जो कोई विश्वास करता है और बपतिस्मा लेता है, उसका उद्धार होगा और जो अविश्वासी है, वह दोषी ठहराया जायेगा।
1 यूहन्ना 5:12 - पवित्र बाइबल वह जो उसके पुत्र को धारण करता है, उस जीवन को धारण करता है। किन्तु जिसके पास परमेश्वर का पुत्र नहीं है, उसके पास वह जीवन भी नहीं है। Hindi Holy Bible जिस के पास पुत्र है, उसके पास जीवन है; और जिस के पास परमेश्वर का पुत्र नहीं, उसके पास जीवन भी नहीं है॥ पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जिसे पुत्र प्राप्त है, उसे वह जीवन प्राप्त है और जिसे परमेश्वर का पुत्र प्राप्त नहीं है, उसे वह जीवन प्राप्त नहीं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जिसके पास पुत्र है, उसके पास जीवन है; और जिसके पास परमेश्वर का पुत्र नहीं, उसके पास जीवन भी नहीं है। नवीन हिंदी बाइबल जिसके पास पुत्र है उसके पास यह जीवन है। जिसके पास परमेश्वर का पुत्र नहीं है उसके पास यह जीवन नहीं। सरल हिन्दी बाइबल जिसमें पुत्र का वास है, उसमें जीवन है, जिसमें परमेश्वर का पुत्र नहीं, उसमें जीवन भी नहीं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जिसके पास पुत्र है, उसके पास जीवन है; और जिसके पास परमेश्वर का पुत्र नहीं, उसके पास जीवन भी नहीं है। |
जो कोई विश्वास करता है और बपतिस्मा लेता है, उसका उद्धार होगा और जो अविश्वासी है, वह दोषी ठहराया जायेगा।
इसलिए वह जो उसके पुत्र में विश्वास करता है अनन्त जीवन पाता है पर वह जो परमेश्वर के पुत्र की बात नहीं मानता उसे वह जीवन नहीं मिलेगा। इसके बजाय उस पर परम पिता परमेश्वर का क्रोध बना रहेगा।”
“मैं तुम्हें सत्य बताता हूँ जो मेरे वचन को सुनता है और उस पर विश्वास करता है जिसने मुझे भेजा है, वह अनन्त जीवन पाता है। न्याय का दण्ड उस पर नहीं पड़ेगा। इसके विपरीत वह मृत्यु से जीवन में प्रवेश पा जाता है।
किन्तु तुम यीशू मसीह में उसी के कारण स्थित हो। वही परमेश्वर के वरदान के रूप में हमारी बुद्धि बन गया है। उसी के द्वारा हम निर्दोष ठहराये गये ताकि परमेश्वर को समर्पित हो सकें और हमें पापों से छुटकारे मिल पाये
इसी से अब आगे मैं जीवित नहीं हूँ किन्तु मसीह मुझ में जीवित है। सो इस शरीर में अब मैं जिस जीवन को जी रहा हूँ, वह तो विश्वास पर टिका है। परमेश्वर के उस पुत्र के प्रति विश्वास पर जो मुझसे प्रेम करता था, और जिसने अपने आप को मेरे लिए अर्पित कर दिया।
यदि हम अंत तक दृढ़ता के साथ अपने प्रारम्भ के विश्वास को थामे रहते हैं तो हम मसीह के भागीदार बन जाते हैं।
जो कोई बहुत दूर चला जाता है और मसीह के विषय में दिए गए सच्चे उपदेश में टिका नहीं रहता, वह परमेश्वर को प्राप्त नहीं करता और जो उसकी शिक्षा में बना रहता है, परमपिता और पुत्र दोनों ही उसके पास हैं।