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रोमियों 1:21 - नवीन हिंदी बाइबल

क्योंकि परमेश्‍वर को जानने पर भी उन्होंने न तो परमेश्‍वर के योग्य उसकी महिमा की और न ही उसका धन्यवाद किया, बल्कि वे अपने विचारों में निरर्थक हो गए और उनका नासमझ मन अंधकारमय हो गया।

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पवित्र बाइबल

यद्यपि वे परमेश्वर को जानते है किन्तु वे उसे परमेश्वर के रूप में सम्मान या धन्यवाद नहीं देते। बल्कि वे अपने विचारों में निरर्थक हो गये। और उनके जड़ मन अन्धेरे से भर गये।

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Hindi Holy Bible

इस कारण कि परमेश्वर को जानने पर भी उन्होंने परमेश्वर के योग्य बड़ाई और धन्यवाद न किया, परन्तु व्यर्थ विचार करने लगे, यहां तक कि उन का निर्बुद्धि मन अन्धेरा हो गया।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

क्‍योंकि उन्‍होंने परमेश्‍वर को जानते हुए भी उसे परमेश्‍वर के रूप में समुचित आदर और धन्‍यवाद नहीं दिया। उनका समस्‍त चिन्‍तन व्‍यर्थ चला गया और उनका विवेकहीन मन अन्‍धकारमय हो गया।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

इस कारण कि परमेश्‍वर को जानने पर भी उन्होंने परमेश्‍वर के योग्य बड़ाई और धन्यवाद न किया, परन्तु व्यर्थ विचार करने लगे, यहाँ तक कि उन का निर्बुद्धि मन अन्धेरा हो गया।

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सरल हिन्दी बाइबल

परमेश्वर का ज्ञान होने पर भी उन्होंने न तो परमेश्वर को परमेश्वर के योग्य सम्मान दिया और न ही उनका आभार माना. इसके विपरीत उनकी विचार शक्ति व्यर्थ हो गई तथा उनके जड़ हृदयों पर अंधकार छा गया.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

इस कारण कि परमेश्वर को जानने पर भी उन्होंने परमेश्वर के योग्य बड़ाई और धन्यवाद न किया, परन्तु व्यर्थ विचार करने लगे, यहाँ तक कि उनका निर्बुद्धि मन अंधेरा हो गया।

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रोमियों 1:21
34 क्रॉस रेफरेंस  

तब यहोवा ने देखा कि पृथ्वी पर मनुष्य की दुष्‍टता बढ़ गई है, और उसके मन का प्रत्येक विचार निरंतर बुरा ही होता है।


तब यहोवा ने मनमोहक सुगंध पाकर अपने मन में कहा, “मैं फिर कभी मनुष्य के कारण भूमि को शाप न दूँगा, यद्यपि मनुष्य के मन में बचपन से जो कुछ उत्पन्‍न होता है वह बुरा ही है। जैसा मैंने प्रत्येक प्राणी को अब नाश किया है, वैसा फिर कभी न करूँगा।


जो धन्यवाद का बलिदान चढ़ाता है वह मेरी महिमा करता है, और जो अपना मार्ग सीधा बनाए रखता है, उसे मैं परमेश्‍वर का किया हुआ उद्धार दिखाऊँगा।”


इसलिए मैंने उसे उसके हठ पर छोड़ दिया, कि वह अपनी ही युक्‍तियों के अनुसार चले।


हे प्रभु, तूने जितनी जातियों को बनाया है, वे सब आकर तेरे सामने दंडवत् करेंगी, और तेरे नाम की महिमा करेंगी।


देखो, मैंने केवल यह बात पाई है कि जब परमेश्‍वर ने मनुष्य को बनाया तो वह धर्मी था, परंतु उसने बहुत सी बुरी युक्‍तियाँ निकाल ली हैं।”


और दोष यह है कि ज्योति जगत में आ चुकी है, परंतु मनुष्यों ने अंधकार को ज्योति से अधिक प्रिय जाना, क्योंकि उनके कार्य बुरे थे।


कि तू उनकी आँखें खोले, ताकि वे अंधकार से ज्योति की ओर और शैतान के अधिकार से परमेश्‍वर की ओर फिरें,तथा पापों की क्षमा और उन लोगों के साथ उत्तराधिकार प्राप्‍त करें जो मुझ पर विश्‍वास करने के द्वारा पवित्र किए गए हैं।’


इसलिए कि परमेश्‍वर के विषय में जो कुछ भी जाना जा सकता है वह उन पर प्रकट है, क्योंकि उसे परमेश्‍वर ने उन पर प्रकट किया है।


जब उन्होंने परमेश्‍वर को पहचानना न चाहा, तब परमेश्‍वर ने उन्हें उनके भ्रष्‍ट मन के वश में छोड़ दिया कि वे अनुचित कार्य करें।


उनकी आँखों के आगे अंधेरा छा जाए कि वे न देखें, और उनकी पीठ सदा झुकी रहे।


और गैरयहूदी भी उन पर हुई दया के कारण परमेश्‍वर की महिमा करें; जैसा लिखा है : इसलिए गैरयहूदियों के बीच मैं तेरी स्तुति करूँगा, और तेरे नाम के भजन गाऊँगा।


क्योंकि मनुष्य स्वार्थी, लोभी, डींग मारनेवाले, अहंकारी, निंदक, माता-पिता की आज्ञा न माननेवाले, अकृतज्ञ, अपवित्र,


क्योंकि तुम जानते हो कि तुम्हारा निकम्मा चाल-चलन जो तुम्हारे पूर्वजों से चला आ रहा है, उससे तुम्हारा छुटकारा चाँदी या सोने जैसी नाशवान वस्तुओं से नहीं,


परंतु तुम एक चुना हुआ वंश, राजकीय याजकों का समाज, पवित्र लोग, और परमेश्‍वर की निज प्रजा हो, ताकि तुम उसके सद्गुणों को प्रकट करो, जिसने तुम्हें अंधकार में से अपनी अद्भुत ज्योति में बुलाया है।


उसने ऊँची आवाज़ से कहा, “परमेश्‍वर का भय मानो और उसकी महिमा करो, क्योंकि उसके न्याय करने का समय आ पहुँचा है। उसकी आराधना करो जिसने आकाश, पृथ्वी, समुद्र और जल के सोतों को बनाया है।”


हे प्रभु! कौन तुझसे न डरेगा और तेरे नाम की महिमा न करेगा? क्योंकि केवल तू ही पवित्र है। सब जातियाँ आएँगी और तेरे सामने दंडवत् करेंगी, क्योंकि तेरे न्याय के कार्य प्रकट हो गए हैं।”