क्या ही धन्य है वह पुरुष जो मेरी सुनता है, और मेरे फाटकों पर प्रतिदिन दृष्टि लगाए रहता है, बल्कि मेरी चौखट पर प्रतीक्षा करता है।
यूहन्ना 5:3 - नवीन हिंदी बाइबल इनमें बहुत से बीमार, अंधे, लंगड़े और सूखे अंगवाले [पानी हिलने की प्रतीक्षा में] पड़े रहते थे। पवित्र बाइबल जिनमें नेत्रहीन, अपंग और लकवे के बीमारों की भीड़ पड़ी रहती है। Hindi Holy Bible इन में बहुत से बीमार, अन्धे, लंगड़े और सूखे अंग वाले (पानी के हिलने की आशा में) पड़े रहते थे। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उन में बहुत-से रोगी−अन्धे, लंगड़े और अर्द्धांगरोगी पड़े रहते थे। [वे पानी के लहराने की राह देखते थे, पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इनमें बहुत से बीमार, अंधे, लंगड़े और सूखे अंगवाले [पानी के हिलने की आशा में] पड़े रहते थे। सरल हिन्दी बाइबल उसके किनारे अंधे, अपंग और लकवे के अनेक रोगी पड़े रहते थे, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इनमें बहुत से बीमार, अंधे, लँगड़े और सूखे अंगवाले (पानी के हिलने की आशा में) पड़े रहते थे। |
क्या ही धन्य है वह पुरुष जो मेरी सुनता है, और मेरे फाटकों पर प्रतिदिन दृष्टि लगाए रहता है, बल्कि मेरी चौखट पर प्रतीक्षा करता है।
तब बहुत से लोग लंगड़े, अंधे, लूले, गूँगे और अन्य बहुतों को अपने साथ लेकर यीशु के पास आए और उन्हें उसके चरणों पर डाल दिया, और उसने उन्हें स्वस्थ किया;
उसकी चर्चा सारे सीरिया में फैल गई; तब वे सब बीमारों को जो भिन्न-भिन्न प्रकार की बीमारियों और दुःखों से जकड़े हुए थे, और दुष्टात्माग्रस्त लोगों, तथा मिर्गी और लकवे के रोगियों को उसके पास लाए, और उसने उन्हें स्वस्थ कर दिया।
तब यीशु ने उन्हें उत्तर दिया,“जो कुछ तुमने देखा और सुना है, जाकर यूहन्ना को बताओ; अंधे देखते हैं, लंगड़े चलते हैं, कोढ़ी शुद्ध किए जाते हैं और बहरे सुनते हैं, मृतक जिलाए जाते हैं और कंगालों को सुसमाचार सुनाया जाता है;
यरूशलेम में भेड़-फाटक के पास एक कुंड है जो इब्रानी भाषा में बैतहसदा कहलाता है; उसके पाँच ओसारे हैं।
[क्योंकि स्वर्गदूत निश्चित समय पर कुंड में उतरकर पानी को हिलाता था। पानी के हिलने के बाद जो भी उसमें पहले उतरता था, चाहे वह किसी भी बीमारी से पीड़ित क्यों न हो, स्वस्थ हो जाता था।]
परंतु यदि हम उसकी आशा करते हैं जो दिखाई नहीं देती, तो हम धीरज से उत्सुकतापूर्वक उसकी प्रतीक्षा करते हैं।
इसलिए हे भाइयो, प्रभु के आगमन तक धीरज धरो। देखो, किसान भूमि की बहुमूल्य उपज के लिए प्रथम और अंतिम वर्षा होने तक बड़े धीरज से प्रतीक्षा करता है।