तब फिरौन ने अपनी राज्य की मुहर वाली अगूँठी यूसुफ को दी और यूसुफ को एक सुन्दर रेशमी वस्त्र पहनने को दिया। फ़िरौन ने यूसुफ के गले में एक सोने का हार डाला।
1 राजाओं 10:28 - पवित्र बाइबल सुलैमान ने मिस्र और कुएँ से घोड़े मँगाए। उसके व्यापारी उन्हें कुएँ से लाते थे और फिर उन्हें इस्राएल में लाते थे। Hindi Holy Bible और जो घोड़े सुलैमान रखता था, वे मिस्र से आते थे, और राजा के व्योपारी उन्हें झुण्ड झुण्ड करके ठहराए हुए दाम पर लिया करते थे। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) राजा सुलेमान के घोड़ों का आयात मिस्र देश और कोए देश से होता था। राजा के व्यापारी कोए देश से घोड़े खरीदते थे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और जो घोड़े सुलैमान रखता था वे मिस्र से आते थे, और राजा के व्यापारी उन्हें झुण्ड झुण्ड करके ठहराए हुए दाम पर लिया करते थे। सरल हिन्दी बाइबल शलोमोन घोड़ों का आयात मिस्र और कवे से करते थे. राजा के व्यापारी इन्हें दाम देकर कवे से लाया करते थे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और जो घोड़े सुलैमान रखता था, वे मिस्र से आते थे, और राजा के व्यापारी उन्हें झुण्ड-झुण्ड करके ठहराए हुए दाम पर लिया करते थे। |
तब फिरौन ने अपनी राज्य की मुहर वाली अगूँठी यूसुफ को दी और यूसुफ को एक सुन्दर रेशमी वस्त्र पहनने को दिया। फ़िरौन ने यूसुफ के गले में एक सोने का हार डाला।
इसलिए लोग अपने पशु, घोड़े और अन्य सभी जानवरों को भोजन खरीदने के लिए उपयोग में लाने लगे और उस वर्ष यूसुफ ने उनके जानवरों को लिया तथा भोजन दिया।
वे लोग जो कपड़ा बनाया करते हैं, अत्यधिक दु:खी होंगे। इन लोगों को सन का कपड़ा बनाने के लिए पटसन की आवश्यकता होगी किन्तु नदी के सूख जाने से सन के पौधों की बढ़वार नहीं हो पायेगी।
किन्तु इतना होने पर भी तुम मेरे स्वामी के ऐक सेवक तक को नहीं हरा पाओगे। उसके किसी छोटे से छोटे अधिकारी तक को तुम नहीं हरा पाओगे। इसलिए तुम मिस्र के घुड़सवार और रथों पर अपना भरोसा क्यों बनाये रखते हो।
तुम्हारे पाल के लिये उन्होंने मिस्र में बने रंगीन सूती वस्त्र का उपयोग किया। पाल तुम्हारा झंड़ा था। कमरे के लिये तुम्हारे पर्दे नीले और बैंगनी थे। वे सनौवर के समुद्र तट से आते थे।
राजा को अत्यधिक घोड़े अपने लिए नहीं रखने चाहिए और उसे लोगों को अधिक घोड़े लाने के लिए मिस्र नहीं भेजना चाहिए। क्यों? क्योंकि तुमसे यहोवा ने कहा है, ‘तुम्हें उस रास्ते पर कभी नहीं लौटना है।’