फिर मूसा ने कहा, “यह तब होगा जब यहोवा तुम्हें साँझ के समय खाने के लिए मांस और भोर को भरपेट रोटी देगा; क्योंकि यहोवा ने अपने विरुद्ध तुम्हारा कुड़कुड़ाना सुना है। हम कौन होते हैं? तुम्हारा कुड़कुड़ाना हमारे विरुद्ध नहीं बल्कि यहोवा के विरुद्ध है।”
रोमियों 13:2 - नवीन हिंदी बाइबल इसलिए जो अधिकार का विरोध करता है वह परमेश्वर की विधि का सामना करता है, और सामना करनेवाले अपने ऊपर दंड लाएँगे। पवित्र बाइबल इसलिए जो सत्ता का विरोध करता है, वह परमेश्वर की आज्ञा का विरोध करता है। और जो परमेश्वर की आज्ञा का विरोध करते हैं, वे दण्ड पायेंगे। Hindi Holy Bible इस से जो कोई अधिकार का विरोध करता है, वह परमेश्वर की विधि का साम्हना करता है, और साम्हना करने वाले दण्ड पाएंगे। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) इसलिए जो ऐसे अधिकार का विरोध करता है, वह परमेश्वर की व्यवस्था के विरुद्ध विद्रोह करता है और विद्रोही अपने सिर पर दण्डाज्ञा बुलाते हैं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इसलिये जो कोई अधिकार का विरोध करता है, वह परमेश्वर की विधि का सामना करता है, और सामना करनेवाले दण्ड पाएँगे। सरल हिन्दी बाइबल इसलिये वह, जो अधिकारी का विरोध करता है, परमेश्वर के आदेश का विरोधी है और ऐसे विरोधी स्वयं अपने ऊपर दंड ले आएंगे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इसलिए जो कोई अधिकार का विरोध करता है, वह परमेश्वर की विधि का विरोध करता है, और विरोध करनेवाले दण्ड पाएँगे। |
फिर मूसा ने कहा, “यह तब होगा जब यहोवा तुम्हें साँझ के समय खाने के लिए मांस और भोर को भरपेट रोटी देगा; क्योंकि यहोवा ने अपने विरुद्ध तुम्हारा कुड़कुड़ाना सुना है। हम कौन होते हैं? तुम्हारा कुड़कुड़ाना हमारे विरुद्ध नहीं बल्कि यहोवा के विरुद्ध है।”
“हे पाखंडी शास्त्रियो और फरीसियो, तुम पर हाय! क्योंकि तुम मनुष्यों के लिए स्वर्ग के राज्य का द्वार बंद कर देते हो; और न तो तुम स्वयं उसमें प्रवेश करते हो और न ही उन्हें जो प्रवेश कर रहे हैं, प्रवेश करने देते हो।
जो विधवाओं के घरों को हड़प लेते हैं और दिखावे के लिए लंबी-लंबी प्रार्थनाएँ करते हैं। वे कठोर दंड पाएँगे।”
जो विधवाओं के घरों को हड़प लेते हैं और दिखावे के लिए लंबी-लंबी प्रार्थनाएँ करते हैं; वे कठोर दंड पाएँगे।”
प्रत्येक व्यक्ति शासकीय अधिकारियों के अधीन रहे, क्योंकि कोई अधिकार ऐसा नहीं जो परमेश्वर की ओर से न हो, और जो अधिकारी हैं वे परमेश्वर के द्वारा नियुक्त हैं।
शासक अच्छे कार्य के लिए नहीं परंतु बुरे कार्य के लिए भय का कारण होते हैं। यदि तू अधिकारी से निर्भय रहना चाहता है तो वही कर जो अच्छा है, और उसकी ओर से तेरी प्रशंसा होगी;
तब तू मुझसे कहेगा, “फिर वह अब भी दोष क्यों लगाता है? क्योंकि कौन उसकी इच्छा का विरोध कर सकता है?”
लोगों को स्मरण दिला कि वे शासकों और अधिकारियों की अधीनता में रहें, और उनकी आज्ञा मानें, तथा हर भले कार्य के लिए तैयार रहें।
हे मेरे भाइयो, तुममें से बहुत लोग शिक्षक न बनें, क्योंकि जानते हो कि हम शिक्षक और कठोर दंड पाएँगे।