तू झूठे मुकदमे से दूर रहना, तथा निर्दोष और धर्मी व्यक्ति को घात न करना, क्योंकि मैं दुष्ट को निर्दोष न ठहराऊँगा।
रोमियों 1:18 - नवीन हिंदी बाइबल परमेश्वर का प्रकोप उन लोगों की समस्त अभक्ति और अधार्मिकता पर स्वर्ग से प्रकट होता है जो सत्य को अधर्म से दबाए रखते हैं, पवित्र बाइबल उन लोगों को जो सत्य की अधर्म से दबाते हैं, बुरे कर्मों और हर बुराई पर स्वर्ग से परमेश्वर का कोप प्रकट होगा। Hindi Holy Bible परमेश्वर का क्रोध तो उन लोगों की सब अभक्ति और अधर्म पर स्वर्ग से प्रगट होता है, जो सत्य को अधर्म से दबाए रखते हैं। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) परमेश्वर का क्रोध स्वर्ग से उन लोगों के सब प्रकार के अधर्म और अन्याय पर प्रकट हो रहा है, जो अन्याय द्वारा सत्य को दबाये रखते हैं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) परमेश्वर का क्रोध तो उन लोगों की सब अभक्ति और अधर्म पर स्वर्ग से प्रगट होता है, जो सत्य को अधर्म से दबाए रखते हैं। सरल हिन्दी बाइबल स्वर्ग से परमेश्वर का क्रोध उन मनुष्यों की अभक्ति तथा दुराचरण पर प्रकट होता है, जो सच्चाई को अधर्म में दबाए रहते हैं इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 परमेश्वर का क्रोध तो उन लोगों की सब अभक्ति और अधर्म पर स्वर्ग से प्रगट होता है, जो सत्य को अधर्म से दबाए रखते हैं। |
तू झूठे मुकदमे से दूर रहना, तथा निर्दोष और धर्मी व्यक्ति को घात न करना, क्योंकि मैं दुष्ट को निर्दोष न ठहराऊँगा।
इसलिए कि परमेश्वर के विषय में जो कुछ भी जाना जा सकता है वह उन पर प्रकट है, क्योंकि उसे परमेश्वर ने उन पर प्रकट किया है।
जब उन्होंने परमेश्वर को पहचानना न चाहा, तब परमेश्वर ने उन्हें उनके भ्रष्ट मन के वश में छोड़ दिया कि वे अनुचित कार्य करें।
यद्यपि वे परमेश्वर की विधि जानते हैं कि ऐसे कार्य करनेवाले मृत्यु के योग्य हैं, फिर भी न केवल वे उन्हें करते हैं बल्कि ऐसा करनेवालों का समर्थन भी करते हैं।
हे मनुष्य, तू जो ऐसे कार्य करनेवालों पर दोष लगाता है और स्वयं उन्हीं कार्यों को करता है, क्या तू यह सोचता है कि तू परमेश्वर के दंड से बच जाएगा?
तो क्या हुआ? क्या हम दूसरों से अच्छे हैं? बिलकुल नहीं! हम पहले ही दोष लगा चुके हैं कि चाहे यहूदी हों या यूनानी, सब पाप के अधीन हैं।
क्योंकि व्यवस्था तो प्रकोप उत्पन्न करती है, परंतु जहाँ व्यवस्था नहीं, वहाँ उसका उल्लंघन भी नहीं होता।
इसलिए अब जबकि हम उसके लहू के द्वारा धर्मी ठहराए गए हैं, तो निश्चय ही उसके द्वारा परमेश्वर के क्रोध से भी बच जाएँगे।
और अपने अंगों को अधर्म के हथियार होने के लिए पाप को सौंप दो, बल्कि तुम अपने आपको मृतकों में से जीवित जानकर अपने अंगों को धार्मिकता के हथियार होने के लिए परमेश्वर को सौंप दो।
कोई तुम्हें व्यर्थ बातों से धोखा न दे, क्योंकि इन्हीं कार्यों के कारण परमेश्वर का प्रकोप आज्ञा न माननेवालों पर पड़ता है।
और अधर्म के हर प्रकार के धोखे के साथ होगा, क्योंकि उन्होंने सत्य के प्रेम को ग्रहण नहीं किया जिससे उनका उद्धार होता।