जो तेरे नाम को जानते हैं, वे तुझ पर भरोसा रखेंगे, क्योंकि हे यहोवा, तूने अपने खोजियों को त्याग नहीं दिया है।
यूहन्ना 7:28 - नवीन हिंदी बाइबल तब यीशु ने मंदिर-परिसर में उपदेश देते हुए पुकारकर कहा,“तुम मुझे जानते हो और यह भी जानते हो कि मैं कहाँ का हूँ। मैं अपने आपसे नहीं आया, परंतु जिसने मुझे भेजा है वह सच्चा है, जिसे तुम नहीं जानते। पवित्र बाइबल यीशु जब मन्दिर में उपदेश दे रहा था, उसने ऊँचे स्वर में कहा, “तुम मुझे जानते हो और यह भी जानते हो मैं कहाँ से आया हूँ। फिर भी मैं अपनी ओर से नहीं आया। जिसने मुझे भेजा है, वह सत्य है, तुम उसे नहीं जानते। Hindi Holy Bible तब यीशु ने मन्दिर में उपदेश देते हुए पुकार के कहा, तुम मुझे जानते हो और यह भी जानते हो कि मैं कहां का हूं: मैं तो आप से नहीं आया परन्तु मेरा भेजनेवाला सच्चा है, उस को तुम नहीं जानते। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) येशु ने मन्दिर में शिक्षा देते हुए पुकार कर कहा, “तुम मुझे जानते हो और यह भी जानते हो कि मैं कहाँ का हूँ। मैं अपनी इच्छा से नहीं आया हूँ। जिसने मुझे भेजा है, वह सच्चा है और तुम उसे नहीं जानते। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब यीशु ने मन्दिर में उपदेश देते हुए पुकार के कहा, “तुम मुझे जानते हो, और यह भी जानते हो कि मैं कहाँ का हूँ। मैं तो आप से नहीं आया, परन्तु मेरा भेजने वाला सच्चा है, उसको तुम नहीं जानते। सरल हिन्दी बाइबल मंदिर में शिक्षा देते हुए मसीह येशु ने ऊंचे शब्द में कहा, “तुम मुझे जानते हो और यह भी जानते हो कि मैं कहां से आया हूं. सच यह है कि मैं स्वयं नहीं आया. जिन्होंने मुझे भेजा है, वह सच्चा है किंतु तुम उन्हें नहीं जानते, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब यीशु ने मन्दिर में उपदेश देते हुए पुकारके कहा, “तुम मुझे जानते हो और यह भी जानते हो कि मैं कहाँ का हूँ। मैं तो आप से नहीं आया परन्तु मेरा भेजनेवाला सच्चा है, उसको तुम नहीं जानते। |
जो तेरे नाम को जानते हैं, वे तुझ पर भरोसा रखेंगे, क्योंकि हे यहोवा, तूने अपने खोजियों को त्याग नहीं दिया है।
“मेरे पिता के द्वारा मुझे सब कुछ सौंपा गया है, और पिता को छोड़ पुत्र को कोई नहीं जानता; और पुत्र तथा जिस पर पुत्र प्रकट करना चाहे उसको छोड़ पिता को कोई नहीं जानता।
और नासरत नामक नगर में आ बसा, जिससे कि वह वचन जो भविष्यवक्ताओं के द्वारा कहा गया था, पूरा हो कि वह नासरी कहलाएगा।
उस समय यीशु ने भीड़ से कहा,“क्या तुम डाकू समझकर तलवारों और लाठियों के साथ मुझे पकड़ने आए हो? मैं तो प्रतिदिन मंदिर में बैठकर उपदेश देता था, तब तो तुमने मुझे नहीं पकड़ा।
मेरे पिता ने मुझे सब कुछ सौंपा है, और पिता को छोड़ कोई नहीं जानता कि पुत्र कौन है; और न ही पुत्र और जिस पर पुत्र प्रकट करना चाहे उसको छोड़ कोई जानता है कि पिता कौन है।”
जब उन्होंने प्रभु की व्यवस्था के अनुसार सब कुछ पूरा कर लिया, तो गलील में अपने नगर नासरत को लौट गए।
अतः यूसुफ भी इसलिए कि वह दाऊद के घराने और वंश का था, गलील के नासरत नगर से यहूदिया में दाऊद के नगर को गया, जो बैतलहम कहलाता है,
फिर वह उनके साथ गया और नासरत में आया, तथा उनके अधीन रहा। उसकी माता ने इन सब बातों को अपने मन में रखा।
नतनएल ने उससे कहा, “क्या नासरत से कुछ अच्छा निकल सकता है?” फिलिप्पुस ने उससे कहा, “आ और देख ले।”
तो जिसे पिता ने पवित्र किया और जगत में भेजा, उसे तुम कहते हो, ‘तू परमेश्वर की निंदा कर रहा है।’ क्योंकि मैंने कहा, ‘मैं परमेश्वर का पुत्र हूँ’?
क्योंकि मैंने यह अपनी ओर से नहीं कहा, परंतु पिता जिसने मुझे भेजा है, उसी ने मुझे आज्ञा दी है कि मैं क्या कहूँ और क्या बोलूँ।
क्या तू विश्वास नहीं करता कि मैं पिता में हूँ और पिता मुझमें है? जो बातें मैं तुमसे कहता हूँ, अपनी ओर से नहीं कहता; परंतु पिता जो मुझमें रहता है, वही अपने कार्य करता है।
बल्कि यह इसलिए है कि संसार जाने कि मैं पिता से प्रेम रखता हूँ, और जिस प्रकार पिता ने मुझे आज्ञा दी, मैं उसी प्रकार करता हूँ। “उठो, यहाँ से चलें।
हे धर्मी पिता, यद्यपि संसार ने तुझे नहीं जाना, परंतु मैंने तुझे जाना, और इन्होंने भी जाना कि तूने मुझे भेजा,
और अनंत जीवन यह है कि वे तुझ एकमात्र सच्चे परमेश्वर को और यीशु मसीह को, जिसे तूने भेजा है, जानें।
वह रात को यीशु के पास आया और उससे कहा, “हे रब्बी, हम जानते हैं कि तू परमेश्वर की ओर से आया हुआ गुरु है, क्योंकि जिन चिह्नों को तू दिखाता है उन्हें जब तक परमेश्वर साथ न हो, कोई दिखा नहीं सकता।”
एक और है जो मेरे विषय में साक्षी देता है, और मैं जानता हूँ कि जो साक्षी वह मेरे विषय में देता है, वह सच्ची है।
मैं अपने पिता के नाम से आया हूँ, और तुम मुझे ग्रहण नहीं करते। यदि कोई अपने नाम से आए तो तुम उसे ग्रहण कर लोगे।
तब वे कहने लगे, “क्या यह यूसुफ का पुत्र यीशु नहीं, जिसके पिता और माता को हम जानते हैं? तो अब यह कैसे कहता है,‘मैं स्वर्ग से उतर आया हूँ’ ?”
इस पर यीशु ने उनसे कहा,“भले ही मैं अपने विषय में साक्षी दूँ फिर भी मेरी साक्षी सच्ची है, क्योंकि मैं जानता हूँ कि मैं कहाँ से आया हूँ और कहाँ जा रहा हूँ। परंतु तुम नहीं जानते कि मैं कहाँ से आया हूँ या कहाँ जा रहा हूँ।
और यदि मैं न्याय करूँ भी तो मेरा न्याय सच्चा है, क्योंकि मैं अकेला नहीं हूँ बल्कि इसमें मैं हूँ और पिता है जिसने मुझे भेजा है।
तब वे उससे कहने लगे, “तेरा पिता कहाँ है?” यीशु ने उत्तर दिया,“तुम न तो मुझे और न ही मेरे पिता को जानते हो। यदि तुम मुझे जानते, तो मेरे पिता को भी जानते।”
तुम्हारे विषय में मुझे बहुत कुछ कहना है और निर्णय करना है। परंतु जिसने मुझे भेजा है वह सच्चा है, और जो बातें मैंने उससे सुनीं, वही जगत से कहता हूँ।”
यीशु ने उनसे कहा,“यदि परमेश्वर तुम्हारा पिता होता तो तुम मुझसे प्रेम रखते, क्योंकि मैं परमेश्वर की ओर से आया और यहाँ हूँ; मैं अपने आपसे नहीं आया बल्कि उसी ने मुझे भेजा है।
हम जानते हैं कि परमेश्वर ने मूसा से बातें कीं, परंतु हम इसको नहीं जानते कि कहाँ का है।”
क्योंकि जब मैं घूमते-फिरते तुम्हारी पूजने की वस्तुओं को देख रहा था तो मुझे एक वेदी भी मिली, जिस पर लिखा था : ‘अनजाने ईश्वर के लिए।’ इसलिए जिसे तुम न जानते हुए पूजते हो, मैं उसी के विषय में तुम्हें बताता हूँ।
जब उन्होंने परमेश्वर को पहचानना न चाहा, तब परमेश्वर ने उन्हें उनके भ्रष्ट मन के वश में छोड़ दिया कि वे अनुचित कार्य करें।
कदापि नहीं! चाहे प्रत्येक मनुष्य झूठा ठहरे, परंतु परमेश्वर सच्चा है, जैसा लिखा है : तू अपने वचनों में धर्मी ठहरे और अपने न्याय में विजयी हो।
जिस प्रकार परमेश्वर विश्वासयोग्य है, उसी प्रकार तुम्हारे प्रति हमारे वचन में “हाँ” और “नहीं” दोनों एक साथ नहीं पाए जाते।
इसलिए कि परमेश्वर जिसने कहा, “अंधकार में से ज्योति चमके,” वह स्वयं हमारे हृदयों में चमका कि हमें परमेश्वर की महिमा के ज्ञान का प्रकाश प्रदान करे जो यीशु मसीह के चेहरे में है।
उस अनंत जीवन की आशा में जिसकी प्रतिज्ञा परमेश्वर ने, जो झूठ नहीं बोल सकता, सनातन काल से की है,
ताकि दो न बदलनेवाली बातों के द्वारा, जिनमें परमेश्वर का झूठा ठहरना असंभव है, हमें—जो सामने रखी हुई आशा को प्राप्त करने के लिए दौड़ पड़े हैं—दृढ़ प्रोत्साहन मिले।
जो परमेश्वर के पुत्र पर विश्वास करता है, वह स्वयं में यह साक्षी रखता है। जो परमेश्वर पर विश्वास नहीं करता उसने उसे झूठा ठहरा दिया है, क्योंकि उसने उस साक्षी पर विश्वास नहीं किया जो परमेश्वर ने अपने पुत्र के विषय में दी है।