“मेरा सुझाव यह है: तुम्हें दान से लेकर बेर्शेबा तक के सभी इस्राएलियों को इकट्ठा करना चाहिये। तब बड़ी संख्या में लोग समुद्र की रेत के कणों समान होंगे। तब तुम्हें स्वयं युद्ध में जाना चाहिये।
1 राजाओं 4:25 - पवित्र बाइबल सुलैमान के जीवन काल में इस्राएल और यहूदा के सभी लोग लगातार दान से लेकर बेर्शेबा तक शान्ति और सुरक्षा में रहते थे। लोग शान्तिपूर्वक अपने अंजीर के पेड़ों और अंगूर की बेलों के नीचे बैठते थे। Hindi Holy Bible और दान से बेशर्बा तक के सब यहूदी और इस्राएली अपनी अपनी दाखलता और अंजीर के वृक्ष तले सुलैमान के जीवन भर निडर रहते थे। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) सुलेमान के राज्य-काल में यहूदा और इस्राएल प्रदेशों के मध्य शान्ति बनी रही। दान नगर से बएर-शेबा नगर तक की सीमा के अन्तर्गत रहने वाला प्रत्येक नागरिक सुख-समृद्धि का जीवन व्यतीत करता था। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) दान से बेर्शेबा तक के सब यहूदी और इस्राएली अपनी अपनी दाखलता और अंजीर के वृक्ष तले सुलैमान के जीवन भर निडर रहते थे। सरल हिन्दी बाइबल यहूदिया और इस्राएल पूरी तरह सुरक्षित थे. दान से बेअरशेबा तक हर एक व्यक्ति शलोमोन के पूरे जीवन भर में अपने अंगूरों और अंजीरों को खाते थे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और दान से बेर्शेबा तक के सब यहूदी और इस्राएली अपनी-अपनी दाखलता और अंजीर के वृक्ष तले सुलैमान के जीवन भर निडर रहते थे। |
“मेरा सुझाव यह है: तुम्हें दान से लेकर बेर्शेबा तक के सभी इस्राएलियों को इकट्ठा करना चाहिये। तब बड़ी संख्या में लोग समुद्र की रेत के कणों समान होंगे। तब तुम्हें स्वयं युद्ध में जाना चाहिये।
इसलिये यहोवा ने इस्राएल में बीमारी भेजी। यह प्रातःकाल आरम्भ हुई और रुकने के निर्धारित समय तक रही। दान से बेर्शेबा तक सत्तर हज़ार लोग मर गए।
“किन्तु हिजकिय्याह की एक न सुनो। अश्शूर का सम्राट यह कहता हैः मेरे साथ सन्धि करो और मुझसे मिलो। तब तुम हर एक अपनी अंगूर की बेलों और अपने अंजीर के पेड़ों से खा सकते हो तथा अपने कुँए से पानी पी सकते हो।
किन्तु तुम्हारा एक पुत्र है जो शान्ति प्रिय है। मैं तुम्हारे पुत्र को शान्ति प्रदान करूँगा। उसके चारों ओर के शत्रु उसे परेशान नहीं करेंगे। उसका नाम सुलैमान है और मैं इस्राएल को उस समय सुख शान्ति दूँगा जिस समय सुलैमान राजा रहेगा।
“‘हिजकिय्याह के इन शब्दों की अनसुनी करो। अश्शूर के राजा की सुनो! अश्शूर के राजा का कहना है, “हमे एक सन्धि करनी चाहिये। तुम लोग नगर से बाहर निकल कर मेरे पास आओ। फिर हर व्यक्ति अपने घर जाने को स्वतन्त्र होगा। हर व्यक्ति अपने अँगूर की बेलों से अँगूर खाने को स्वतन्त्र होगा और हर व्यक्ति अपने अंजीर के पेंड़ों के फल खाने को स्वतन्त्र होगा। स्वयं अपने कुँए का पानी पीने को हर व्यक्ति स्वतन्त्र होगा।
तेरे देश में हिंसा और तेरी सीमाओं में तबाही और बरबादी कभी नहीं सुनाई पड़ेगी। तेरे देश में लोग फिर कभी तेरी वस्तुएँ नहीं चुरायेंगे। तू अपने परकोटों का नाम ‘उद्धार’ रखेगा और तू अपने द्वारों का नाम ‘स्तुति’ रखेगा।
तुम कहोगे, ‘मैं उस देश पर आक्रमण करने जाऊँगा जिसके नगर बिना दीवार के हैं (इस्राएल) वे लोग शान्तिपूर्वक रहते हैं। वे समझते हैं कि वे सुरक्षित हैं। उनकी रक्षा के लिये उनके नगरों के चारों ओर कोई दीवार नहीं है। उनके दरवाजों में ताले नहीं है, उनके दरवाजे भी नहीं हैं!
लोग अपनी लज्जा और मेरे विरुद्ध विद्रोह के सारे समय को भूल जायेंगे। वे अपने देश में सुरक्षा के साथ रहेंगे। कोई भी उन्हें भयभीत नहीं करेगा।
किन्तु हर कोई अपने अंगूरों की बेलों तले और अंजीर के पेड़ के नीचे बैठा करेगा। कोई भी व्यक्ति उन्हें डरा नहीं पायेगा! क्यों क्योंकि सर्वशक्तिमान यहोवा ने यह कहा है!
सर्वशक्तिमान यहोवा कहता है, “उस समय, लोग बैठेंगे और अपने मित्रों एवं पड़ोसियों को अपने उद्यानों में आमंन्त्रित करेंगे। हर व्यक्ति अपने अंजीर के पेड़ तथा अंगूर की बेल के नीचे अमन—चैन से रहेगा।”
इस प्रकार इस्राएल के सभी लोग एक हो गए। वे मिस्पा नगर में यहोवा के सामने खड़े होने के लिए एक साथ आए। वे पूरे इस्राएल देश से आए। गिलाद प्रदेश के सभी इस्राएली लोग भी वहाँ थे।