इस पर लोगों ने उससे कहा, “हमने व्यवस्था में सुना है कि मसीह सदा काल तक बना रहेगा, फिर तू कैसे कहता है कि मनुष्य के पुत्र का ऊँचे पर चढ़ाया जाना अवश्य है? यह मनुष्य का पुत्र कौन है?”
यूहन्ना 7:36 - नवीन हिंदी बाइबल यह कैसी बात है जो उसने कही,‘तुम मुझे ढूँढ़ोगे परंतु मुझे नहीं पाओगे, और जहाँ मैं होऊँगा वहाँ तुम नहीं आ सकते’?” पवित्र बाइबल जो इसने कहा है: ‘तुम मुझे ढूँढोगे पर मुझे नहीं पाओगे।’ और ‘जहाँ मैं होऊँगा वहाँ तुम नहीं आ सकते।’ इसका अर्थ क्या है?” Hindi Holy Bible यह क्या बात है जो उस ने कही, कि तुम मुझे ढूंढ़ोगे, परन्तु न पाओगे: और जहां मैं हूं, वहां तुम नहीं आ सकते? पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) इनके इस कथन का क्या अर्थ है : ‘तुम लोग मुझे ढूँढ़ोगे, किन्तु नहीं पाओगे’ और ‘मैं जहाँ हूँ, तुम वहाँ नहीं आ सकते’?” पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) यह क्या बात है जो उसने कही, कि ‘तुम मुझे ढूँढ़ोगे, परन्तु न पाओगे; और जहाँ मैं हूँ, वहाँ तुम नहीं आ सकते’?” सरल हिन्दी बाइबल यह क्या कह रहा है कि तुम मुझे खोजोगे और नहीं पाओगे क्योंकि जहां मैं होऊंगा तुम वहां नहीं आ सकते?” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 यह क्या बात है जो उसने कही, कि ‘तुम मुझे ढूँढ़ोगे, परन्तु न पाओगे: और जहाँ मैं हूँ, वहाँ तुम नहीं आ सकते’?” |
इस पर लोगों ने उससे कहा, “हमने व्यवस्था में सुना है कि मसीह सदा काल तक बना रहेगा, फिर तू कैसे कहता है कि मनुष्य के पुत्र का ऊँचे पर चढ़ाया जाना अवश्य है? यह मनुष्य का पुत्र कौन है?”
बच्चो, मैं तुम्हारे साथ थोड़ी देर और हूँ। तुम मुझे ढूँढ़ोगे और जैसा मैंने यहूदियों से कहा, अब तुमसे भी कहता हूँ, ‘जहाँ मैं जा रहा हूँ वहाँ तुम नहीं आ सकते।’
नीकुदेमुस ने उससे पूछा, “मनुष्य बूढ़ा होकर कैसे जन्म ले सकता है? क्या वह अपनी माता के गर्भ में दुबारा प्रवेश करके जन्म ले सकता है?”
अतः यहूदी उसके विषय में कुड़कुड़ाने लगे क्योंकि उसने कहा,“वह रोटी जो स्वर्ग से उतरी, मैं हूँ।”
अतः यहूदी यह कहते हुए आपस में वाद-विवाद करने लगे, “यह हमें खाने के लिए अपना मांस कैसे दे सकता है?”
उसने फिर उनसे कहा,“मैं जा रहा हूँ और तुम मुझे ढूँढ़ोगे और अपने पाप में मर जाओगे। जहाँ मैं जा रहा हूँ वहाँ तुम नहीं आ सकते।”
परंतु शारीरिक मनुष्य परमेश्वर के आत्मा की बातों को ग्रहण नहीं करता, क्योंकि उसके लिए वह मूर्खता है; वह उन्हें जान नहीं सकता, क्योंकि वे आत्मिक रूप से परखी जाती हैं।