“जो कोई मुझे सब लोगों के सामने अपनायेगा, मैं भी उसे स्वर्ग में स्थित अपने परम-पिता के सामने अपनाऊँगा।
1 यूहन्ना 4:15 - पवित्र बाइबल यदि कोई यह मानता है कि, “यीशु परमेश्वर का पुत्र है,” तो परमेश्वर उसमें निवास करता है और वह परमेश्वर में रहने लगता है। Hindi Holy Bible जो कोई यह मान लेता है, कि यीशु परमेश्वर का पुत्र है: परमेश्वर उस में बना रहता है, और वह परमेश्वर में। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जो यह स्वीकार करता है कि येशु परमेश्वर के पुत्र हैं, परमेश्वर उस में निवास करता है और वह परमेश्वर में। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जो कोई यह मान लेता है कि यीशु परमेश्वर का पुत्र है, परमेश्वर उसमें बना रहता है, और वह परमेश्वर में। नवीन हिंदी बाइबल जो कोई यह मान लेता है कि यीशु परमेश्वर का पुत्र है, परमेश्वर उसमें बना रहता है और वह परमेश्वर में। सरल हिन्दी बाइबल जो कोई यह स्वीकार करता है कि मसीह येशु परमेश्वर-पुत्र हैं, परमेश्वर का उसमें और उसका परमेश्वर में वास है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जो कोई यह मान लेता है, कि यीशु परमेश्वर का पुत्र है परमेश्वर उसमें बना रहता है, और वह परमेश्वर में। |
“जो कोई मुझे सब लोगों के सामने अपनायेगा, मैं भी उसे स्वर्ग में स्थित अपने परम-पिता के सामने अपनाऊँगा।
“किन्तु मैं तुमसे कहता हूँ जो कोई व्यक्ति सभी के सामने मुझे स्वीकार करता है, मनुष्य का पुत्र भी उस व्यक्ति को परमेश्वर के स्वर्गदूतों के सामने स्वीकार करेगा।
जो मेरे शरीर को खाता रहता है, और लहू को पीता रहता है वह मुझमें ही रहता है, और मैं उसमें।
कि यदि तू अपने मुँह से कहे, “यीशु मसीह प्रभु है,” और तू अपने मन में यह विश्वास करे कि परमेश्वर ने उसे मरे हुओं में से जीवित किया तो तेरा उद्धार हो जायेगा।
वह जो पुत्र को नकारता है, उसके पास पिता भी नहीं है किन्तु जो पुत्र को मानता है, वह पिता को भी मानता है।
जहाँ तक तुम्हारी बात है, तुमने अनादि काल से जो सुना है, उसे अपने भीतर बनाए रखो। जो तुमने अनादि काल से सुना है, यदि तुममें बना रहता है तो तुम पुत्र और पिता दोनों में स्थित रहोगे।
उसका आदेश है: हम उसके पुत्र यीशु मसीह के नाम में विश्वास रखें तथा जैसा कि उसने हमें आदेश दिया है हम एक दूसरे से प्रेम करें।
जो उसके आदेशों का पालन करता है वह उसी में बना रहता है। और उसमें परमेश्वर का निवास रहता है। इस प्रकार, उस आत्मा के द्वारा जिसे परमेश्वर ने हमें दिया है, हम यह जानते हैं कि हमारे भीतर परमेश्वर निवास करता है।
परमेश्वर को कभी किसी ने नहीं देखा है किन्तु यदि हम आपस में प्रेम करते हैं तो परमेश्वर हममें निवास करता है और उसका प्रेम हमारे भीतर सम्पूर्ण हो जाता है।
परमेश्वर की आत्मा को तुम इस तरह पहचान सकते हो: हर वह आत्मा जो यह मानती है कि, “यीशु मसीह मनुष्य के रूप में पृथ्वी पर आया है।” वह परमेश्वर की ओर से है।
जो कोई यह विश्वास करता है कि यीशु मसीह है, वह परमेश्वर की सन्तान बन जाता है और जो कोई परम पिता से प्रेम करता है वह उसकी सन्तान से भी प्रेम करेगा।
संसार में बहुत से भटकाने वाले हैं। ऐसा व्यक्ति जो यह नहीं मानता कि इस धरती पर मनुष्य के रूप में यीशु मसीह आया है, वह छली है तथा मसीह का शत्रु है।