ऑनलाइन बाइबिल

विज्ञापनों


संपूर्ण बाइबिल पुराना वसीयतनामा नया करार




1 कुरिन्थियों 15:56 - पवित्र बाइबल

पाप मृत्यु का दंश है और पाप को शक्ति मिलती है व्यवस्था से।

अध्याय देखें

Hindi Holy Bible

हे मृत्यु तेरा डंक कहां रहा? मृत्यु का डंक पाप है; और पाप का बल व्यवस्था है।

अध्याय देखें

पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

मृत्‍यु का डंक तो पाप है और पाप को व्‍यवस्‍था से बल मिलता है।

अध्याय देखें

पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

मृत्यु का डंक पाप है, और पाप का बल व्यवस्था है।

अध्याय देखें

नवीन हिंदी बाइबल

मृत्यु का डंक तो पाप है, और पाप की शक्‍ति व्यवस्था है;

अध्याय देखें

सरल हिन्दी बाइबल

मृत्यु का ड़ंक है पाप और पाप का बल है व्यवस्था.

अध्याय देखें

इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

मृत्यु का डंक पाप है; और पाप का बल व्यवस्था है।

अध्याय देखें



1 कुरिन्थियों 15:56
15 क्रॉस रेफरेंस  

जब दुष्ट जन पर विपदा पड़ती है तब वह हार जाते हैं किन्तु धर्मी जन तो मृत्यु में भी विजय हासिल करते हैं।


यीशु ने उनसे एक बार फिर कहा, “मैं चला जाऊँगा और तुम लोग मुझे ढूँढोगे। पर तुम अपने ही पापों में मर जाओगे। जहाँ मैं जा रहा हूँ तुम वहाँ नहीं आ सकते।”


इसलिये मैंने तुमसे कहा था कि तुम अपने पापों में मरोगे। यदि तुम विश्वास नहीं करते कि वह मैं हूँ, तुम अपने पापों में मरोगे।”


लोगों द्वारा व्यवस्था का पालन नहीं किये जाने से परमेश्वर का क्रोध उपजता है किन्तु जहाँ व्यवस्था ही नहीं है वहाँ व्यवस्था का तोड़ना ही क्या?


किन्तु परमेश्वर का वरदान आदम के अपराध के जैसा नहीं था क्योंकि यदि उस एक व्यक्ति के अपराध के कारण सभी लोगों की मृत्यु हुई तो उस एक व्यक्ति यीशु मसीह की करुणा के कारण मिले परमेश्वर के अनुग्रह और वरदान तो सभी लोगों की भलाई के लिए कितना कुछ और अधिक है।


अतः यदि एक व्यक्ति के उस अपराध के कारण मृत्यु का शासन हो गया। तो जो परमेश्वर के अनुग्रह और उसके वरदान की प्रचुरता का—जिसमें धर्मी का निवास है—उपभोग कर रहे हैं—वे तो जीवन में उस एक व्यक्ति यीशु मसीह के द्वारा और भी अधिक शासन करेंगे।


व्यवस्था का आगमन इसलिए हुआ कि अपराध बढ़ पायें। किन्तु जहाँ पाप बढ़ा, वहाँ परमेश्वर का अनुग्रह और भी अधिक बढ़ा।


क्योंकि पाप का मूल्य तो बस मृत्यु ही है जबकि हमारे प्रभु यीशु मसीह में अनन्त जीवन, परमेश्वर का सेंतमेतका वरदान है।


जैसे एक बार मरना और उसके बाद न्याय का सामना करना मनुष्य की नियति है।