ऑनलाइन बाइबिल

विज्ञापनों


संपूर्ण बाइबिल पुराना वसीयतनामा नया करार




2 राजाओं 1:9 - पवित्र बाइबल

अहज्याह ने एक सेनापति और पचास पुरुषों को एलिय्याह के पास भेजा। सेनापति एलिय्याह के पास गया। उस समय एलिय्याह एक पहाड़ी की चोटी पर बैठा था। सेनापति ने एलिय्याह से कहा, “परमेश्वर के जन राजा का आदेश है, ‘नीचे आओ।’”

अध्याय देखें

Hindi Holy Bible

तब उसने उसके पास पचास सिपाहियों के एक प्रधान को उसके पचासों सिपाहियों समेत भेजा। प्रधान ने उसके पास जा कर क्या देखा कि वह पहाड़ की चोटी पर बैठा है। और उसने उस से कहा, हे परमेश्वर के भक्त राजा ने कहा है, कि तू उतर आ।

अध्याय देखें

पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

राजा ने एलियाह के पास पचास सैनिकों तथा उनके सेना-नायक को भेजा। सेना-नायक गया। उस समय एलियाह पहाड़ की चोटी पर बैठे हुए थे। सेना-नायक ने एलियाह को पुकारा, ‘ओ परमेश्‍वर के जन! महाराज ने यह कहा है: “नीचे उतरो!” ’

अध्याय देखें

पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

तब उसने उसके पास पचास सिपाहियों के एक प्रधान को, उसके पचासों सिपाहियों समेत भेजा। प्रधान ने एलिय्याह के पास जाकर क्या देखा कि वह पहाड़ की चोटी पर बैठा है। उसने उससे कहा, “हे परमेश्‍वर के भक्‍त, राजा ने कहा है, ‘तू उतर आ।’ ”

अध्याय देखें

सरल हिन्दी बाइबल

राजा ने एक सेना के प्रधान को उसके पचास सैनिकों के साथ एलियाह के पास भेज दिया. सेना के प्रधान ने वहां जाकर देखा कि एलियाह पहाड़ी की चोटी पर बैठे हुए थे. सेना के प्रधान ने एलियाह से कहा, “परमेश्वर के जन, राजा का आदेश है, ‘नीचे उतर आओ.’ ”

अध्याय देखें

इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

तब उसने उसके पास पचास सिपाहियों के एक प्रधान को उसके पचासों सिपाहियों समेत भेजा। प्रधान ने एलिय्याह के पास जाकर क्या देखा कि वह पहाड़ की चोटी पर बैठा है। उसने उससे कहा, “हे परमेश्वर के भक्त राजा ने कहा है, ‘तू उतर आ।’”

अध्याय देखें



2 राजाओं 1:9
22 क्रॉस रेफरेंस  

और उस स्त्री ने एलिय्याह से कहा, “तुम परमेश्वर के व्यक्ति हो। क्या तुम मुझे सहायता दे सकते हो या क्या तुम मुझे सारे पापों को केवल याद कराने के लिये यहाँ आये हो क्या तुम यहाँ मेरे पुत्र को केवल मरवाने आये थे?”


यहोवा, तुम्हारे परमेश्वर की सत्ता जैसे निश्चित है, वैसे ही यह निश्चित है, कि राजा तुम्हारी खोज कर रहा है। उसने हर एक देश में तुम्हारा पता लगाने के लिये आदमी भेज रखे हैं। यदि किसी देश के राजा ने यह कहा कि तुम उसके देश में नहीं हो, तो अहाब ने उसे यह शपथ खाने को विवश किया कि तुम उसके देश में नहीं हो।


एक बार ईज़ेबेल यहोवा के सभी नबियों को जान से मार रही थी। इसलिये ओबद्याह ने सौ नबियों को लिया और उन्हें दो गुफाओं में छिपाया। ओबद्याह ने एक गुफा में पचास नबी और दूसरी गुफा में पचास नबी रखे। तब ओबद्याह उनके लिये पानी और भोजन लाया।)


अत: राजा अहाब भोजन करने गया। उसी समय एलिय्याह कर्म्मेल पर्वत की चोटी पर चढ़ा। पर्वत की चोटी पर एलिय्याह प्रणाम करने झुका। उसने अपने सिर को अपने घुटनों के बीच में रखा।


इसलिये ईज़ेबेल ने एलियाह के पास एक दूत भेजा। ईज़ेबेल ने कहा, “मैं प्रतिज्ञा करती हूँ कि इस समय से पहले कल मैं तुमको वैसे ही मारूँगी जैसे तुमने नबियों को मारा। यदि मैं सफल नहीं होती तो देवता मुझे मार डालें।”


राजा अहाब ने उत्तर दिया, “एक अन्य नबी है। वह यिम्ला का पुत्र मीकायाह है। किन्तु उससे मैं घृणा करता हूँ। जब कभी वह यहोवा का माध्यम बनता है तब वह मेरे लिये कुछ भी अच्छा नहीं कहता। वह सदैव वही कहता है जिसे मैं पसन्द नहीं करता।” यहोशापात ने कहा, “राजा अहाब, तुम्हें ये बातें नहीं कहनी चाहिये!”


वहाँ से एलीशा बेतेल होता हुआ कर्म्मेल पर्वत पर गया, उस के बाद वह शोमरोन पहुँचा।


वह स्त्री परमेश्वर के जन (एलीशा) से मिलने कर्म्मेल पर्वत पर गई। परमेश्वर के जन (एलीशा) ने शूनेमिन स्त्री को दूर से आते देखा। एलीशा ने अपने सेवक गेहजी से कहा, “देखो, वह शूनेमिन स्त्री है!


तब मैं रेकाबी परिवार को यहोवा के मन्दिर में ले आया। हम लोग उस कमरे में गये जो हानान के पुत्रों का कहा जाता है। हानान यिग्दल्याह नामक व्यक्ति का पुत्र था। हानान परमेश्वर का व्यक्ति था। वह कमरा उस कमरे से अगला कमरा था जिसमें यहूदा के राजकुमार ठहरते थे। यह शल्लूम के पुत्र मासेयाह के कमरे के ऊपर था। मासेयाह मन्दिर में द्वारपाल था।


अमस्याह ने भी आमोस से कहा, “हे दर्शी, यहूदा जाओ और वहीं खाओ। अपने उपदेश वहीं दो।


यह वही हेरोदेस था जिसने यूहन्ना को बंदी बना, जंजीरों में बाँध, जेल में डाल दिया था। यह उसने हिरोदियास के कहने पर किया था, जो पहले उसके भाई फिलिप्पुस की पत्नी थी।


“हे मसीह! भविष्यवाणी कर कि वह कौन है जिसने तुझे मारा?”


काँटों से बना एक ताज उसके सिर पर रख दिया। उसके दाहिने हाथ में एक सरकंडा थमा दिया और उसके सामने अपने घुटनों पर झुक कर उसकी हँसी उड़ाते हुए बोले, “यहूदियों का राजा अमर रहे।”


उसके पास से निकलते हुए लोग उसका अपमान कर रहे थे। अपना सिर नचा-नचा कर वे कहते, “अरे, वाह! तू वही है जो मन्दिर को ध्वस्त कर तीन दिन में फिर बनाने वाला था।


अब इस ‘मसीह’ और ‘इस्राएल के राजा को’ क्रूस पर से नीचे तो उतरने दे ताकि हम यह देख कर उसमें विश्वास कर सकें।” उन दोनों ने भी, जो उसके साथ क्रूस पर चढ़ाये गये थे, उसका अपमान किया।


जब उसके शिष्यों याकूब और यूहन्ना ने यह देखा तो वे बोले, “प्रभु क्या तू चाहता है कि हम आदेश दें कि आकाश से अग्नि बरसे और उन्हें भस्म कर दे?”


कुछ को उपहासों और कोड़ों का सामना करना पड़ा जबकि कुछ को ज़ंजीरों से जकड़ कर बंदीगृह में डाल दिया गया।


शाऊल ने इस बारे में सुना, अत: उसने वहाँ अन्य दूत भेजे। किन्तु वे भी भविष्यवाणी करने लगे। इसलिये शाऊल ने तीसरी बार दूत भेजे और वे भी भविष्यवाणी करने लगे।