रोमियों 3:19 - नवीन हिंदी बाइबल अब हम जानते हैं कि व्यवस्था जो भी कहती है उन्हीं से कहती है जो व्यवस्था के अधीन हैं, ताकि प्रत्येक मुँह बंद किया जाए और सारा संसार परमेश्वर को लेखा देनेवाला ठहरे; पवित्र बाइबल अब हम यह जानते हैं कि व्यवस्था में जो कुछ कहा गया है, वह उन को सम्बोधित है जो व्यवस्था के अधीन हैं। ताकि हर मुँह को बन्द किया जा सके और सारा जगत परमेश्वर के दण्ड के योग्य ठहरे। Hindi Holy Bible हम जानते हैं, कि व्यवस्था जो कुछ कहती है उन्हीं से कहती है, जो व्यवस्था के आधीन हैं: इसलिये कि हर एक मुंह बन्द किया जाए, और सारा संसार परमेश्वर के दण्ड के योग्य ठहरे। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) हम जानते हैं कि व्यवस्था जो कुछ कहती है, वह उन लोगों से कहती है, जो व्यवस्था के अधीन हैं, जिससे प्रत्येक व्यक्ति का मुँह बन्द हो जाए और परमेश्वर के सामने समस्त संसार दण्ड के योग्य माना जाए। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) हम जानते हैं कि व्यवस्था जो कुछ कहती है उन्हीं से कहती है, जो व्यवस्था के अधीन हैं; इसलिये कि हर एक मुँह बंद किया जाए और सारा संसार परमेश्वर के दण्ड के योग्य ठहरे; सरल हिन्दी बाइबल अब हमें यह तो मालूम हो गया कि व्यवस्था के निर्देश उन्हीं से कहते हैं, जो व्यवस्था के अधीन हैं कि हर एक मुंह बंद हो जाए और पूरा विश्व परमेश्वर के सामने हिसाब देनेवाला हो जाए इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 हम जानते हैं, कि व्यवस्था जो कुछ कहती है उन्हीं से कहती है, जो व्यवस्था के अधीन हैं इसलिए कि हर एक मुँह बन्द किया जाए, और सारा संसार परमेश्वर के दण्ड के योग्य ठहरे। |
परंतु राजा परमेश्वर में आनंदित होगा; जो परमेश्वर की शपथ खाता है, वह उल्लसित होगा क्योंकि झूठ बोलनेवालों का मुँह बंद किया जाएगा।
यह इसलिए हुआ कि वह वचन पूरा हो जो उनकी व्यवस्था में लिखा है : उन्होंने मुझसे बिना कारण घृणा की।
जब लोगों ने यह सुना, तो बड़ों से आरंभ करके सब एक-एक करके जाने लगे और यीशु अकेला रह गया, और वह स्त्री बीच में खड़ी रह गई।
जगत की सृष्टि से ही उसके अदृश्य गुण अर्थात् उसका अनंत सामर्थ्य और परमेश्वरत्व, उसकी रचना के द्वारा समझे जाकर स्पष्ट दिखाई देते हैं, इसलिए वे निरुत्तर हैं।
कदापि नहीं! चाहे प्रत्येक मनुष्य झूठा ठहरे, परंतु परमेश्वर सच्चा है, जैसा लिखा है : तू अपने वचनों में धर्मी ठहरे और अपने न्याय में विजयी हो।
तो क्या हुआ? क्या हम दूसरों से अच्छे हैं? बिलकुल नहीं! हम पहले ही दोष लगा चुके हैं कि चाहे यहूदी हों या यूनानी, सब पाप के अधीन हैं।
परंतु जितने व्यवस्था के कार्यों पर निर्भर रहते हैं, वे शाप के अधीन हैं, क्योंकि लिखा है : शापित है वह जो व्यवस्था की पुस्तक में लिखी हुई सब बातों का पालन नहीं करता।
कि जो व्यवस्था के अधीन हैं उन्हें मूल्य चुकाकर छुड़ा ले, जिससे हमें लेपालक पुत्र होने का अधिकार प्राप्त हो।