा हुआ था तो अब मैं शान्ति से होता। काश! मैं सोता रहता और विश्राम पाता।
लोग भोर से सांझ के बीच में मर जाते हैं किन्तु उन पर ध्यान तक कोई नहीं देता है। वे मर जाते हैं और सदा के लिये चले जाते हैं।
आत्मा को इस देह को छोड़कर जाने से कोई नहीं रोके रख सकता है। अपनी मृत्यु को रोक दें, ऐसी शक्ति तो किसी भी व्यक्ति में नहीं है। जब युद्ध चल रहा हो तो किसी भी सैनिक को यह स्वतंत्रता नहीं है कि वह जहाँ चाहे वहाँ चला जाये। इसी प्रकार यदि कोई व्यक्ति पाप करता है तो वह पाप उस व्यक्ति को स्वतंत्रत नहीं रहने देता।
किन्तु उनके मुख अब धुंए से काले हो गये हैं। यहाँ तक कि गलियों में उनको कोई नहीं पहचानता था। उनकी ठठरी पर अब झूर्रियां पड़ रही हैं। उनका चर्म लकड़ी सा कड़ा हो गया है।