द्वारपालों के चार प्रमुख द्वारपाल वहाँ थे। वे लेवीवंशी पुरुष थे। उनका कर्तव्य परमेश्वर के मन्दिर के कमरों और खजाने की देखभाल करना था।
1 इतिहास 9:27 - पवित्र बाइबल वे रात भर परमेश्वर के मन्दिर की रक्षा में खड़े रहते थे और परमेश्वर के मन्दिर को प्रतिदिन प्रातः खोलने का उनका काम था। Hindi Holy Bible और वे परमेश्वर के भवन के आसपास इसलिये रात बिताते थे, कि उसकी रक्षा उन्हें सौंपी गई थी, और भोर-भोर को उसे खोलना उन्हीं का काम था। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वे मन्दिर के चारों ओर दिन-रात पहरा देते थे; क्योंकि पहरा देने का दायित्व उनको ही सौंपा गया था। वे प्रतिदिन सबेरे उसका द्वार खोलते थे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) वे परमेश्वर के भवन के आसपास इसलिये रात बिताते थे कि उनकी रक्षा उन्हें सौंपी गई थी, और प्रतिदिन भोर को उसे खोलना उन्हीं का काम था। सरल हिन्दी बाइबल रात में वे परमेश्वर के भवन के आस-पास ही रहते थे, क्योंकि इसकी रक्षा करना और इसे हर सुबह खोलने की चाबी उन्हीं की जवाबदारी में थी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 वे परमेश्वर के भवन के आस-पास इसलिए रात बिताते थे कि उसकी रक्षा उन्हें सौंपी गई थी, और प्रतिदिन भोर को उसे खोलना उन्हीं का काम था। |
द्वारपालों के चार प्रमुख द्वारपाल वहाँ थे। वे लेवीवंशी पुरुष थे। उनका कर्तव्य परमेश्वर के मन्दिर के कमरों और खजाने की देखभाल करना था।
कुछ द्वारपालों का काम मन्दिर की सेवा में काम आने वाली तश्तरियों की देखभाल करना था। वे इन तश्तरियों को तब गिनते थे जब वे भीतर लाई जाती थीं। वे इन तश्तरियों को तब गिनते थे जब वह बाहर जाती थीं।
तब मैं रेकाबी परिवार को यहोवा के मन्दिर में ले आया। हम लोग उस कमरे में गये जो हानान के पुत्रों का कहा जाता है। हानान यिग्दल्याह नामक व्यक्ति का पुत्र था। हानान परमेश्वर का व्यक्ति था। वह कमरा उस कमरे से अगला कमरा था जिसमें यहूदा के राजकुमार ठहरते थे। यह शल्लूम के पुत्र मासेयाह के कमरे के ऊपर था। मासेयाह मन्दिर में द्वारपाल था।
“निश्चय ही, तुम लोगों में से कोई याजक तो मंदिर के द्वारों को बन्द करता और आग ठीक —ठीक जलाता। सो मैं तुम लोगों से प्रसन्न नहीं हूँ। मैं तुम्हारी भेंट स्वीकार नहीं करुँगा।” सर्वशक्तिमान यहोवा यह सब कहता है।
यदि किसी को सेवा करने का उपहार मिला है तो अपने आप को सेवा के लिये अर्पित करे, यदि किसी को उपदेश देने का काम मिला है तो उसे अपने आप को प्रचार में लगाना चाहिए।
शमूएल सवेरा होने तक बिस्तर में पड़ा रहा। वह तड़के उठा और उसने यहोवा के मन्दिर के द्वार को खोला। शमूएल अपने दर्शन की बात एली से कहने में डरता था।