पृथ्वी ने घास और पौधे उपजाए जो अन्न उत्पन्न करते हैं और ऐसे पेड़, पौधे उगाए जिनके फलों के अन्दर बीज होते हैं। हर एक पौधे ने अपने जाति अनुसार बीज उत्पन्न किए और परमेश्वर ने देखा कि यह अच्छा है।
1 कुरिन्थियों 2:16 - पवित्र बाइबल “प्रभु के मन को किसने जाना? उसको कौन सिखाए?” किन्तु हमारे पास यीशु का मन है। Hindi Holy Bible क्योंकि प्रभु का मन किस ने जाना है, कि उसे सिखलाए? परन्तु हम में मसीह का मन है॥ पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) क्योंकि जैसा धर्मग्रंथ में कहा गया, “प्रभु का मन कौन जानता है? कौन उसे परामर्श दे सकता है?” और हम में तो मसीह का मन विद्यमान है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “क्योंकि प्रभु का मन किसने जाना है कि उसे सिखाए?” परन्तु हम में मसीह का मन है। नवीन हिंदी बाइबल क्योंकि, प्रभु का मन किसने जाना है कि वह उसे सिखाए? परंतु हमारे पास मसीह का मन है। सरल हिन्दी बाइबल क्योंकि, “कौन है वह, जिसने प्रभु के मन को जान लिया है कि वह उन्हें निर्देश दे सके?” किंतु हम वे हैं, जिनमें मसीह का मन मौजूद है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “क्योंकि प्रभु का मन किसने जाना है, कि उसे सिखाए?” परन्तु हम में मसीह का मन है। (यशा. 40:13) |
पृथ्वी ने घास और पौधे उपजाए जो अन्न उत्पन्न करते हैं और ऐसे पेड़, पौधे उगाए जिनके फलों के अन्दर बीज होते हैं। हर एक पौधे ने अपने जाति अनुसार बीज उत्पन्न किए और परमेश्वर ने देखा कि यह अच्छा है।
क्या तूने परमेश्वर की रहस्यपूर्ण योजनाऐं सुनी थी क्या तू सोचा करता है कि एक मात्र तू ही बुद्धिमान है?
“परमेश्वर को कोई भी व्यक्ति सहारा नहीं दे सकता, यहाँ तक की वह भी जो बहुत बुद्धिमान व्यक्ति हो परमेश्वर के लिये हितकर नहीं हो सकता।
“अय्यूब तूने सर्वशक्तिमान परमेश्वर से तर्क किया। तूने बुरे काम करने का मुझे दोषी ठहराया। अब तू मुझको उत्तर दे।”
किन्तु इन नबियों में से कोई भी स्वर्गीय परिषद में सम्मिलित नहीं हुआ है। उनमें से किसी ने भी यहोवा के सन्देश को न देखा है न ही सुना है। उनमें से किसी ने भी यहोवा के सन्देश पर गम्भीरता से ध्यान नहीं दिया है।
अब से मैं तुम्हें दास नहीं कहूँगा क्योंकि कोई दास नहीं जानता कि उसका स्वामी क्या कर रहा है बल्कि मैं तुम्हें मित्र कहता हूँ। क्योंकि मैंने तुम्हें वह हर बात बता दी है, जो मैंने अपने परम पिता से सुनी है।
किसी को आत्मा के द्वारा परमेश्वर के ज्ञान से युक्त होकर बोलने की योग्यता दी गयी है तो किसी को उसी आत्मा द्वारा दिव्य ज्ञान के प्रवचन की योग्यता।