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यूहन्ना 4:38 - नवीन हिंदी बाइबल

मैंने तुम्हें वह फसल काटने के लिए भेजा जिसके लिए तुमने परिश्रम नहीं किया; दूसरों ने परिश्रम किया है और तुम उनके परिश्रम में सहभागी हुए हो।”

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पवित्र बाइबल

मैंने तुम्हें उस फ़सल को काटने भेजा है जिस पर तुम्हारी मेहनत नहीं लगी है। जिस पर दूसरों ने मेहनत की है और उनकी मेहनत का फल तुम्हें मिला है।”

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Hindi Holy Bible

मैं ने तुम्हें वह खेत काटने के लिये भेजा, जिस में तुम ने परिश्रम नहीं किया: औरों ने परिश्रम किया और तुम उन के परिश्रम के फल में भागी हुए॥

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

मैंने तुम लोगों को वह खेत काटने भेजा, जिस में तुम ने परिश्रम नहीं किया है− दूसरों ने परिश्रम किया और तुम्‍हें उनके परिश्रम का फल मिल रहा है।”

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

मैं ने तुम्हें वह खेत काटने के लिये भेजा जिसमें तुमने परिश्रम नहीं किया : दूसरों ने परिश्रम किया और तुम उनके परिश्रम के फल में भागी हुए।”

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सरल हिन्दी बाइबल

जिस उपज के लिए तुमने कोई परिश्रम नहीं किया, उसी को काटने मैंने तुम्हें भेजा है. परिश्रम अन्य लोगों ने किया और तुम उनके प्रतिफल में शामिल हो गए.”

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

मैंने तुम्हें वह खेत काटने के लिये भेजा जिसमें तुम ने परिश्रम नहीं किया औरों ने परिश्रम किया और तुम उनके परिश्रम के फल में भागी हुए।”

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यूहन्ना 4:38
20 क्रॉस रेफरेंस  

यीशु सारे गलील में घूमता रहा और उनके आराधनालयों में उपदेश देता और राज्य का सुसमाचार प्रचार करता और लोगों की हर प्रकार की बीमारी और हर प्रकार की दुर्बलता को दूर करता रहा।


वह साक्षी देने के लिए आया कि उस ज्योति के विषय में साक्षी दे, ताकि सब उसके द्वारा विश्‍वास करें।


जैसे तूने मुझे जगत में भेजा, वैसे ही मैंने भी उन्हें जगत में भेजा।


इसलिए यहाँ पर यह कहावत सच है, ‘बोनेवाला कोई और है तथा काटनेवाला कोई और।’


उस नगर के बहुत से सामरियों ने यीशु पर विश्‍वास किया क्योंकि साक्षी देनेवाली स्‍त्री ने यह कहा था, “जो मैंने किया था, उसने मुझे सब कुछ बता दिया।”


अतः जिन्होंने उसका वचन ग्रहण किया उन्होंने बपतिस्मा लिया, और उसी दिन लगभग तीन हज़ार लोग उनमें जुड़ गए।


विश्‍वास करनेवालों का समूह एक मन और एक चित्त था, और कोई भी अपनी संपत्ति को अपनी नहीं कहता था, बल्कि उनका सब कुछ साझे का था।


परंतु वचन सुननेवालों में से बहुतों ने विश्‍वास किया, और उन पुरुषों की संख्या लगभग पाँच हज़ार हो गई।


और प्रभु पर विश्‍वास करनेवाले पुरुषों और स्‍त्रियों की संख्या बढ़ती जा रही थी।)


इस प्रकार परमेश्‍वर का वचन फैलता गया, और यरूशलेम में शिष्यों की संख्या बहुत बढ़ती गई, और बहुत से याजक भी इस मत को मानने लगे।


हम मर्यादा से बाहर दूसरों के परिश्रम पर गर्व नहीं करते, परंतु हमारी आशा है कि तुम्हारा विश्‍वास बढ़ता जाए और तुम्हारे द्वारा हमारा कार्यक्षेत्र और भी फैलता जाए,