उसने कहा, “किसने तुझे हमारे ऊपर शासक और न्यायी ठहराया है? जैसे तूने मिस्री को मार डाला, क्या वैसे मुझे भी मार डालना चाहता है?” तब मूसा डर गया और यह सोचने लगा, “निश्चय यह बात खुल गई है।”
लूका 12:14 - नवीन हिंदी बाइबल परंतु उसने उससे कहा,“हे मनुष्य, किसने मुझे तुम्हारे ऊपर न्यायी या बँटवारा करनेवाला नियुक्त किया है?” पवित्र बाइबल इस पर यीशु ने उससे कहा, “ओ भले मनुष्य, मुझे तुम्हारा न्यायकर्ता या बँटवारा करने वाला किसने बनाया है?” Hindi Holy Bible उस ने उस से कहा; हे मनुष्य, किस ने मुझे तुम्हारा न्यायी या बांटने वाला नियुक्त किया है? पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उन्होंने उसे उत्तर दिया, “भाई! किसने मुझे तुम्हारा पंच या बँटवारा करने वाला नियुक्त किया है?” पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उसने उससे कहा, “हे मनुष्य, किसने मुझे तुम्हारा न्यायी या बाँटनेवाला नियुक्त किया है?” सरल हिन्दी बाइबल प्रभु येशु ने इसके उत्तर में कहा, “हे मानव! किसने मुझे तुम्हारे लिए न्यायकर्ता या मध्यस्थ ठहराया है?” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उसने उससे कहा, “हे मनुष्य, किसने मुझे तुम्हारा न्यायी या बाँटनेवाला नियुक्त किया है?” (निर्ग. 2:14) |
उसने कहा, “किसने तुझे हमारे ऊपर शासक और न्यायी ठहराया है? जैसे तूने मिस्री को मार डाला, क्या वैसे मुझे भी मार डालना चाहता है?” तब मूसा डर गया और यह सोचने लगा, “निश्चय यह बात खुल गई है।”
भीड़ में से किसी ने यीशु से कहा, “हे गुरु, मेरे भाई से कह कि पैतृक संपत्ति का मेरे साथ बँटवारा करे।”
और थोड़ी देर बाद कोई और उसे देखकर कहने लगा, “तू भी तो उन्हीं में से है।” परंतु पतरस ने कहा, “जी नहीं, मैं नहीं हूँ।”
फिर जब यीशु ने यह जाना कि लोग आकर उसे राजा बनाने के लिए पकड़ने वाले हैं, तो वह फिर से अकेला पहाड़ पर चला गया।
उसने कहा, “किसी ने नहीं, प्रभु।” तब यीशु ने कहा,“मैं भी तुझे दंड नहीं देता। जा और अब से फिर पाप मत करना।”]
अतः हे दोष लगानेवाले, तू जो भी हो, निरुत्तर है; क्योंकि जिस बात में तू दूसरे पर दोष लगाता है, उसी में स्वयं को भी दोषी पाता है, इसलिए कि तू जिस बात का दोष लगाता है वही करता है।
हे मनुष्य, तू जो ऐसे कार्य करनेवालों पर दोष लगाता है और स्वयं उन्हीं कार्यों को करता है, क्या तू यह सोचता है कि तू परमेश्वर के दंड से बच जाएगा?
हे मनुष्य, परमेश्वर को पलटकर उत्तर देनेवाला भला तू कौन होता है? क्या रचना अपने रचनाकार से यह कहेगी, “तूने मुझे ऐसा क्यों बनाया है?”