ऑनलाइन बाइबिल

विज्ञापनों


संपूर्ण बाइबिल पुराना वसीयतनामा नया करार




1 तीमुथियुस 6:6 - पवित्र बाइबल

निश्चय ही परमेश्वर की सेवा-भक्ति से ही व्यक्ति सम्पन्न बनता है। इसी से संतोष मिलता है।

अध्याय देखें

Hindi Holy Bible

पर सन्तोष सहित भक्ति बड़ी कमाई है।

अध्याय देखें

पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

वैसे भक्‍ति है भी महान लाभ का साधन, यदि वह संतोष से युक्‍त हो।

अध्याय देखें

पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

पर सन्तोष सहित भक्‍ति बड़ी कमाई है।

अध्याय देखें

नवीन हिंदी बाइबल

परंतु संतोष सहित भक्‍ति बड़ा लाभ है :

अध्याय देखें

सरल हिन्दी बाइबल

परंतु संतोष भरी परमेश्वर की भक्ति स्वयं में एक अद्भुत धन है

अध्याय देखें

इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

पर सन्तोष सहित भक्ति बड़ी लाभ है।

अध्याय देखें



1 तीमुथियुस 6:6
23 क्रॉस रेफरेंस  

हम लोग यरदन नदी को चलें और कुछ लकड़ियाँ काटें। हम में से प्रत्येक एक लट्ठा लेगा और हम लोग अपने लिये रहने का एक स्थान वहाँ बनायें।” एलीशा ने कहा, “बहुत अच्छा, जाओ और करो।”


थोड़े से भले लोग, दुर्जनों की भीड़ से भी उत्तम है।


यहोवा हमारा संरक्षक और हमारा तेजस्वी राजा है। परमेश्वर हमें करूणा और महिमा के साथ आशीर्वद देता है। जो लोग यहोवा का अनुसरण करते हैं और उसकी आज्ञा का पालन करते हैं, उनको वह हर उत्तम वस्तु देता है।


मूसा उस आदमी के साथ ठहरने से प्रसन्न हुआ और उस आदमी ने अपनी पुत्री सिप्पोरा को मूसा की पत्नी के रूप में उसे दे दिया।


बैचेनी के साथ प्रचुर धन उत्तम नहीं, यहोवा का भय मानते रहने से थोड़ा भी धन उत्तम है।


अन्याय से मिले अधिक की अपेक्षा, नेकी के साथ थोड़ा मिला ही उत्तम है।


लालची मनुष्य तो मतभेद भड़काता, किन्तु वह मनुष्य जिसका भरोसा यहोवा पर है फूलेगा—फलेगा।


हम दाखमधु कभी नहीं पीते और हमारी पत्नियाँ पुत्र और पुत्रियाँ दाखमधु कभी नहीं पीते। हम रहने के लिये घर कभी नहीं बनाते और हम लोगों के अंगूर के बाग या खेत कभी नहीं होते और हम फसलें कभी नहीं उगाते।


सो यीशु ने उनसे कहा, “सावधानी के साथ सभी प्रकार के लोभ से अपने आप को दूर रखो। क्योंकि आवश्यकता से अधिक सम्पत्ति होने पर भी जीवन का आधार उसका संग्रह नहीं होता।”


कुछ सैनिकों ने उससे पूछा, “और हमें क्या करना चाहिये?” सो उसने उन्हें बताया, “बलपूर्वक किसी से धन मत लो। किसी पर झूठा दोष मत लगाओ। अपने वेतन में संतोष करो।”


और हम जानते हैं कि हर परिस्थिति में वह आत्मा परमेश्वर के भक्तों के साथ मिल कर वह काम करता है जो भलाई ही लाते हैं उन सब के लिए जिन्हें उसके प्रयोजन के अनुसार ही बुलाया गया है।


हमारा पल भर का यह छोटा-मोटा दुःख एक अनन्त अतुलनीय महिमा पैदा कर रहा है।


क्योंकि मेरे जीवन का अर्थ है मसीह और मृत्यु का अर्थ है एक उपलब्धि।


क्योंकि शारीरिक साधना से तो थोड़ा सा ही लाभ होता है जबकि परमेश्वर की सेवा हर प्रकार से मूल्यवान है क्योंकि इसमें आज के समय और आने वाले जीवन के लिए दिया गया आशीर्वाद समाया हुआ है।


सो यदि हमारे पास रोटी और कपड़ा है तो हम उसी में सन्तुष्ट हैं।


अपने जीवन को धन के लालच से मुक्त रखो। जो कुछ तुम्हारे पास है, उसी में संतोष करो क्योंकि परमेश्वर ने कहा है: “मैं तुझको कभी नहीं छोड़ूँगा; मैं तुझे कभी नहीं तजूँगा।”