मुझसे अलग हट जा कि मेरा प्रकोप उन पर भड़के और मैं उन्हें नष्ट करूँ। तब तुझसे मैं एक बड़ी जाति उत्पन्न करूँगा।”
लूका 13:7 - नवीन हिंदी बाइबल अतः उसने माली से कहा, ‘देख, मैं तीन वर्षों से इस अंजीर के पेड़ पर फल ढूँढ़ने आता हूँ, परंतु कुछ नहीं मिलता। इसलिए इसे काट डाल। यह भूमि को भी क्यों घेरे रहे?’ पवित्र बाइबल इस पर उसने माली से कहा, ‘अब देख मैं तीन साल से अंजीर के इस पेड़ पर फल ढूँढ़ता आ रहा हूँ किन्तु मुझे एक भी फल नहीं मिला। सो इसे काट डाल। यह धरती को यूँ ही व्यर्थ क्यों करता रहे?’ Hindi Holy Bible तब उस ने बारी के रखवाले से कहा, देख तीन वर्ष से मैं इस अंजीर के पेड़ में फल ढूंढ़ने आता हूं, परन्तु नहीं पाता, इसे काट डाल कि यह भूमि को भी क्यों रोके रहे। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तब उसने अंगूर-उद्यान के माली से कहा, ‘देखो, मैं तीन वर्षों से अंजीर के इस पेड़ में फल खोजने आता हूँ, किन्तु मुझे एक भी नहीं मिलता। इसे काट डालो। यह भूमि को क्यों छेंके हुए है?’ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब उस ने बारी के रखवाले से कहा, ‘देख, तीन वर्ष से मैं इस अंजीर के पेड़ में फल ढूँढ़ने आता हूँ, परन्तु नहीं पाता। इसे काट डाल कि यह भूमि को भी क्यों रोके रहे?’ सरल हिन्दी बाइबल उसने माली से कहा, ‘देखो, मैं तीन वर्ष से इस पेड़ में फल की आशा लिए आ रहा हूं और मुझे अब तक कोई फल प्राप्त नहीं हुआ. काट डालो इसे! भला क्यों इसके कारण भूमि व्यर्थ ही घिरी रहे?’ इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब उसने बारी के रखवाले से कहा, ‘देख तीन वर्ष से मैं इस अंजीर के पेड़ में फल ढूँढ़ने आता हूँ, परन्तु नहीं पाता, इसे काट डाल कि यह भूमि को भी क्यों रोके रहे?’ |
मुझसे अलग हट जा कि मेरा प्रकोप उन पर भड़के और मैं उन्हें नष्ट करूँ। तब तुझसे मैं एक बड़ी जाति उत्पन्न करूँगा।”
“फिर जब तुम कनान देश में पहुँचकर भोजन के लिए किसी प्रकार का वृक्ष लगाओ, तो उसके फल को वर्जित जानना, वह तीन वर्ष तक तुम्हारे लिए वर्जित रहे; इसमें से कुछ न खाया जाए।
तो जान लो कि मैं तुम्हें छठवें वर्ष ऐसी आशिष दूँगा कि भूमि तीन वर्षों के लिए पर्याप्त उपज देगी।
इस पर उसने उससे कहा, ‘स्वामी, इसे इस वर्ष भी रहने दे। मैं इसके चारों ओर खोदकर खाद डालूँगा,
अब कुल्हाड़ा पेड़ों की जड़ पर रखा है, और प्रत्येक पेड़ जो अच्छा फल नहीं लाता, वह काटा और आग में झोंक दिया जाता है।”
प्रत्येक डाली जो मुझमें है और फल नहीं लाती, उसे वह काटता है, और प्रत्येक जो फल लाती है उसे वह छाँटता है, ताकि और अधिक फल लाए।
यदि कोई मुझमें बना न रहे, तो वह डाली के समान बाहर फेंक दिया जाता है और सूख जाता है, फिर लोग उन्हें इकट्ठा करके आग में झोंक देते हैं और वे जल जाती हैं।