मैं तुझसे सच-सच कहता हूँ कि जो हम जानते हैं वह कहते हैं, और जो हमने देखा है उसकी साक्षी देते हैं, परंतु तुम हमारी साक्षी ग्रहण नहीं करते।
यूहन्ना 3:12 - नवीन हिंदी बाइबल जब मैं तुमसे पृथ्वी की बातें कहता हूँ, तुम विश्वास नहीं करते, तो यदि मैं तुमसे स्वर्ग की बातें कहूँ तो तुम कैसे विश्वास करोगे? पवित्र बाइबल मैंने तुम्हें धरती की बातें बतायीं और तुमने उन पर विश्वास नहीं किया इसलिये अगर मैं स्वर्ग की बातें बताऊँ तो तुम उन पर कैसे विश्वास करोगे? Hindi Holy Bible जब मैं ने तुम से पृथ्वी की बातें कहीं, और तुम प्रतीति नहीं करते, तो यदि मैं तुम से स्वर्ग की बातें कहूं, तो फिर क्योंकर प्रतीति करोगे? पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैंने आप को पृथ्वी की बातें बतायीं और आप विश्वास नहीं करते। यदि मैं आप को स्वर्ग की बातें बताऊं, तो आप कैसे विश्वास करेंगे? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जब मैं ने तुम से पृथ्वी की बातें कहीं और तुम विश्वास नहीं करते, तो यदि मैं तुम से स्वर्ग की बातें कहूँ तो फिर कैसे विश्वास करोगे? सरल हिन्दी बाइबल जब मैं आपसे सांसारिक विषयों की बातें करता हूं, आप मेरा विश्वास नहीं करते तो यदि मैं स्वर्गीय विषयों की बातें करूं तो विश्वास कैसे करेंगे? इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जब मैंने तुम से पृथ्वी की बातें कहीं, और तुम विश्वास नहीं करते, तो यदि मैं तुम से स्वर्ग की बातें कहूँ, तो फिर क्यों विश्वास करोगे? |
मैं तुझसे सच-सच कहता हूँ कि जो हम जानते हैं वह कहते हैं, और जो हमने देखा है उसकी साक्षी देते हैं, परंतु तुम हमारी साक्षी ग्रहण नहीं करते।
इस पर यीशु ने उससे कहा,“मैं तुझसे सच-सच कहता हूँ, जब तक कोई नए सिरे से जन्म न ले, वह परमेश्वर के राज्य को नहीं देख सकता।”
यीशु ने उत्तर दिया,“मैं तुझसे सच-सच कहता हूँ, जब तक कोई जल और आत्मा से जन्म न ले, वह परमेश्वर के राज्य में प्रवेश नहीं कर सकता।
हवा जिधर चाहती है उधर चलती है और तू उसकी आवाज़ सुनता है, परंतु नहीं जानता कि वह कहाँ से आती और किधर जाती है। प्रत्येक जो आत्मा से जन्मा है वह ऐसा ही है।”
निस्संदेह भक्ति का यह भेद बड़ा है : वह देह में प्रकट हुआ, आत्मा के द्वारा धर्मी ठहरा, स्वर्गदूतों को दिखाई दिया, गैरयहूदियों में उसका प्रचार हुआ, जगत में उस पर विश्वास किया गया और महिमा में ऊपर उठा लिया गया।
इस विषय में हमारे पास कहने के लिए बहुत कुछ है, जिसे समझाना कठिन है, क्योंकि तुम ऊँचा सुनने लगे हो।
प्रेम इसमें नहीं कि हमने परमेश्वर से प्रेम रखा, बल्कि इसमें है कि परमेश्वर ने हमसे प्रेम रखा और अपने पुत्र को हमारे पापों के प्रायश्चित्त के लिए भेजा।