इस घर में मुझसे बड़ा कोई नहीं, और उसने तुझे छोड़ मुझसे कुछ नहीं रख छोड़ा, क्योंकि तू उसकी पत्नी है। इसलिए मैं ऐसी बड़ी दुष्टता करके परमेश्वर के विरुद्ध पाप क्यों करूँ?”
रोमियों 6:2 - नवीन हिंदी बाइबल कदापि नहीं! हम जो पाप के प्रति मर गए तो अब उसमें कैसे जीवन बिताएँ? पवित्र बाइबल निश्चय ही नहीं। हम जो पाप के लिए मर चुके हैं पाप में ही कैसे जियेंगे? Hindi Holy Bible कदापि नहीं, हम जब पाप के लिये मर गए तो फिर आगे को उस में क्योंकर जीवन बिताएं? पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) कदापि नहीं! हम, जो पाप की ओर से मर चुके हैं, अब कैसे पाप में जीते रहेंगे? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) कदापि नहीं! हम जब पाप के लिये मर गए तो फिर आगे को उसमें कैसे जीवन बिताएँ? सरल हिन्दी बाइबल नहीं! बिलकुल नहीं! यह कैसे संभव है कि हम, जो पाप के प्रति मर चुके हैं, उसी में जीते रहें? इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 कदापि नहीं! हम जब पाप के लिये मर गए तो फिर आगे को उसमें कैसे जीवन बिताएँ? |
इस घर में मुझसे बड़ा कोई नहीं, और उसने तुझे छोड़ मुझसे कुछ नहीं रख छोड़ा, क्योंकि तू उसकी पत्नी है। इसलिए मैं ऐसी बड़ी दुष्टता करके परमेश्वर के विरुद्ध पाप क्यों करूँ?”
तेरे उपदेशों से मुझे समझ प्राप्त होती है; इसलिए मैं प्रत्येक झूठे मार्ग से घृणा करता हूँ।
वह आएगा और उन किसानों का नाश करेगा, और अंगूर का बगीचा दूसरों को दे देगा।” यह सुनकर उन्होंने कहा, “ऐसा कभी न हो।”
इतना ही नहीं, बल्कि हम अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर में प्रफुल्लित भी होते हैं, जिसके द्वारा अब हमारा मेल-मिलाप हुआ है।
तो क्या? क्या हम इसलिए पाप करें क्योंकि हम व्यवस्था के अधीन नहीं बल्कि अनुग्रह के अधीन हैं? कदापि नहीं!
अतः हे मेरे भाइयो, मसीह की देह के द्वारा तुम भी व्यवस्था के प्रति मृत बना दिए गए थे कि तुम उस दूसरे के हो जाओ जो मृतकों में से जी उठा ताकि हम परमेश्वर के लिए फल लाएँ;
परंतु अब जिस व्यवस्था से हम बँधे थे उसके प्रति मरकर हम उससे स्वतंत्र हो गए हैं, ताकि हम लेख की पुरानी रीति से नहीं बल्कि आत्मा की नई रीति से सेवा करें।
परंतु ऐसा कभी न हो कि मैं हमारे प्रभु यीशु मसीह के क्रूस को छोड़ किसी और बात पर घमंड करूँ, जिसके द्वारा संसार मेरे प्रति क्रूस पर चढ़ाया जा चुका है और मैं संसार के प्रति।
जब तुम मसीह के साथ इस संसार के मूल सिद्धांतों के प्रति मर गए हो, तो फिर उनके समान जो सांसारिक जीवन बिताते हैं, ऐसी विधियों से क्यों बँधे रहते हो,
उसने स्वयं हमारे पापों को अपनी देह में क्रूस पर उठा लिया, ताकि हम पापों के लिए मरकर धार्मिकता के लिए जीवन बिताएँ। उसके मार खाने से तुम स्वस्थ हुए हो।
प्रत्येक जो परमेश्वर से उत्पन्न हुआ है वह पाप नहीं करता, क्योंकि परमेश्वर का बीज उसमें बना रहता है; और वह पाप में नहीं चल सकता, क्योंकि वह परमेश्वर से उत्पन्न हुआ है।