उसकी “वाणी” भूमण्डल में व्यापती है और उसके “शब्द” धरती के छोर तक पहुँचते हैं। उनमें उसने सूर्य के लिये एक घर सा तैयार किया है।
2 कुरिन्थियों 10:13 - पवित्र बाइबल जो भी हो, हम उचित सीमाओं से बाहर बढ़ चढ़ कर बात नहीं करेंगे, बल्कि परमेश्वर ने हमारी गतिविधियों की जो सीमाएँ हमें सौंपी है, हम उन्हीं में रहते हैं और वे सीमाएँ तुम तक पहुँचती हैं। Hindi Holy Bible हम तो सीमा से बाहर घमण्ड कदापि न करेंगे, परन्तु उसी सीमा तक जो परमेश्वर ने हमारे लिये ठहरा दी है, और उस में तुम भी आ गए हो और उसी के अनुसार घमण्ड भी करेंगे। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) हम अपनी सीमा का उल्लंघन करते हुए गर्व नहीं करेंगे। परमेश्वर ने हमारे लिए कार्य-क्षेत्र की जो सीमा निर्धारित की और जिसमें आप लोग भी सम्मिलित हैं, हम उसके भीतर रहेंगे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) हम तो सीमा से बाहर घमण्ड कदापि न करेंगे, परन्तु उसी सीमा तक जो परमेश्वर ने हमारे लिये ठहरा दी है, और उसमें तुम भी आ गए हो, और उसी के अनुसार घमण्ड भी करेंगे। नवीन हिंदी बाइबल परंतु हम अपनी मर्यादा से बाहर गर्व नहीं करेंगे, बल्कि अपने कार्यक्षेत्र की उस सीमा के भीतर ही गर्व करेंगे जो परमेश्वर ने हमारे लिए निर्धारित की है, और उसमें तुम भी हो। सरल हिन्दी बाइबल हम अपनी मर्यादा के बाहर गर्व नहीं करेंगे. हम परमेश्वर द्वारा निर्धारित मर्यादा में ही सीमित रहेंगे. तुम भी इसी सीमा में सीमित हो. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 हम तो सीमा से बाहर घमण्ड कदापि न करेंगे, परन्तु उसी सीमा तक जो परमेश्वर ने हमारे लिये ठहरा दी है, और उसमें तुम भी आ गए हो और उसी के अनुसार घमण्ड भी करेंगे। |
उसकी “वाणी” भूमण्डल में व्यापती है और उसके “शब्द” धरती के छोर तक पहुँचते हैं। उनमें उसने सूर्य के लिये एक घर सा तैयार किया है।
वह मनुष्य वर्षा रहित पवन और रीतें मेघों सा होता है, जो बड़ी—बड़ी कोरी बातें देने की बनाता है; किन्तु नहीं देता है।
“लोग दीवार की सीध देखने के लिये जैसे सूत डाल कर देखते हैं, वैसे ही मैं जो उचित है उसके लिए न्याय और खरेपन का प्रयोग करुँगा। तुम दुष्ट लोग अपनी झूठों और चालाकियों के पीछे अपने को छुपाने का जतन कर रहे हो, किन्तु तुम्हें दण्ड दिया जायेगा। यह दण्ड ऐसा ही होगा जैसे तुम्हारे छिपने के स्थानों को नष्ट करने के लिए कोई तूफान या कोई बाढ़ आ रही हो।
उसने एक को चाँदी के सिक्कों से भरी पाँच थैलियाँ दीं। दूसरे को दो और तीसरे को एक। वह हर एक को उसकी योग्यता के अनुसार दे कर यात्रा पर निकल पड़ा।
किन्तु मैं कहता हूँ, “क्या उन्होंने हमारे उपदेश को नहीं सुना?” हाँ, निश्चय ही। शास्त्र कहता है: “उनका स्वर समूची धरती पर फैल गया, और उनके वचन जगत के एक छोर से दूसरे छोर तक पहुँचा।”
इसलिए उसके अनुग्रह के कारण जो उपहार उसने मुझे दिया है, उसे ध्यान में रखते हुए मैं तुममें से हर एक से कहता हूँ, अपने को यथोचित समझो अर्थात जितना विश्वास उसने तुम्हें दिया है, उसी के अनुसार अपने को समझना चाहिए।
तो फिर उसके अनुग्रह के अनुसार हमें जो अलग-अलग उपहार मिले हैं, हम उनका प्रयोग करें। यदि किसी को भविष्यवाणी की क्षमता दी गयी है तो वह उसके पास जितना विश्वास है उसके अनुसार भविष्यवाणी करे।
मेरे मन में सदा यह अभिलाषा रही है कि मैं सुसमाचार का उपदेश वहाँ दूँ जहाँ कोई मसीह का नाम तक नहीं जानता, ताकि मैं किसी दूसरे व्यक्ति की नींव पर निर्माण न करूँ।
किन्तु यह वही एक आत्मा है जो जिस-जिस को जैसा-जैसा ठीक समझता है, देते हुए, इन सब बातों को पूरा करता है।
हममें से हर किसी को उसके अनुग्रह का एक विशेष उपहार दिया गया है जो मसीह की उदारता के अनुकूल ही है।
जिस किसी को परमेश्वर की ओर से जो भी वरदान मिला है, उसे चाहिए कि परमेश्वर के विविध अनुग्रह के उत्तम प्रबन्धकों के समान, एक दूसरे की सेवा के लिए उसे काम में लाए।