और उससे विनती करने लगे कि वह उन्हें अपने वस्त्र का किनारा ही छूने दे; और जितनों ने छुआ, वे स्वस्थ हो गए।
मरकुस 6:56 - नवीन हिंदी बाइबल वह जिन-जिन गाँवों, नगरों या बस्तियों में प्रवेश करता था, लोग अपने बीमारों को बाज़ारों में लिटा देते और उससे विनती करते थे कि उसके वस्त्र का किनारा ही छूने दे; और जितने उसे छूते, वे स्वस्थ हो जाते थे। पवित्र बाइबल वह गावों में, नगरों में या बस्तियों में, जहाँ कहीं भी जाता, लोग अपने बीमारों को बाज़ारों में रख देते और उससे विनती करते कि वह अपने वस्त्र का बस कोई सिरा ही उन्हें छू लेने दे। और जो भी उसे छू पाये, सब चंगे हो गये। Hindi Holy Bible और जहां कहीं वह गांवों, नगरों, या बस्तियों में जाता था, तो लोग बीमारों को बाजारों में रखकर उस से बिनती करते थे, कि वह उन्हें अपने वस्त्र के आंचल ही को छू लेने दे: और जितने उसे छूते थे, सब चंगे हो जाते थे॥ पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) गाँव, नगर या बस्ती, जहाँ कहीं भी येशु आते, वहाँ लोग रोगियों को सार्वजनिक स्थानों पर रख कर उनसे अनुनय-विनय करते थे कि वह उन्हें अपने वस्त्र का सिरा ही छूने दें। जितनों ने उनका स्पर्श किया, वे सब-के-सब स्वस्थ्य हो गये। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और जहाँ कहीं वह गाँवों, नगरों, या बस्तियों में जाता था, लोग बीमारों को बाजारों में रखकर उससे विनती करते थे कि वह उन्हें अपने वस्त्र के आँचल ही को छू लेने दे : और जितने उसे छूते थे, सब चंगे हो जाते थे। सरल हिन्दी बाइबल मसीह येशु जिस किसी नगर, गांव या बाहरी क्षेत्र में प्रवेश करते थे, लोग रोगियों को सार्वजनिक स्थलों में लिटा कर उनसे विनती करते थे कि उन्हें उनके वस्त्र के छोर का स्पर्श मात्र ही कर लेने दें. जो कोई उनके वस्त्र का स्पर्श कर लेता था, स्वस्थ हो जाता था. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और जहाँ कहीं वह गाँवों, नगरों, या बस्तियों में जाता था, तो लोग बीमारों को बाजारों में रखकर उससे विनती करते थे, कि वह उन्हें अपने वस्त्र के आँचल ही को छू लेने दे: और जितने उसे छूते थे, सब चंगे हो जाते थे। |
और उससे विनती करने लगे कि वह उन्हें अपने वस्त्र का किनारा ही छूने दे; और जितनों ने छुआ, वे स्वस्थ हो गए।
और देखो, एक स्त्री ने जो बारह वर्ष से रक्तस्राव से पीड़ित थी, पीछे से आकर यीशु के वस्त्र का किनारा छू लिया।
क्योंकि उसने बहुतों को स्वस्थ किया था, इसलिए जितने भी बीमार थे, वे सभी उसे छूने के लिए उस पर गिरे जाते थे।
उस संपूर्ण क्षेत्र में चारों ओर भागते फिरे और जहाँ कहीं उन्होंने सुना कि यीशु है, वे अपने बीमारों को बिछौनों पर रखकर वहीं ले जाने लगे।
“किसी दूसरे के द्वारा उद्धार नहीं, क्योंकि स्वर्ग के नीचे मनुष्यों के बीच में कोई दूसरा नाम नहीं दिया गया जिसके द्वारा हमारा उद्धार हो सके।”
यदि आज एक दुर्बल मनुष्य के साथ हुई भलाई के विषय में हमसे पूछताछ की जा रही है कि वह कैसे अच्छा हुआ है,
यहाँ तक कि लोग बीमारों को बिछौनों और खाटों पर ला-लाकर सड़कों पर लिटा देते थे कि जब पतरस आए तो उसकी छाया ही उनमें से किसी पर पड़ जाए।