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सभोपदेशक 8:16 - नवीन हिंदी बाइबल

जब मैंने बुद्धि को जानने और पृथ्वी पर किए जानेवाले कार्यों को देखने के लिए अपना मन लगाया कि कैसे मनुष्य दिन-रात जागता रहता है,

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पवित्र बाइबल

इस जीवन में लोग जो कुछ करते हैं उसका मैंने बड़े ध्यान के साथ अध्ययन किया है। मैंने देखा है कि लोग कितने व्यस्त है। वे प्राय: बिना सोए रात दिन काम में लगे रहते हैं।

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Hindi Holy Bible

जब मैं ने बुद्धि प्राप्त करने और सब काम देखने के लिये जो पृथ्वी पर किए जाते हैं अपना मन लगाया, कि कैसे मनुष्य रात-दिन जागते रहते हैं;

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

जब मैंने बुद्धि प्राप्‍त करने के लिए, तथा पृथ्‍वी पर होने वाले कार्य-व्‍यापार को समझने के लिए मन लगाया, और जब मैंने यह जानने का प्रयत्‍न किया कि कैसे मनुष्‍य रात-दिन जागते रहते हैं,

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

जब मैं ने बुद्धि प्राप्‍त करने और सब काम देखने के लिये जो पृथ्वी पर किए जाते हैं अपना मन लगाया, कि कैसे मनुष्य रात–दिन जागते रहते हैं;

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सरल हिन्दी बाइबल

जब मैंने अपने हृदय को बुद्धि के और पृथ्वी पर के कामों के बारे में मालूम करने के लिए लगाया (हालांकि एक व्यक्ति को दिन और रात नहीं सोना चाहिए).

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

जब मैंने बुद्धि प्राप्त करने और सब काम देखने के लिये जो पृथ्वी पर किए जाते हैं अपना मन लगाया, कि कैसे मनुष्य रात-दिन जागते रहते हैं;

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सभोपदेशक 8:16
11 क्रॉस रेफरेंस  

मेरी दशा ऐसी थी कि दिन को तो धूप और रात को पाला मुझे खा जाता था और मेरी आँखों से नींद भाग जाती थी।


तुम्हारा सवेरे-सवेरे उठना, देर तक जागते रहना और परिश्रम की रोटी खाना, तुम्हारे लिए व्यर्थ है; क्योंकि वह तो अपने प्रियों को नींद प्रदान करता है।


मैंने अपना मन लगाया कि जो कुछ आकाश के नीचे किया जाता है, उसकी खोज और छान-बीन बुद्धि से करूँ। यह दुखदाई कार्य है जिसे परमेश्‍वर ने मनुष्यों के लिए ठहराया है कि वे इसमें लगे रहें।


मैंने उन सब कार्यों को देखा जो सूर्य के नीचे किए जाते हैं; देखो, वे सब व्यर्थ और वायु को पकड़ने के समान हैं।


मैंने अपना मन लगाया कि बुद्धि को समझूँ, और पागलपन तथा मूर्खता को भी जान लूँ। मैं समझ गया कि यह भी वायु को पकड़ने के समान है।


उसके सब दिन तो दुःखों से भरे रहते हैं, और उसका कार्य कष्‍टदायक होता है; यहाँ तक कि रात को भी उसका मन चैन नहीं पाता। यह भी व्यर्थ है।


एक व्यक्‍ति है जिसका कोई नहीं है; उसका न तो कोई पुत्र है और न भाई, फिर भी उसके परिश्रम का अंत नहीं होता; और उसकी आँखें धन से संतुष्‍ट नहीं होतीं; और न वह यह सोचता है कि मैं किसके लिए परिश्रम करता हूँ और क्यों अपने को सुख से वंचित रखता हूँ? यह भी व्यर्थ और दुःखद कार्य है।


श्रमिक चाहे थोड़ा खाए या बहुत, उसे मीठी नींद आती है; परंतु धनी को उसके धन की बहुतायत सोने नहीं देती।


मैंने अपना मन लगाया कि बुद्धि और समझ को जानूँ, उनकी छान-बीन करूँ और उन्हें खोजूँ; और यह भी जानूँ कि मूर्खता की बुराई और पागलपन की मूर्खता क्या है।


जब कोई जानता ही नहीं कि क्या होने वाला है, तो कौन बता सकता है कि वह कब होगा?


मैंने इन सब बातों को देखा है, और संसार में किए जानेवाले हर कार्य पर अपना मन लगाया है; जब-जब मनुष्य ने दूसरे पर अधिकार जमाया है तो उसने अपनी ही हानि की है।