माका, शाप और शबा की भी माँ थी। शाप मदमन्ना का पिता था। शबा, मकबेना और गिबा का पिता था। कालेब की पुत्री अकसा थी।
1 इतिहास 2:50 - पवित्र बाइबल यह कालेब वंशजों की सूची हैः हूर कालेब का प्रथम पुत्र था। वह एप्राता से पैदा हुआ था। हूर के पुत्र शोबाल जो किर्यत्यारीम का संस्थापक था, Hindi Holy Bible एप्राता के जेठे हूर का पुत्र किर्यत्यारीम का पिता शोबाल। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ये ही कालेब के वंशज थे। एप्राता के ज्येष्ठ पुत्र हूर के ये पुत्र थे : शोबाल, सल्मा और हारेप। शोबाल के किर्यत-यआरीम उत्पन्न हुआ। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) कालेब के वंशज ये हुए। एप्राता के जेठे हूर के पुत्र : किर्यत्यारीम का पिता शोबाल, सरल हिन्दी बाइबल ये सभी कालेब के वंश के थे. एफ़राथाह के पहलौठे हूर के पुत्र: किरयथ-यआरीम का पिता शोबल, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 कालेब के वंश में ये हुए। एप्राता के जेठे हूर का पुत्र: किर्यत्यारीम का पिता शोबाल, |
माका, शाप और शबा की भी माँ थी। शाप मदमन्ना का पिता था। शबा, मकबेना और गिबा का पिता था। कालेब की पुत्री अकसा थी।
और किर्यत्यारीम के परिवार समूह। ये यित्री, पुत्री, शूमाती और मिश्राई लोग हैं। सोराई और एश्ताओली लोग मिश्राई लोगों से निकले।
पनूएल गदोर का पिता था और एजेर रूशा का पिता था। हूर के ये पुत्र थेः हूर एप्राता का प्रथम पुत्र था और एप्राता बेतलेहेम का संस्थापक था।
यहूदा के लोगों के दो नगर रब्बा और किर्यतबाल (इसे किर्यत्यारीम भी कहा जाता था।) दिए गए थे।
उस स्थान से सीमा नेप्तोह के पानी के सोते के पास जाती थी। उसके बाद सीमा एप्रोन पर्वत के निकट के नगरों तक जाती थी। उस स्थान पर सीमा मुड़ती थी और बाला को जाती थी (बाला को किर्यत्यारीम भी कहते हैं।)
इसलिए इस्राएल के लोगो वहाँ गये, जहाँ वे लोग रहते थे। तीसरे दिन, इस्राएल के लोग गिबोन, कपीरा, बेरोत और किर्यत्यारीम नगरों को आए।
इस प्रकार सभी लोग और अग्रज जो नगर द्वार के समीप थे, गवाह हुए। उन्होंने कहा: यह स्त्री जो तुम्हारे घर जाएगी, यहोवा उसे राहेल और लिआ जैसी करे जिसने इस्राएल वंश को बनाया। हम प्रार्थना करते हैं तुम एप्राता में शक्तिशाली होओ! तुम बेतलेहेम में प्रसिद्ध होओ!
किर्यत्यारीम के लोग आए और यहोवा के पवित्र सन्दूक को ले गए। वे यहोवा के सन्दूक को पहाड़ी पर अबीनादाब के घर ले गए। उन्होंने अबीनादाब के पुत्र एलीआजार को यहोवा के सन्दूक की रक्षा करने के लिये तैयार करने हेतु एक विशेष उपासना की।