तब यीशु ने उन्हें अपने पास बुलाकर उनसे कहा,“तुम जानते हो कि जो गैरयहूदियों के शासक समझे जाते हैं, वे उन पर प्रभुता करते हैं और उनमें जो बड़े हैं वे उन पर अधिकार जताते हैं।
मरकुस 10:43 - नवीन हिंदी बाइबल परंतु तुममें ऐसा नहीं है, बल्कि जो कोई तुममें बड़ा बनना चाहे, उसे तुम्हारा सेवक बनना होगा; पवित्र बाइबल पर तुम्हारे साथ ऐसा नहीं है। तुममें से जो कोई बड़ा बनना चाहता है, वह तुम सब का दास बने। Hindi Holy Bible पर तुम में ऐसा नहीं है, वरन जो कोई तुम में बड़ा होना चाहे वह तुम्हारा सेवक बने। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) किन्तु तुम में ऐसी बात नहीं होगी। जो तुम लोगों में बड़ा होना चाहता है, वह तुम्हारा सेवक बने पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) पर तुम में ऐसा नहीं है, वरन् जो कोई तुम में बड़ा होना चाहे वह तुम्हारा सेवक बने; सरल हिन्दी बाइबल किंतु तुम्हारे विषय में ऐसा नहीं है. तुममें जो बड़ा बनने का इच्छुक है, उसको तुम्हारा सेवक हो जाना ज़रूरी है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 पर तुम में ऐसा नहीं है, वरन् जो कोई तुम में बड़ा होना चाहे वह तुम्हारा सेवक बने; |
तब यीशु ने उन्हें अपने पास बुलाकर उनसे कहा,“तुम जानते हो कि जो गैरयहूदियों के शासक समझे जाते हैं, वे उन पर प्रभुता करते हैं और उनमें जो बड़े हैं वे उन पर अधिकार जताते हैं।
तब उसने बैठकर बारहों को बुलाया और उनसे कहा,“यदि कोई प्रथमहोना चाहे तो वह सब से अंतिमऔर सब का सेवक बने।”
क्योंकि प्रत्येक जो अपने आपको ऊँचा उठाता है वह नीचा किया जाएगा, और जो अपने आपको दीन करता है वह ऊँचा उठाया जाएगा।”
मैं तुमसे कहता हूँ, यही मनुष्य धर्मी ठहराया जाकर अपने घर गया, न कि वह दूसरा मनुष्य; क्योंकि प्रत्येक जो अपने आपको ऊँचा उठाता है वह नीचा किया जाएगा, परंतु जो अपने आपको दीन करता है वह ऊँचा उठाया जाएगा।”
परंतु तुममें ऐसा न हो, बल्कि जो तुममें बड़ा है वह छोटे के समान, और जो प्रमुख है वह सेवक के समान हो।
और उनसे कहा,“जो कोई मेरे नाम से इस बच्चे को ग्रहण करता है, वह मुझे ग्रहण करता है, और जो मुझे ग्रहण करता है, वह मेरे भेजनेवाले को ग्रहण करता है; क्योंकि तुम सब में जो छोटा है, वही बड़ा है।”
यीशु ने उत्तर दिया,“मेरा राज्य इस संसार का नहीं है। यदि मेरा राज्य इस संसार का होता, तो मेरे सेवक युद्ध करते कि मैं यहूदियों के हाथ में सौंपा न जाता; परंतु मेरा राज्य यहाँ का नहीं है।”
इस संसार के सदृश्य न बनो, बल्कि अपने मन के नए हो जाने के द्वारा तुम परिवर्तित होते जाओ, जिससे तुम परमेश्वर की इच्छा को पहचान सको, जो भली, ग्रहणयोग्य और सिद्ध है।
हे भाइयो, तुम स्वतंत्रता के लिए बुलाए गए हो; इस स्वतंत्रता का प्रयोग शरीर को अवसर देने के लिए न करो, बल्कि प्रेम से एक दूसरे की सेवा करो।