फिर वह लहू में से कुछ को वेदी के सींगों पर लगाए जो यहोवा के सम्मुख मिलापवाले तंबू में है; और बछड़े का शेष लहू होमबलि की वेदी के पाये पर उंडेल दे जो मिलापवाले तंबू के द्वार पर है।
लैव्यव्यवस्था 4:34 - नवीन हिंदी बाइबल तब याजक अपनी उंगली से पापबलि के लहू में से कुछ को होमबलि की वेदी के सींगों पर लगाए; और उसका शेष लहू उस वेदी के पाये पर उंडेल दे। पवित्र बाइबल याजक को अपनी ऊँगली पर पापबलि का खून लेना चाहिए और इसे होमबलि की वेदी के सिरे पर डालना चाहिए। तब उसे मेमने के सारे खून को वेदी की नींव पर उँडेलना चाहिए। Hindi Holy Bible और याजक अपनी उंगली से पापबलि के लोहू में से कुछ ले कर होमबलि की वेदी के सींगों पर लगाए, और उसके सब लोहू को वेदी के पाए पर उंडेल दे। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) पुरोहित अपनी अंगुली से पाप-बलि का कुछ रक्त लेगा और उसे अग्नि-बलि की वेदी के सींगों पर लगाएगा। वह शेष रक्त को वेदी की आधार-पीठिका में उण्डेल देगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब याजक अपनी उंगली से पापबलि के लहू में से कुछ लेकर होमबलि की वेदी के सींगों पर लगाए, और उसके सब लहू को वेदी के पाए पर उंडेल दे। सरल हिन्दी बाइबल पुरोहित इस पापबलि के कुछ रक्त में से अपनी उंगली से होमबलि की वेदी के सींगों पर लगाए और इसके बचे हुए रक्त को वह वेदी के आधार पर उंडेल दे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब याजक अपनी उँगली से पापबलि के लहू में से कुछ लेकर होमबलि की वेदी के सींगों पर लगाए, और उसके सब लहू को वेदी के पाए पर उण्डेल दे। |
फिर वह लहू में से कुछ को वेदी के सींगों पर लगाए जो यहोवा के सम्मुख मिलापवाले तंबू में है; और बछड़े का शेष लहू होमबलि की वेदी के पाये पर उंडेल दे जो मिलापवाले तंबू के द्वार पर है।
तब याजक अपनी उंगली से पापबलि के पशु के लहू में से कुछ को होमबलि की वेदी के सींगों पर लगाए; और उसका शेष लहू होमबलि की वेदी के पाये पर उंडेल दे।
तब याजक अपनी उंगली से उसके लहू में से कुछ को होमबलि की वेदी के सींगों पर लगाए; और उसका शेष लहू उस वेदी के पाये पर उंडेल दे।
तब याजक उस लहू में से कुछ लहू को लेकर यहोवा के सम्मुख उस सुगंधित धूप की वेदी के सींगों पर लगाए जो मिलापवाले तंबू में है; और बछड़े का शेष लहू होमबलि की वेदी के पाये पर उंडेल दे जो मिलापवाले तंबू के द्वार पर है।
अतः अब जो मसीह यीशु में हैं, उन पर दंड की आज्ञा नहीं; [वे शरीर के अनुसार नहीं बल्कि आत्मा के अनुसार चलते हैं।]
जो कार्य शरीर के दुर्बल होने के कारण व्यवस्था से असंभव था, उसे परमेश्वर ने किया अर्थात् अपने पुत्र को पापमय शरीर की समानता में और पापबलि होने के लिए भेजकर शरीर में पाप को दोषी ठहराया,
वह जो पाप से अनजान था, उसे परमेश्वर ने हमारे लिए पाप ठहराया कि हम उसमें परमेश्वर की धार्मिकता बन जाएँ।
तो तुम्हीं सोचो कि वह कितने कठोर दंड के योग्य होगा, जिसने परमेश्वर के पुत्र को पैरों से रौंदा, और वाचा के उस लहू को अपवित्र समझा जिससे वह पवित्र किया गया था, और अनुग्रह के आत्मा का अपमान किया?
परमेश्वर को, जिसके लिए और जिसके द्वारा सब कुछ है, यह उचित लगा कि वह अपने अनेक पुत्रों को महिमा में लाने के लिए उनके उद्धार के कर्ता को दुःख उठाने के द्वारा सिद्ध करे।
उसने स्वयं हमारे पापों को अपनी देह में क्रूस पर उठा लिया, ताकि हम पापों के लिए मरकर धार्मिकता के लिए जीवन बिताएँ। उसके मार खाने से तुम स्वस्थ हुए हो।
इसलिए कि मसीह ने भी पापों के कारण एक बार दुःख उठाया, अर्थात् धर्मी ने अधर्मियों के लिए, ताकि तुम्हें परमेश्वर के निकट ले आए। वह शरीर में तो मारा गया, पर आत्मा में जिलाया गया।