जो मनुष्य का भय मानता है वह अपने लिए जाल बिछाता है, परंतु जो यहोवा पर भरोसा रखता है, वह सुरक्षित रहता है।
यूहन्ना 9:22 - नवीन हिंदी बाइबल उसके माता-पिता ने ये बातें इसलिए कहीं क्योंकि वे यहूदियों से डरते थे; क्योंकि यहूदी पहले ही एकमत हो चुके थे कि यदि कोई यीशु को मसीह मानेगा तो वह आराधनालय से बाहर निकाल दिया जाएगा। पवित्र बाइबल उसके माता-पिता ने यह बात इसलिये कही थी कि वे यहूदी नेताओं से डरते थे। क्योंकि वे इस पर पहले ही सहमत हो चुके थे कि यदि कोई यीशु को मसीह माने तो उसे आराधनालय से निकाल दिया जाये। Hindi Holy Bible ये बातें उसके माता-पिता ने इसलिये कहीं क्योंकि वे यहूदियों से डरते थे; क्योंकि यहूदी एका कर चुके थे, कि यदि कोई कहे कि वह मसीह है, तो आराधनालय से निकाला जाए। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उसके माता-पिता ने यह इसलिए कहा कि वे धर्मगुरुओं से डरते थे। यहूदी धर्मगुरु यह तय कर चुके थे कि यदि कोई येशु को मसीह मानेगा, तो वह सभागृह से बहिष्कृत कर दिया जाएगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) ये बातें उसके माता–पिता ने इसलिये कहीं क्योंकि वे यहूदियों से डरते थे, क्योंकि यहूदी एकमत हो चुके थे कि यदि कोई कहे कि वह मसीह है, तो आराधनालय से निकाला जाए। सरल हिन्दी बाइबल उसके माता-पिता ने यहूदी अगुओं के भय से ऐसा कहा था क्योंकि यहूदी अगुए पहले ही एक मत हो चुके थे कि यदि किसी भी व्यक्ति ने मसीह येशु को मसीह के रूप में मान्यता दी तो उसे यहूदी सभागृह से बाहर कर दिया जाएगा. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 ये बातें उसके माता-पिता ने इसलिए कहीं क्योंकि वे यहूदियों से डरते थे; क्योंकि यहूदी एकमत हो चुके थे, कि यदि कोई कहे कि वह मसीह है, तो आराधनालय से निकाला जाए। |
जो मनुष्य का भय मानता है वह अपने लिए जाल बिछाता है, परंतु जो यहोवा पर भरोसा रखता है, वह सुरक्षित रहता है।
धन्य हो तुम, जब मनुष्य के पुत्र के कारण लोग तुमसे घृणा करें, और तुम्हारा बहिष्कार करें तथा तुम्हारी निंदा करें, और बुरा समझकर तुम्हारा नाम मिट्टी में मिला दें।
यूहन्ना की साक्षी यह है : जब यहूदियों ने यरूशलेम से उसके पास याजकों और लेवियों को यह पूछने के लिए भेजा, “तू कौन है?”
वे तुम्हें आराधनालयों से बाहर निकाल देंगे; बल्कि वह समय आ रहा है कि जो कोई तुम्हें मार डालेगा, वह समझेगा कि परमेश्वर की सेवा कर रहा है।
इन बातों के बाद अरिमतिया के यूसुफ ने, जो यहूदियों के डर के कारण गुप्त रूप से यीशु का शिष्य था, पिलातुस से विनती की कि उसे यीशु का शव ले जाने दे; और पिलातुस ने उसे अनुमति दे दी। अतः वह आकर उसका शव ले गया।
उसी दिन अर्थात् सप्ताह के पहले दिन, संध्या होने पर, उस स्थान पर जहाँ शिष्य यहूदियों के डर से द्वार बंद किए हुए थे, यीशु आकर उनके बीच में खड़ा हो गया और उनसे कहा,“तुम्हें शांति मिले।”
यहूदियों ने उसकी इस बात पर कि वह अंधा था और अब देखने लगा, तब तक विश्वास नहीं किया जब तक कि उस दृष्टि पानेवाले के माता-पिता को बुलवाकर
परंतु हम नहीं जानते कि अब यह कैसे देखता है और न ही जानते हैं कि इसकी आँखें किसने खोलीं। उसी से पूछ लो, वह सयाना है, वह स्वयं अपने विषय में बताएगा।”
इस पर उन्होंने उससे कहा, “तू तो पूर्ण रूप से पापों में जन्मा है, और क्या तू हमें सिखाता है?” और उन्होंने उसे बाहर निकाल दिया।
जब यीशु ने सुना कि उन्होंने उसे बाहर निकाल दिया है, तो उसने उससे मिलकर कहा,“क्या तू मनुष्यके पुत्र पर विश्वास करता है?”
तब उन्होंने उन्हें बुलाकर आज्ञा दी कि वे यीशु के नाम से कुछ भी बात न करें और न ही शिक्षा दें।
यद्यपि औरों में से किसी को उनमें सम्मिलित होने का साहस नहीं होता था, फिर भी लोग उनकी बड़ाई करते थे;
और प्रेरितों को भीतर बुलवाकर उन्हें पिटवाया, और उन्हें यीशु के नाम से बात न करने की आज्ञा देकर छोड़ दिया।
परंतु डरपोकों, अविश्वासियों, घृणितों, हत्यारों, व्यभिचारियों, जादू-टोना करनेवालों, मूर्तिपूजकों और सब झूठों का भाग आग और गंधक से जलती हुई झील में होगा, जो दूसरी मृत्यु है।”