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1 राजाओं 4:5 - पवित्र बाइबल

नातान का पुत्र अजर्याह जनपद—प्रशासकों का अधीक्षक था। नातान का पुत्र जाबूद याजक और राजा सुलैमान का एक सलाहकार था।

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Hindi Holy Bible

और नातान का पुत्र अजर्याह भणडारियों के ऊपर था, और नातान का पुत्र जाबूद याजक, और राजा का मित्र भी था।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

क्षेत्रीय प्रशासकों का निरीक्षक : अजर्याह बेन-नातन; राजा का मित्र: जाबूद बेन-नातन;

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

नातान का पुत्र अजर्याह भण्डारियों के ऊपर था, और नातान का पुत्र जाबूद याजक, और राजा का मित्र भी था।

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सरल हिन्दी बाइबल

नाथान का पुत्र अज़रियाह क्षेत्रीय राज्यपालों का अधिकारी बनाया गया. नाथान के अन्य पुत्र ज़ाबूद, जो पुरोहित भी थे, राजा के सलाहकार भी;

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

नातान का पुत्र अजर्याह भण्डारियों के ऊपर था, और नातान का पुत्र जाबूद याजक, और राजा का मित्र भी था।

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1 राजाओं 4:5
17 क्रॉस रेफरेंस  

यहोवा ने नबी नातान द्वारा सन्देश भेजा। नातान ने सुलैमान का नाम यदीद्याह रखा। नातान ने यह यहोवा के लिये किया।


तब दाऊद का मित्र हूशै नगर में गया, और अबशालोम यरूशलेम आया।


दाऊद का एरेकी मित्र हूशै अबशालोम के पास आया। हूशै ने अबशालोम से कहा, “राजा दीर्घायु हो। राजा दीर्घायु हो!”


और याईरी दाऊद का प्रमुख याजक था।


यरूशलेम में उत्पन्न हुए दाऊद के पुत्रों के नाम ये हैं: शम्मू, शोबाब, नातान, सुलैमान,


राजा दाऊद ने नातान नबी से कहा, “देखो, मैं देवदारू की लकड़ी से बने महल में रह रहा हूँ। किन्तु परमेश्वर का पवित्र सन्दूक अब भी तम्बू में रखा हुआ है।”


यहोयादा का पुत्र बनायाह करेतियों और पलेतियों का शासक था, और दाऊद के पुत्र महत्वपूर्ण प्रमुख थे।


अहीशार राजा के घर की हर एक चीज़ का उत्तरदायी था। अब्दा का पुत्र अदोनीराम दासों का अधीक्षक था।


इस्राएल बारह क्षेत्रों में बँटा था जिन्हें जनपद कहते थे। सुलैमान हर जनपद पर शासन करने के लिये प्रशासकों को चुनता था। इन प्रशासकों को आदेश था कि वे अपने जनपद से भोजन सामग्री इकट्ठा करें और उसे राजा और उसके परिवार को दें। हर वर्ष एक महीने की भोजन सामग्री राजा को देने का उत्तरदायित्व बारह प्रशासकों में से हर एक का था।


अहीतोपेल राजा का सलाहकार था। हुशै राजा का मित्र था। हुशै एरेकी लोगों में से था।


वह जो पवित्र मन को प्रेम करता है और जिसकी वाणी मनोहर होती है उसका तो राजा भी मित्र बन जाता है।


उसका एक शिष्य यीशु के निकट ही बैठा हुआ था। इसे यीशु बहुत प्यार करता था।


इस प्रकार शास्त्र का यह कहा पूरा हुआ था, “इब्राहीम ने परमेश्वर पर विश्वास किया और विश्वास के आधार पर ही वह धर्मी ठहरा” और इसी से वह “परमेश्वर का मित्र” कहलाया।