“परंतु धन्य हैं तुम्हारी आँखें क्योंकि वे देखती हैं, और तुम्हारे कान क्योंकि वे सुनते हैं।
लूका 10:24 - नवीन हिंदी बाइबल क्योंकि मैं तुमसे कहता हूँ कि जो तुम देखते हो उसे बहुत से भविष्यवक्ताओं और राजाओं ने देखना चाहा, परंतु नहीं देखा, और जो तुम सुनते हो, उसे सुनना चाहा, परंतु नहीं सुना।” पवित्र बाइबल क्योंकि मैं तुम्हें बताता हूँ कि उन बातों को बहुत से नबी और राजा देखना चाहते थे, जिन्हें तुम देख रहे हो, पर देख नहीं सके। जिन बातों को तुम सुन रहे हो, वे उन्हें सुनना चाहते थे, पर वे सुन न पाये।” Hindi Holy Bible क्योंकि मैं तुम से कहता हूं, कि बहुत से भविष्यद्वक्ताओं और राजाओं ने चाहा, कि जो बातें तुम देखते हो देखें; पर न देखीं और जो बातें तुम सुनते हो सुनें, पर न सुनीं॥ पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) क्योंकि मैं तुम से कहता हूँ−तुम जो कुछ देख रहो हो, उन्हें कितने ही नबी और राजा देखना चाहते थे, परन्तु उन्होंने उन्हें नहीं देखा और जो बातें तुम सुन रहे हो, वे उन्हें सुनना चाहते थे, परन्तु उन्होंने उन्हें नहीं सुना।” पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्योंकि मैं तुम से कहता हूँ कि बहुत से भविष्यद्वक्ताओं और राजाओं ने चाहा कि जो बातें तुम देखते हो देखें पर न देखीं, और जो बातें तुम सुनते हो सुनें पर न सुनीं।” सरल हिन्दी बाइबल क्योंकि सच मानो, अनेक भविष्यवक्ता और राजा वह देखने की कामना करते रहे, जो तुम देख रहे हो किंतु वे देख न सके तथा वे वह सुनने की कामना करते रहे, जो तुम सुन रहे हो किंतु सुन न सके.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्योंकि मैं तुम से कहता हूँ, कि बहुत से भविष्यद्वक्ताओं और राजाओं ने चाहा, कि जो बातें तुम देखते हो देखें; पर न देखीं और जो बातें तुम सुनते हो सुनें, पर न सुनीं।” |
“परंतु धन्य हैं तुम्हारी आँखें क्योंकि वे देखती हैं, और तुम्हारे कान क्योंकि वे सुनते हैं।
फिर उसने शिष्यों की ओर मुड़कर अकेले में कहा,“धन्य हैं वे आँखें जो उन बातों को देख रही हैं जिन्हें तुम देखते हो।
और देखो, एक व्यवस्थापक उसकी परीक्षा लेने के लिए खड़ा हुआ, और कहने लगा, “हे गुरु, अनंत जीवन का उत्तराधिकारी होने के लिए मैं क्या करूँ?”
तुम्हारा पिता अब्राहम मेरे दिन को देखने के लिए मगन था, और उसने देखा भी तथा आनंदित हुआ।”
ये सब विश्वास की दशा में मरे। इन्होंने प्रतिज्ञा की गई वस्तुओं को प्राप्त नहीं किया पर उन्हें दूर ही से देखकर उनका स्वागत किया और यह मान लिया कि हम पृथ्वी पर परदेशी और यात्री हैं।
यद्यपि विश्वास ही के द्वारा इन सब की गवाही दी गई, फिर भी उन्होंने प्रतिज्ञा की हुई वस्तुओं को प्राप्त न किया;