किन्तु अब राजा तुम हो। अत: तुम्हें उसे इस प्रकार दण्ड देना चाहिये जिसे तुम सबसे अधिक बुद्धिमत्तापूर्ण समझो। किन्तु तुम्हें यह निश्चय कर लेना चाहिये कि वह मार डाला जाये। उसे बुढ़ापे की शान्तिपूर्ण मृत्यु न पाने दो!
किन्तु याकूब ने कहा, “मैं बिन्यामीन को तुम लोगों के साथ नहीं जाने दूँगा। उसका भाई मर चुका है। और मेरी पत्नी राहेल का वही अकेला पुत्र बचा है। मिस्र तक की यात्रा में यदि उसके साथ कुछ हुआ तो वह घटना मुझे मार डालेगी। तुम लोग मुझ वृद्ध को कब्र में बहुत दुःखी करके भेजोगे।”
मैं तुम्हारे जीवन बदले में तुम्हारा खून मागूँगा। अर्थात् मैं उस जानवर का जीवन मागूँगा जो किसी व्यक्ति को मारेगा और मैं हर एक ऐसे व्यक्ति का जीवन मागूँगा जो दूसरे व्यक्ति की ज़िन्दगी नष्ट करेगा।”
“गिलाद के, बर्जिल्लै के बच्चों पर दयालु रहो। उन्हें अपना मित्र होने दो और अपनी मेज पर भोजन करने दो। उन्होंने मेरी तब सहायता की, जब मैं तुम्हारे भाई अबशालोम से भाग खड़ा हुआ था।
परन्तु शिमी को दण्ड दिये बिना न रहने दो। तुम बुद्धिमान व्यक्ति हो, तुम समझ जाओगे कि उसके साथ क्या करना चाहिये। किन्तु उसे बुढ़ापे की शान्तिपूर्ण मृत्यु न पाने दो।”
इसलिये मैं तुम्हें वही दूँगा जो तुमने माँगा। मैं तुम्हें बुद्धिमान और विवेकी बनाऊँगा। मैं तुम्हारी बुद्धि को इतना महान बनाऊँगा कि बीते समय में कभी तुम्हारे जैसा कोई व्यक्ति नहीं हुआ है और भविष्य में तुम्हारे जैसा कभी कोई नहीं होगा।
‘मैं तुम्हें तुम्हारे पूर्वजों के साथ ले आऊँगा। तुम मरोगे और अपनी कब्र में शान्तिपूर्वक जाओगे। अतः तुम्हारी आँखें उन विपत्तियों को नहीं देखेंगी जिन्हें मैं इस स्थान (यरूशलेम) पर ढाने जा रहा हूँ।’” तब याजक हिलकिय्याह, अहीकाम, अकबोर, शापान और असाया ने राजा से यह सब कहा।
कभी कभी लोगों ने जो बुरे काम किये हैं, उनके लिये उन्हें तुरंत दण्ड नहीं मिलता। उन पर दण्ड धीरे धीरे पड़ता है और इसके कारण दूसरे लोग भी बुरे कर्म करना चाहने लगते हैं।
उस नगरी में कोई बच्चा ऐसा नहीं होगा जो पैदा होने के बाद कुछ ही दिन जियेगा। उस नगरी का कोई भी व्यक्ति अपनी अल्प आयु में नहीं मरेगा। हर पैदा हुआ बच्चा लम्बी उम्र जियेगा और उस नगरी का प्रत्येक बूढ़ा व्यक्ति एक लम्बे समय तक जीता रहेगा। वहाँ सौ साल का व्यक्ति भी जवान कहलायेगा। किन्तु कोई भी ऐसा व्यक्ति जो सौ साल से पहले मरेगा उसे अभिशप्त कहा जायेगा।
“अपने देश को निरपराधों के खून से भ्रष्ट मत होने दो। यदि कोई व्यक्ति किसी को मारता है, तो उस अपराध का बदला केवल यही है कि उस व्यक्ति को मार दिया जाए। अन्य कोई ऐसा भुगतान नहीं है जो उस अपराध से उस देश को मुक्त कर सके।